नई दिल्ली (द न्यूज़ 15)| रेजिडेंट डॉक्टरों ने बुधवार को अपनी मांगों के समर्थन में अपना धरना जारी रखा है, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस लेना भी शामिल है। मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के बीच हुई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला।
नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में हो रही देरी को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर पिछले 13 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
देश भर में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (फोर्डा) ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा, “आरडीए के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद, हमारी मांगें पूरी होने तक हमने आंदोलन जारी रखने का फैसला किया गया है।”
आरडीए बैठक में एक सूत्र ने कहा कि सभी आरडीए हड़ताल को वापस लेने पर सहमत थे, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में आश्वासन दिया था कि अगली सुनवाई 6 जनवरी के दिन अदालत में रिपोर्ट पेश की जाएगी और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही काउंसलिंग की तारीखें तय हो जाएंगी। लेकिन, आरडीए के कुछ प्रतिनिधि दिल्ली पुलिस द्वारा प्राथमिकी वापस लेने और सोमवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्रवाई के लिए माफी मांगने तक विरोध को आगे बढ़ाने के लिए ढृढ़ थे। उन्होंने कहा, “हम सभी अपनी सभी मांगें पूरी होने तक धरना जारी रखने पर सहमत हुए।”
सभी चिकित्सा और आपातकालीन सेवाओं को वापस लेने सहित विरोध के 13वें दिन में प्रवेश करने के बाद, दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों की देखभाल काफी हद तक प्रभावित हुई है।
विरोध के मुख्य केंद्र के रूप में उभरा शहर का सफदरजंग अस्पताल ओपीडी और आपातकालीन सेवाओं में केवल वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ चल रहा है। अस्पताल में तैनात भारी सुरक्षाकर्मियों के बीच जूनियर डॉक्टर सेवाओं का बहिष्कार कर रहे हैं।