डरिये मत किसी की जान बचाइए …..हम दोनों बेख़ौफ़ थे

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(सत्यवान ‘सौरभ’)
ल सुबह हम नारी सम्मान समारोह के लिए दिल्ली के लिए निकले तो तोशाम से सांगवान गाँव के पास एक बस और थ्री व्हीलर की टक्कर  में थ्री, व्हीलर में बैठी सभी सवारियां बस के नीचे आने से बुरी तरह घायल हो गयी, जहाँ तक हम देख पाए एक शख्श की तो मौके पर बुरी तरह कुचलने से मौत हो गयी। मेरी नज़र में दो शख्स जिसमें से एक का सिर गहरी चोट से खुल गया था, सड़क पर कराह रहा था। लोग पुलिस के डर से उसके पास तक नहीं जा रहे थे।  ये मुझे और प्रियंका को बहुत अजीब लगा।
मैंने प्रियंका से बात की कि कार्यक्रम में हम लेट पहुंच जायेंगे, मगर इस अजनबी भाई को कैसे मरता छोड़ दें। प्रियंका भी यही सोच रही थी कि कार्यक्रम तो जिंदगी में और मिल जायँगे, मैंने एक गाड़ी और रुकवाई और मेरी  तथा उस भाई की गाड़ी में दोनों घायलों को बंसीलाल सिविल हॉस्पिटल (भिवानी )पहुँचाया। अस्पताल स्टाफ ने तुरंत इलाज़ शुरू किया और हमारा धन्यवाद कर हमें अपने गंतव्य की और शुभकामना देकर रवाना कर दिया।  रास्ते में मैंने अपने मित्र भिवानी ADC डॉ. राहुल नरवाल को पूरी घटना से अवगत करवा दिया। उन्होंने भी कहा, “आप अपने कार्यक्रम में सकुशल पहुंचो, बाकी मैं देख लूँगा”. ईश्वर की कृपया से शायद दोनों घायलों की जान बच गयी होगी।

हम अभी-अभी नारी सम्मान समारोह से सकुशल घर लौट आये हैं. भतीजी डॉ.  मोनिका भी वहां मिली, आज का दिन बहुत अच्छा गया।
(नोट- सड़क पर घायल किसी भी व्यक्ति को अपने काम छोड़कर तुरंत अस्पताल पहुंचायें, शायद आपके एक दिन से किसी की पूरी ज़िंदगी और परिवार बच जाये, ऐसा करने में कोई डर नहीं होना चाहिए। पुलिस कार्रवाई नहीं होती है )

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