राम विलास
राजगीर। नव नालन्दा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय बुद्ध जयन्ती समारोह का समापन शुक्रवार को राजगीर के पिपली गुहा धम्म यात्रा के साथ हुआ। धम्म यात्रा की शुरूआत शुक्रवार की सुबह नव नालन्दा महाविहार सम विश्वविद्यालय के प्रांगण से प्रारंभ होकर पर्यटक शहर राजगीर ब्रह्मकुंड के ऊपर वैभारगिरी पहाड़ी पर स्थित पिपली गुफा तक हुई।
यात्रा में म्यानमार, वियतनाम, ताईवान व कई अन्य देशों के यात्री शामिल हुए। यात्रा के उपरांत पिपली गुहा पर बुद्ध, धम्म व संघ वंदना कर बुद्ध पूजन किया गया। इसके साथ ही संघ दान भी किया गया। इस यात्रा के सहयोगी एशियन बुद्धिस्ट कल्चरल एशोसिएशन, बोधगया भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
कार्यक्रम में नव नालन्दा महाविहार के कुलपति प्रो राजेश रंजन, एशियन बुद्धिस्ट कल्चरल एशोसिएशन के वेन तेन्जीन आनंद, महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के वेन. कश्यप, इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल के वेन. नवांग तेन्जीन, ताईवान के मिस्टर पेनी एवं अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविहार के कुलपति प्रो राजेश रंजन ने कहा कि संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए जरूरी है कि हमें ऐसे स्थलों की खोज कर पुनः स्थापित करने के लिए पहल करना होगा। इससे विकसित भारत में सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका हमारी सुनिश्चित हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि राजगीर के धरोहरों में यह भी एक प्रमुख धरोहर है। कार्यक्रम का संचालन दीपक आनंद व धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक व बौद्ध अध्ययन विभागाध्यक्ष डॉ मुकेश कुमार वर्मा ने किया। डॉ मुकेश ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए ऐसे कार्यों में महाविहार के सतत सहयोग का आश्वासन दिया। यात्रा में महाविहार के प्रो दीपांकर लामा, डॉ पी. के. दास, डॉ के. के. पांडेय सहित आचार्य, शोधछात्र एवं देशी- विदेशी छात्र – छात्राएं उपस्थित रहे।