राज्यपाल करेंगे उद्घाटन
राजगीर। बोधगया ग्लोबल डायलॉग्स के छठे संस्करण का दो दिवसीय आयोजन का अगाज शनिवार को किया जायेगा। नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित यह शैक्षणिक कार्यक्रम बोधगया, राजगीर तथा नालंदा के ऐतिहासिक विरासत व ज्ञान परंपरा के क्षेत्रों में योगदान के परिदृश्य पर केंद्रित होगा। दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर करेंगे। बोधगया ग्लोबल डायलॉग्स में संवादों का उद्देश्य वरिष्ठ शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के बीच विचार-विमर्श के माध्यम से भारतीय ज्ञान परम्परा को व्यापक और समृद्ध करना है। प्रेस वार्ता में कुलपति प्रो अभय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार की भूमि सदा से संवाद, शांति और धैर्य की भूमि रही है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत विद्वतापूर्ण व्याख्यानों व संवाद के माध्यम से प्राचीन काल के मगध के क्षेत्रों व दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच ऐतिहासिक और अंतर-सांस्कृतिक आदान-प्रदान को रेखांकित किया जाएगा। कार्यक्रम में पुरातत्व, इतिहास और कला के कई विषयों को एक साथ लाने का प्रयास होगा। देशकाल सोसाइटी के सचिव संजय कुमार ने कहा कि बौद्ध धर्म की दर्शन और शिक्षाएँ, मगध क्षेत्र की परिकल्पना इत्यादि विषयों पर पैनल चर्चा, पुस्तक लॉन्च, फिल्म शो, सांस्कृतिक संध्या और प्रदर्शनी जैसे समानांतर कार्यक्रम भी इस आयोजन के अंतर्गत संचालित होंगे। कार्यक्रम में बौद्ध दर्शन की शिक्षाओं के व्यापक अंतरसंबंधों पर हुए अद्यतन अनुसंधान पर शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं द्वारा विचार-विमर्श के माध्यम से बिहार की स्थानीयता, विरासत और इसके पुनर्निर्माण व संरक्षण के पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा। 2010 में पुनर्जीवित नालंदा विश्वविद्यालय का उद्देश्य अकादमिक उत्कृष्टता और उच्च शिक्षा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। लगभग एक सहस्राब्दी के बाद नालंदा के विशाल परिसर में तीस से अधिक देशों के छात्रों अध्ययनरत हैं। सदियों से नालंदा एशियाई ज्ञान का प्रतीक रहा है। यह विश्वविद्यालय अपने नए अवतार में एक बार फिर इसी तरह की यात्रा पर निकलने के लिए तैयार हो रहा है।