विद्यार्थियों की मेधा को बढ़ाने के लिए एकाग्रता जरुरी : प्रो किरण सेठ

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भारत सुन्दर है, लेकिन गंदगियों से भरा है : प्रो किरण सेठ

पानी, बिजली और पके भोजन की बर्बादी पर लगे रोक : प्रो किरण सेठ

 देश में तीन महीने में 1200 छात्रों ने किया सुसाइड

 

  राजगीर। देश में पर्यावरण, जल संकट और जल की बर्बादी तेजी से बढ़ रहा है। समय रहते लोग नहीं चेते तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। जल संकट के कारण कई शहरों को खाली करना पड़ रहा है। आईआईटी, सूरत को जल संकट के कारण पहले बन्द करना पड़ा है। तीसरा विश्व युद्ध भी पानी के लिए ही होना है स्पीक मैके (सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग असिस्टेंट यूथ) के संस्थापक रिटायर आईटीएन पद्मश्री प्रो किरण सेठ ने नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में बुधवार को यह कहा। पर्यावरण और जल संरक्षण की चर्चा करते हुए उन्होंने बिजली, पानी और पके भोजन की बर्बादी पर अविलंब रोक लगाने की आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा कि भारत सुंदर देश है, लेकिन गंदगियों से भरा पूरा और अटा पटा है। यत्र तत्र सर्वत्र प्लास्टिक और पॉलिथीन बिखरे पड़े हैं, जो पर्यावरण के विपरीत है। पारंपरिक लोकनृत्य और शास्त्रीय संगीत की अनदेखी पर उन्होंने चिंता व्यक्त की। विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों के मौके पर लोककला और शास्त्रीय संगीत की जगह बॉलीवुड के कलाकारों को तहरीज दी जा रही है। फ्री में राशन, बिजली, पानी देने की सरकारी व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह लालीपॉप जैसा है। यह उचित नहीं है। उन्होंने स्कूली बच्चों के मेधा को विकसित करने और उसके भविष्य को तरासते के लिए एकाग्रता पर जोर दिया। एकाग्रता बढ़ाने के लिए योग और शास्त्रीय संगीत की आवश्यक है। एकाग्रता से ही बच्चे विलक्षण प्रतिभा के हो सकते हैं। प्रो किरण सेठ ने कहा कि तीन महीने में देश में 12 सौ से अधिक छात्र सुसाइड किए हैं, जिसमें आईटीयन भी शामिल हैं। सबसे अधिक सुसाइड कोटा में हो रहा है। देश में 20 लाख इंस्टिट्यूशन हैं। देश के युवाओं में संतुलन की आवश्यक पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि संतुलन से ही उनका भविष्य संवर सकता है। राजगीर और मगध के वैभवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब यह केवल इतिहास के पन्नों में ही सिमट कर रह गया है। महात्मा बुद्ध, तीर्थंकर महावीर और नालंदा विश्वविद्यालय की यह धरती अब अतीत के विपरीत है। यहां जो पहले था, अब नहीं है।
उन्होंने कहा कि स्पिक मैके युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति शास्त्रीय संगीत, नृत्य, लोकगीत आदि कार्यक्रमों को स्कूल व कॉलेजों में आयोजित करता है। साइकिल से 13 राज्यों के सफर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि काफी कुछ देखा है, जिसमें गंदगी, भोजन, पानी बिजली की बर्बादी आदि है।

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