Adani-Hindenburg Issue : गौतम अडानी मामले को लेकर संसद में विपक्ष के हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। सोमवार (6 फरवरी, 2023) को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। बजट के बाद से एक भी दिन संसद में चर्चा नहीं हो पाई है। आज भी हंगामे के बाद राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद से विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। आज पूरे देश में अडाणी से जुड़े इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। जम्मू से लेकर केरल कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया है। देश के विभिन्न शहरों से SBI और LIC कार्यालयों के बाहर से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया है।
संसदीय समिति बनाने के मांग कर रहा विपक्ष
बजट के बाद से विपक्ष लगातार दोनों सदनों में हंगामा कर रहा है और अडानी मामले में संसदीय समिति बनाने की मांग कर रहा है। इससे पहले विपक्षी दलों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में मुलाकात की और अडानी-हिंडनबर्ग व अन्य मुद्दों पर रणनीति के लिए चर्चा हुई। आज संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास विपक्षी दलों के सांसदों ने प्रदर्शन कर संसदीय समिति बनाने और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अडानी मामले की जांच की मांग की है। इसके अलावा, कांग्रेस ने आज देशभर में एलआईसी कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्सन का ऐलान किया है।
विपक्ष का आरोप- अडानी के मुद्दे पर चर्चा से बच रही मोदी सरकार
झामुमो सांसद डॉ. महुआ माजी ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर क्यों चर्चा नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “हर चीज का धीरे-धीरे निजीकरण किया जा रहा है, उन्हें ढाल बनाया जा रहा है। आप देख सकते हैं कि देश किस ओर जा रहा है। पूरा विपक्ष एकजुट है, हम विरोध कर रहे हैं। हमें जवाब चाहिए, अडानी को क्यों ढाला जा रहा है?”
वहीं, कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने भी संयुक्त संसदीय समिति की मांग करते हुए कहा, “हम जांच चाहते हैं और केंद्र सरकार भी अडानी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। सरकार सब कुछ छिपाना चाहती है और अब उनका पर्दाफाश हो रहा है।” सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा, “मैं एलआईसी कर्मचारी महासंघ का अध्यक्ष हूं। अडानी और अंबानी के लालच में एलआईसी कॉर्पस के दुरुपयोग के खिलाफ एक आम संघर्ष के लिए हम एलआईसी में सभी यूनियनों की राय भी मांग रहे हैं।”