चुनाव से पहले ही बिखर गया किसानों का राजनीतिक दल?   

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द न्यूज 15  

चंडीगढ़। पंजाब के विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने जा रहे किसान नेताओं के लिए यह झटके की बात है कि मालवा क्षेत्र में बड़ा प्रभाव रखने वाले भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) ने किसी भी दल का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। बलबीर सिंह राजेवाल की लीडरशिप वाले संयुक्त समाज मोर्चा ने अपील की थी कि सभी किसान संगठन चुनाव में एक साथ आएं और समर्थन करें। संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल कई किसान संगठनों को शामिल कर संयुक्त समाज मोर्चा नाम के राजनीतिक दल का गठन किया गया है। यह संगठन चुनाव में उतरा है।
बलबीर सिंह राजेवाल की अपील को खारिज करते हुए जोगिंदर सिंह उगराहां ने सोमवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले महीने होने वाले इलेक्शन में हम न तो संयुक्त समाज मोर्चा का समर्थन करेंगे और न ही विरोध करेंगे। पंजाब में 14 फरवरी को वोटिंग होनी है और 10 मार्च को नतीजे आएंगे। इसी दिन यूपी, उत्तराखंड समेत अन्य 4 राज्यों के भी परिणाम आएंगे। हालांकि जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि उनका संगठन 15 जनवरी को बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेगा। इस मीटिंग में किसानों से जुड़े तमाम मुद्दों पर अब तक क्या प्रगति हुई है। इस पर चर्चा की जाएगी।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को तीन नए कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया था। इसके बाद किसानों ने दिसंबर में घर वापसी का ऐलान किया था। इसके बाद 32 में से 19 किसान संगठनों ने ऐलान किया था कि वे पंजाब के चुनाव में उतरेंगे। किसान संगठनों का कहना था कि किसी अन्य दल के पीछे जाने की बजाय अपने मुद्दों के लिए खुद ही मैदान में उतरना होगा। वहीं भारतीय किसान यूनियन समेत कई अन्य संगठनों ने इससे दूरी बना ली थी। इसके बाद अब 8 संगठनों ने किसानों के राजनीति में उतरने का विरोध किया था। इस पर राजेवाल ने सभी किसान संगठनों से अपील की थी कि वे चुनाव में साथ आएं।

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