नई दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक अंतर-धार्मिक जोड़े को एक याचिका पर संरक्षण दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें दुल्हन के परिवार के सदस्यों से गंभीर खतरा है। लड़की को एक 24 वर्षीय व्यक्ति से प्यार हो गया था और उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों से शादी कर ली है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, 26 वर्षीय युवती ने अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध पूर्वोत्तर दिल्ली के एक आर्य समाज मंदिर में एक अन्य धर्म के व्यक्ति से शादी कर ली।
लड़की के माता-पिता और परिवार के सदस्य इस संबंध के खिलाफ थे और याचिकाकर्ताओं के जीवन को गंभीर खतरा है। अधिवक्ता डी.के. संतोषी और राहुल कुमार सिंह ने बताया कि 11 दिसंबर को लड़की के घरवालों ने दुल्हन की पिटाई की थी।
कोर्ट ने दंपत्ति को पुलिस सुरक्षा प्रदान करते हुए बुधवार के आदेश में कहा कि यदि याचिकाकर्ताओं की सुरक्षा में कोई चूक होती है, तो अशोक विहार क्षेत्र के एसीपी और थाना केशव पुरम के एसएचओ जिम्मेदार होंगे।
अदालत ने राज्य सहित प्रतिवादियों को भी नोटिस जारी किया है्््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््, जबकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने नोटिस को स्वीकार कर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा है। उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं को आवश्यक सुरक्षा प्रदान की जाएगी।