आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी पंजाब और हरियाणा में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटी हुई है। पंजाब और हरियाणा में इन दिनों एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन गरमाया हुआ है और आप ने लोकसभा चुनाव के दौरान किसानों के इस बड़े आंदोलन को मुद्दा बनाने का फैसला किया है। आप से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान आप नेताओं का मुख्य रूप से फोकस किसानों से जुड़ी हुई समस्याओं पर होगा। इसके जरिए आप विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी बड़ी कामयाबी हासिल करने की कोशिश में जुटी हुई है। इसी कारण पार्टी ने हरियाणा की सीमाओं पर डटे आंदोलनरत किसानों को खुला समर्थन देकर अपनी चुनावी संभावनाएं मजबूत बनाने की कोशिश की है।
पंजाब में आप का कांग्रेस से गठबंधन नहीं
विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में अन्य दलों के साथ आप भी शामिल है। आप ने चार राज्यों में कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन किया है मगर पंजाब की लोकसभा सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच कोई गठबंधन नहीं हुआ है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। पंजाब पर आम आदमी पार्टी की मजबूत पकड़ मानी जाती है और माना जा रहा है कि एक बार फिर पार्टी राज्य में अपनी ताकत दिखाने में कामयाब हो सकती है। वैसे हरियाणा, दिल्ली, गोवा और गुजरात में पार्टी ने कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर मुहर लगा दी है। दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन के तहत हरियाणा के कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर आप प्रत्याशी उतारा जाएगा। हालांकि पंजाब को लेकर दोनों दलों के बीच कोई गठबंधन नहीं हुआ है। पंजाब में कांग्रेस भी राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी हुई है।
पंजाब-हरियाणा में किसान आंदोलन पर फोकस
पंजाब और हरियाणा में एमएसपी पर कानून की गारंटी लेकर किसानों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। दोनों राज्यों के किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल रखा है और ऐसे में आप को किसान आंदोलन के रूप में बड़ा चुनावी मुद्दा मिल गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में जुटी हुई है। आप के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि किसानों का आंदोलन जमीनी स्तर तक फैल चुका है। पंजाब और हरियाणा के लोकसभा चुनाव के दौरान हमारा मुख्य फोकस किसानों से जुड़े हुए मुद्दों पर ही होगा।आप की ओर से लगातार यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए केंद्र सरकार की ओर से जो कदम उठाए जा रहे हैं, वह संविधान के खिलाफ हैं। पार्टी का कहना है कि संविधान के अंतर्गत शांतिपूर्वक इकट्ठा होने और सार्वजनिक बैठकें करने का अधिकार दिया गया है मगर मोदी सरकार यह अधिकार छीनने की कोशिश में जुटी हुई है। आप नेता ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के गांवों में इस बात को लेकर काफी नाराजगी है कि किसानों को दिल्ली तक मार्च करने और अपनी मांगें केंद्र सरकार तक पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। लोगों की आतिजाही और इंटरनेट पर पाबंदी पूरी तरह अलोकतांत्रिक है और इस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी की ओर से इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया जाएगा। इसके साथ ही चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में की गई लोकतंत्र की हत्या का मामला भी गरमाने की तैयारी है। आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की आज महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है और इस बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव में उतारे जाने वाले प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद पार्टी की ओर से कई सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जा सकता है