द न्यूज़ 15
नई दिल्ली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा देशभर में 1 जुलाई से एकल उपयोग प्लास्टिक पर पाबंदी की अधिसूचना जारी की जा चुकी है।
अब दिल्ली को पड़ोसी राज्यों का प्लास्टिक कचरा प्रदूषित नहीं करेगा। प्राकृतिक तरीके से नष्ट नहीं होने के चलते प्लास्टिक कचरे को पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदायक माना जाता है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने अन्य राज्यों से प्लास्टिक कचरा लाने पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है। प्लास्टिक कचरे को निगम के टोल बूथों पर ही रोकने की योजना है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी नोटिस के बाद अब दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने भी इस संबंध में सार्वजनिक सूचना निकाली है। इसमें जहां एकल उपयोग प्लास्टिक का निर्माण करने वाले उद्यमी, स्टाकिस्ट, वितरक, दुकानदार आदि को 30 जून तक इसे बंद करने को कहा गया है, वहीं पड़ोसी राज्यों से आने वाले प्लास्टिक कचरे पर भी पाबंदी की घोषणा की गई है।
DPCC की ओर से दिल्ली नगर निगम को पत्र भेजा जाएगा, जिससे दिल्ली में प्रवेश करते समय टोल बूथ पर ही प्लास्टिक कचरा लाने वाले वाहनों को रोका जा सके।
दिल्ली के खासतौर पर बवाना, मुंडका और बादली जैसे इलाकों में प्लास्टिक रिसाइकिल का काम बड़े पैमाने पर होता है। यहां प्लास्टिक को रिसाइकिल करने के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी लाया जाता है। ऐसे में अगर प्लास्टिक कचरे के लाने पर पाबंदी लगाई जाती है तो यहां रिसाइकिलिंग उद्योग ठप पड़ जाएगा।
DPCC के मुताबिक पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए इसका फैसला लिया गया है। क्योंकि, रिसाइकिलिंग उद्योग के लिए बहुत सारा प्लास्टिक कचरा आ जाता है। इसमें से छांटने के बाद प्लास्टिक कचरे का एक हिस्सा बाहर छोड़ दिया जाता है, जिसे बाद में जला दिया जाता है। इसके चलते सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदूषक कण हवा में घुल-मिल जाते हैं और लोगों को बीमार करते हैं।
DPCC ने आम लोगों को भी एकल उपयोग प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर आगाह किया है। खासतौर पर धार्मिक और अन्य समारोहों में इस प्रकार के प्लास्टिक के इस्तेमाल और उन्हें आग लगाने से बचने को कहा गया है। खासतौर पर जाड़े के समय प्लास्टिक कचरा जलाने के चलते हर साल ही लोगों को ज्यादा प्रदूषण का सामना करना पड़ता है।