सहारा के खिलाफ दिल्ली जंतर-मंतर पर खुला बड़ा मोर्चा

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बीजेपी के संरक्षण में हो रहा देश का सबसे बड़ा सहारा घोटाला  : दिनेश चंद्र दिवाकर

भुगतान के लिए राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
हर प्रदेश में सहारा भुगतान प्रस्ताव लाए उस सूबे की सरकार
राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के बैनर तले भुगतान की मांग कर रहे देशभर के पीड़ित निवेशक और कार्यकर्ता

चरण सिंह राजपूत
नई दिल्ली। राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के बैनर तले जंतर-मंतर पर सहारा पीड़ित निवेशकों ने धरना-प्रदर्शन किया। धरने को संबोधित करते हुए मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र दिवाकर ने कहा कि सहारा की सपंत्ति तीन लाख करोड़ है इन सबके बावजूद उनका भुगतान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि सहारा पर उनका बकाया भुगतान दो लाख से ऊपर है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सुब्रत राय को संरक्षण दे रही है। उनका आंदोलन सहारा के साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ भी है। उन्होंने कानून व्यवस्था पर उंगली उठाते हुए कहा कि सुब्रत राय छह साल से पैरोल पर बाहर घूम रहे हैं। दिनेश चंद्र दिवाकर का कहना है कि सुब्रत राय देश की संवैधानिक संस्थाओं को ठेंगा दिखा रहा है। हाल ही में सुब्रत राय ने दावा किया है कि उसने निवेशकों की पाई-पाई का भुगतान कर दिया है। यदि भुगतान हो गया है तो फिर देशभर में सहारा के खिलाफ ये आंदोलन क्यों चल रहा है ? हम लोग इस कड़कड़ाके की ठंग में दिल्ली जंतर-मंतर पर क्यों आये हैं ? उन्होंने कहा कि जब तक उनका भुगतान नहीं हो जाता है तब तक वे यहां से हिलने वाले नहीं हैं। अब जंतर-मंतर से ही बकाया भुगतान मांगा जाएगा।

सुब्रत राय को निवेशकों का पैसा देना ही पड़ेगा। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के नाम एक एक ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन में निवेकों और जमाकर्ता कार्यकर्ताओं की ओर से बताया गया है कि सहारा व अन्य चिटफंड कंपनियों के पीड़ित हम जमाकर्ता व कार्यकर्ता पैसा न मिलने से बहुत परेशान हैं। निवेशकों ने कहा है कि ऐसे कितने लोग हैं जिनके बच्चे अनाथ हो गये हैं। कितने निवेशक अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा नहीं पा रहेे हैं। कितने लोगों को पैसा न मिलने से उनकी बेटियों की शादियां नहीं हो पा रही हैं। निवेशकों का कहना है कि एक ओर देश का क्रूर ठग सुब्रत राय पैरोल पर छह साल से खुलेआम घूम रहा है और दूसरी ओर निवेशक पैसा न मिलने से अपने घरों में जेल की जिंदगी बिताने को मजबूर हैं।  निवेशकों का दावा है कि सहारा से हर तीसरा आदमी पीड़ित है। सहारा निवेशकों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि देश में ८० फीसद पीड़ितों को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा घोषित की जाए, सभी प्रादेशिक सरकारें अपने-अपने कैबिनेट में सहारा बिल नामक प्रस्ताव लाकर भुगतान की व्यवस्था करें। निवेशकों ने कहा है कि जमाकर्ता व कार्यकर्ता ब्याज समेत भुगतान करें, इससे सदमे में आकर आत्महत्या करने वाले लोगों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। धरना प्रदर्शन में हरियाणा पानीपत से कृष्णपाल, विनोद कुमार, दिल्ली से अब्दुल शाहिद, राजकुमार, कन्हैया लाल ओटवाल, नरेश कुमार, गनपत कुमार सिंह, मनोज सिंह, अलाउद्दीन, ए.के. सिंह,  सर्वेश सिंह, फरीदाबाद से ओम प्रकाश, मीरा सिंह, मिथलेश दिल्ली, राधेश्याम सोनी, सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश, सुनील कुमार इंटावा, नेकराम शर्मा रूपसवास भरतपुर राजस्थान, पंकज पाठक खदावल, रूपवास राजस्थान, जसविंदर सिंह इटावा, राजेश कुमार वघेरा, रिजयुद्दरीन सिद्धार्थनगर, राम कृष्ण, शिव प्रकाश मिश्रा, अजय सोनी आदि के अलावा सैकड़ों लोग मौजूद थे।सहारा के खिलाफ बड़ा मोर्चा

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