द न्यूज 15 ब्यूरो
नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड योजना में सबसे ज्यादा डोनेशन देने वालों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर रही मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की ओर से इन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है. इस कंपनी की तरफ से राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के जरिए 1200 करोड़ रुपए का चंदा दिया गया था।
नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड योजना में सबसे ज्यादा डोनेशन देने वालों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर रही मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की ओर से इन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है. इस कंपनी की तरफ से राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के जरिए 1200 करोड़ रुपए का चंदा दिया गया था।
सीबीआई ने एनआईएसपी के लिए ₹315 करोड़ के प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले को लेकर कार्रवाई की है। सीबीआई ने इस्पात मंत्रालय के एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट के 8 अधिकारियों समेत मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ यह मामला दर्ज किया है।
इस बीच देखा जाए तो हाल ही में चुनावी बॉन्ड से जुड़े डेटा के सामने आने के बाद से मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड सुर्खियों में आई थी। यह कंपनी राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली टॉप 10 लिस्ट में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी खरीदार बनकर सामने आई थी। पामिरेड्डी पिची रेड्डी और पीवी कृष्णा रेड्डी की कंपनी एमईआईएल ने ₹966 करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में रद्द कर थी चुनावी बॉन्ड स्कीम
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गत फरवरी माह में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए राजनीतिक पार्टियों को दिए जाने वाले चंदे के लिए लाई गई इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद इस स्कीम से जुड़ा पूरा डेटा एसबीआई की ओर से भारत के निर्वाचन आयोग को सौंपा गया. इसके बाद ईसीआई ने इसको सार्वजनिक तौर पर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था. इसके बाद चुनावी बॉन्ड खरीदारों की पूरी लिस्ट सामने आई थी। इस पर विपक्ष ने चुनावी बॉन्ड कई बड़े खरीदारों के नाम सामने आने पर बीजेपी पर हमला बोला था।