हंगामे के बाद दुकान सील
पटना/औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद जिले के देव स्थित कर्माडीह मोड पर हिमांशु सीमेंट एवं खाद भंडार से किसानों को कंकड़ पत्थर की मिलावट वाली खाद दे दी गई। किसानों ने बताया कि कर्माडीह गांव के दर्जनों किसान हिमांशु सीमेंट एवं खाद भंडार से लगभग 100 बोरी से ज्यादा डीएपी खाद खरीदी थी। उन किसानों ने कुछ बोरी को खोल कर खाद का खेतों में छिड़काव भी किया, लेकिन फसल पर खाद का असर नहीं दिखाई दिया। इसके बाद किसानों ने जब बोरी को चेक किया तो दुकानदार की पोल खुल गई। खाद की बोरी में भारी मात्रा में कंकड़, पत्थर और धूल दिखाई दी। इस पर किसानों ने खाद को पानी से धोया तो उसमें आधे से ज्यादा कंक्रीट मिला हुआ पाया।
इसके बाद सभी किसान खाद दुकान पर गए और खाद विक्रेता संजय पांडेय से खाद वापस कर दूसरी खाद मांगी। इसके बाद विक्रेता ने उनकी एक नहीं सुनी और उल्टे किसानों पर ही बरस पड़े। संजय ने किसानों से कहा कि जहां जाना है, वहां जाओ। इसके बदले दूसरी खाद नहीं मिलेगी। दुकानदार की बात सुनकर किसान भड़क गए और देव औरंगाबाद मुख्य पथ पर दुकान के सामने जमकर हंगामा करने लगे। किसानों का कहना था कि अधिकतर किसानों ने कर्ज लेकर खाद लिया था।
हंगामे की सूचना पाकर प्रखंड कृषि पदाधिकारी कृष्णदेव चौधरी, जिला कोऑर्डिनेटर मोहन कुमार साहित कृषि विभाग के अन्य कर्मी मौके पर पहुंच गए। सभी किसान, हिमांशु सीमेंट भंडार पर खाद की सील बोरी भी लेकर आए थे। इस पर दुकान के मालिक संजय पांडेय, ब्लॉक के कृषि पदाधिकारी कृष्णदेव चौधरी और कोऑर्डिनेटर मोहन राम के समक्ष खाद की सील बोरी खोली गई। उसमें से खाद निकालकर चापाकल के पानी से धोते ही सच्चाई सामने आ गई। खाद में कंकर, पत्थर और बालू सामने आ गए।
कृषि पदाधिकारी कृष्णदेव चौधरी ने बताया कि किसानों की लिखित शिकायत पर तत्काल कार्यवाई करते हुए दुकान की जांच की। इसमें किसानों की शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाई गई। खाद के नमूने को संग्रह कर जिला कृषि पदाधिकारी और लैब में जांच के लिए भेजा गया। जांच के दौरान दुकान का रिकॉर्ड पंजी संधारित नहीं थी, पॉश मशीन सही नहीं थी। इसके बाद दुकान को सील कर दिया गया।