दरअसल यह है पूरा मामला
कैमूर। बताया जा रहा है कि थाने में थर्र-थर्र बिहार पुलिस के जवान कांप रहे थे। इनके गिरोह का सरगना अब शिकंजे से बाहर है। दरअसल, चैनपुर थाने में बंदरों ने आतंक मचा रखा था। पुलिस वाले परेशान थे। कब किस जवान को काट ले, इसे लेकर थाने में तैनात पुलिस वाले सहमे रहते थे। बंदरों का ग्रुप ने थाने में अपना कब्जा जमा लिया था। दिन में तो फिर भी ठीक रहता था, मगर रात होते ही ये कमरे में कैद होने को मजबूर हो जाते थे। आखिरकार, पुलिस को वन विभाग की मदद लेनी पड़ी।
वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू करके तीन बंदरों को पकड़ लिया। लेकिन बंदरों का सरदार अभी भी आजाद घूम रहा है। वन विभाग का कहना है कि जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा। सभी बंदरों को कैमूर पहाड़ी के जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।
वन विभाग के फॉरेस्टर अविनाश कुमार ने बताया, ‘कई दिनों से चैनपुर थाना परिसर में बंदरों का आतंक था। सभी को परेशानी हो रही थी। बंदरों को पकड़ने के लिए रेस्क्यू टीम पिंजरा लेकर आई और तीन बंदरों को पकड़ा गया। अभी बंदरों के सरदार को नहीं पकड़ा पाया है। इसको लेकर वन विभाग लगातार रेस्क्यू कर रही है। सभी बंदरों को पकड़ लिया जाएगा। सभी को कैमूर पहाड़ी के डुमरकोन के जंगलों में छोड़ा जाएगा।’
चैनपुर थाने में लगभग 15 बंदरों का दल आ गया था। थाने में घुसते ही बंदर उछल-कूद करने लगे। पुलिस वालों की एक भी नहीं सुन रहे थे। परेशान होकर पुलिस वालों ने वन विभाग को सूचना दी। पुलिस ने कहा कि सभी बंदरों को पकड़ कर ले जाया जाए। थाने में रहना मुश्किल कर रखा है। वन विभाग की टीम बंदरों के आतंक चैनपुर थाने के पुलिस वालों को निजात दिलाने की कोशिशों में जुटी है।