भवेश कुमार
पटना । बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस वाले लोग आरक्षण को लेकर हिंदुस्तान के लोगों को टुकड़े-टुकड़े में बांटने की साजिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ एनडीए के मेनिफेस्टो में आरक्षण पर गरीबों का पहला अधिकार है। गरीब में सब आ जाते हैं। जनता समझती है कांग्रेस के लोग तोड़-फोड़ की बातें करते हैं।
मांझी ने कांग्रेस के इस आरोप पर कि भाजपा आरक्षण खत्म कर देगी, पर कहा, कांग्रेस के मेनिफेस्टो में मुस्लिम लीग की छाप और ओबीसी आरक्षण को मुसलमानों को देने के सवाल पर जीतन मांझी ने कहा है हिंदुस्तान में अलग- अलग कई जाति, भाषा और मजहब के लोग रहते हैं। इसमें मजहब के नाम पर किसी खास वर्ग को कुछ किया जाना सही नहीं है।
डॉ अंबेडकर साहब ने जब आरक्षण की बात कही थी तो किसी मजहब के आधार पर नहीं कही थी, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से और सामाजिक सोशल दृष्टिकोण से दिया था। जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस वाले लोग हिंदुस्तान के लोगों को टुकड़े-टुकड़े में बांटने की साजिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ एनडीए के मेनिफेस्टो में आरक्षण गरीबों का पहला अधिकार है। गरीब में सब आ जाते हैं।
जनता समझती है कांग्रेस के लोग तोड़-फोड़ की बातें करते हैं। हिंदुस्तान दो बार बंटवारा हो गया है पाकिस्तान बांग्लादेश के तौर पर। ऐसा करके क्या हिंदुस्तान को और बांटना चाहते हैं ?मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री भी कह रहे हैं अमित शाह भी कर रहे हैं किसी परिस्थिति में एसटी एससी का आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा।
अंबेडकर के संविधान को बदलने की बात नहीं है। उन्होंने ठीक ही कहा है 10 साल से उनकी सरकार है, संविधान बदलकर 370 खत्म कर सकते हैं, तीन तलाक का मामला खत्म कर सकते हैं कई बड़े निर्णय लिए हैं तो आरक्षण पर भी निर्णय लिया जा सकता था। लेकिन नहीं लिया गया। इसका मतलब ऐसी किसी तरह की कोई बात नहीं है कि आरक्षण को खत्म किया जाएगा। भ्रामक बात कर रहे हैं विपक्ष के लोग।
भारत की जनता परिपक्व हो गई है सब समझता है सब लोग एनडीए के साथ है।नौकरी देने के मुद्धे पर जीतन राम मांझी माझी ने कहा कि रोजगार देने का काम कोई मंत्री विशेष का है क्या ? उन्हें संविधान का ज्ञान नहीं है। संविधान के बाहर से कोई निर्णय होता है बिना मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के कोई ऐसी बात नहीं होती। मंत्रिमंडल का हेड मुख्यमंत्री होता है कि मंत्री होता है ?
पहले से एनडीए के लोग मिलकर बैकग्राउंड बनाए थे नौकरी देना है। नीतीश मंत्रिमंडल ने पास किया है। दूसरी बात है कि उन्हीं के शिक्षा मंत्री थे वह उस समय दफ्तर भी नहीं जा रहे थे। काम कर रहे थे क्या ? जो शिक्षा मंत्री काम नहीं कर रहा था वह नौकरी कहां से देगा ? बिहार की जनता इस बेतुकी बात को समझती है। झूठ मूठ का प्रलाप कर रहे हैं विपक्ष के लोग।
मांझी ने कहा कि एनडीए का पहले स्वरूप था, उसमें हम सेक्युलर और कुछ दल शामिल नहीं थे, उस समय 39 सीट हमें मिली। लेकिन इस बार एलजेपी और हम सेक्युलर भी साथ है इसलिए समर्थन के हिसाब से ग्राफ बढ़ा है। लिहाजा एक सीट का जो कसर रह गया था, इस बार पूरा हो जाएगा। इसके अलावा 2019 और 2014 में विपक्ष का एक स्वरूप सामने था।लेकिन इस बार सामने कोई विरोधी नहीं है। कोई भी विपक्ष नहीं दिख रहा है।
जब दूल्हा ही नहीं है तो बाराती की क्या कल्पना की जा सकती है ? मांझी ने कहा कि जनता इस बात को समझ रही है, उनके पास कोई नेता नहीं है कोई नीति नहीं है, कोई नीयत नहीं है। जबकि, इधर चमत्कारिक नेतृत्व है और विकास का काम हो रहा है. आर्थिक व्यवस्था ठीक है और इससे फायदा हुआ है। इस बार लोग चूकेंगे नहीं और प्रधानमंत्री को मदद करेंगे। 40 की 40 सीटें एनडीए की झोली में आएगी।