कश्मीर दौरे के बाद की जम्मू प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता, बेरोजगारों और पंचायत प्रतिनिधियों से किए गए वादे पूरे करे केंद्र सरकार : डॉ. सुनीलम, जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति कायम करने के लिए धारा 370 और 35ए बहाल करना जरूरी, जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों एवं नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ तत्काल वार्ता करे केंद्र सरकार : शेख अब्दुल रहमान, प्रीपेड सिम का जम्मू कश्मीर में काम न करना केंद्र सरकार की भारतीयों के प्रति भेदभाव पूर्ण नीति का परिचायक : गोपा मुखर्जी
बांग्लादेश -भारत -पाकिस्तान पीपुल्स फोरम के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 11 सितंबर से 15 सितम्बर के बीच कश्मीर दौरे करने के बाद जम्मू प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता को संबोधित किया । जिसे पीपुल्स फोरम के त्रिदेशीय समिति के कार्यकारी अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, फोरम के उपाध्यक्ष शेख अब्दुल रहमान (पूर्व सांसद) एवं भारत शाखा की महामंत्री गोपा मुखर्जी ने संबोधित किया।
डॉ. सुनीलम ने बताया कि कश्मीर में प्रतिनिधि मंडल ने श्रीनगर, ग्राम टिटवाल (जम्मू कश्मीर का आखिरी गांव जहां पर पाक अधिकृत कश्मीर की सीमा है ), सोपोर, बड़गांव जिलों में पंचायत प्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों से मुलाकात की । सभी ने कहा कि धारा 370 और 35ए के हटाए जाने के बाद कश्मीर के युवाओं को रोजगार मिलना कम हुआ है तथा महंगाई बढ़ी है।
डॉ. सुनीलम ने बताया कि वे विगत 25 वर्षों से कश्मीर घाटी में जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने कश्मीर के दौरे में सैनिक एवं अर्धसैनिक बलों की संख्या में इस बार भी कोई कमी नहीं देखी है। उन्होंने बताया कि ग्राम टिटवाला, जो भारत और पीओके के बीच आखिरी गांव है, को सरकार ने आदर्श ग्राम घोषित किया है लेकिन वहां 250 घरों की आबादी होने के बावजूद हायर सेकेंडरी स्कूल की सुविधा प्रदान नहीं की गई है। गांव में फोन का कोई भी नेटवर्क काम नहीं करता है तथा फोन करने के लिए ग्राम वासियों को गांव के बाहर जाना होता है। ग्राम वासियों को सबसे बड़ी परेशानी यह है कि पड़ोसी गांव में जाने के लिए भी उन्हें कम से कम तीन जगह सुरक्षा जांच करानी पड़ती है। कश्मीर दौरे में जिन भी व्यक्तियों से प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की, सभी ने बेरोजगारी को सबसे बड़ी समस्या बतलाया। बार-बार यह सुनने को मिला कि 5 अगस्त 2019 के बाद यह कहा गया था कि पचास हजार युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी, लेकिन युवा अभी तक नौकरियों का इंतजार कर रहे हैं। विभिन्न ग्रामों की आंगनवाड़ियों की कार्यकर्ताओं ने बताया कि पिछले 7 महीने से उन्हें मानदेय नहीं मिला है।
ग्राम टिटवाला में मंदिर और गुरुद्वारे का निर्माण कार्य होते हुए प्रतिनिधि मंडल ने देखा । विभाजन के पूर्व यहां मंदिर की जमीन थी, जहां अब ग्राम वासियों के द्वारा मंदिर और गुरुद्वारे का निर्माण किया जा रहा है। पूर्ण मुस्लिम आबादी वाले इस ग्राम के कुछ नागरिकों द्वारा यह पहल की गई है, इसके लिए प्रतिनिधि मंडल ने ग्राम वासियों को बधाई दी।
कश्मीर दौरे के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने जिन भी सरपंचों, पंचों और ग्राम वासियों से मुलाकात की, सभी ने बताया कि पहली बार जब पंचायत चुनाव की घोषणा की गई तब बहुत कम व्यक्तियों ने सरपंच और पंच का चुनाव लड़ने में रुचि दिखाई। बाद में मौखिक तौर पर यह कहा गया कि निर्वाचित सरपंचों को पंद्रह हजार रुपये तथा पंचों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा, तब दूसरी बार चुनाव में काफी प्रत्याशी मैदान में उतरे। जिन्हें कई हफ्तों तक एक साथ सुरक्षित स्थानों पर रखा गया। चुनाव नतीजा आने के बाद भी चुने हुए सरपंचों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया था। ग्राम वासियों ने बताया कि पंचायत चुनाव में प्रशासन ने अपने उम्मीदवारों को जिताने और विरोधियों को प्रत्याशी ना बनने देने या फार्म उठवा लेने तथा हराने का सुनियोजित प्रयास किया।
डॉ. सुनीलम ने कहा कि आज भी जम्मू कश्मीर के सरपंच और पंच मानदेय संबंधी घोषणाओं के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब तक यह जुमला साबित हुआ है। सरपंचों को 4 हजार रुपये प्रति माह तथा पंचों को एक हजार रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है। ग्राम वासियों ने बताया कि उन्हें मनरेगा का 2019 का भुगतान आज तक नहीं मिला है, कई ग्राम वासियों का मनरेगा का पैसा बकाया है। सरपंचों ने कहा कि सरकार ने सुसज्जित पंचायत भवन कंप्यूटर के साथ उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक उस वादे को भी पूरा नहीं किया है। तमाम पंचायतों को कंप्यूटर भेज दिए गए हैं लेकिन उन्हें उपयोग करने हेतु स्थान और व्यक्ति उपलब्ध नहीं कराया गया है।
मनरेगा में कार्य करने वाले ग्राम वासियों के पास उपलब्ध जॉब कार्ड में एंट्री नहीं दिखाई पड़ी। ग्रामवासियों ने बताया कि बाहर मजदूरी का 500 रुपये प्रतिदिन भुगतान किया जाता है लेकिन मनरेगा में केवल 270 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। इस कारण बहुत कम लोग मनरेगा में काम करने को तैयार होते हैं।
सरपंचों ने बताया कि एक एक योजना का डीपीआर बनाने में सालों लग जाते हैं तथा अफसरशाही पंचायती राज पर पूरी तरह हावी है। सभी पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने कहा कि जल्दी से जल्दी विधानसभा चुनाव कराये जाने चाहिए ताकि वे विधायकों के माध्यम से अपने काम आगे बढ़ा सकें।
डॉ सुनीलम ने कहा कि कश्मीर दौरे के दौरान जो मुद्दे सामने आए हैं, उनको लेकर पीपुल्स फोरम द्वारा जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर, भारत सरकार के गृहमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र भेजा जाएगा।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने बताया कि देश भर के 200 जिलों में 80 जन संगठनों के द्वारा “नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ” अभियान के तहत प्रत्येक जिले में 75 किलोमीटर की पदयात्रा की जा रही है तथा 30 जनवरी को संसद मार्च आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने जम्मू कश्मीर के जन संगठनों से अपील की है कि वे भी इस अभियान में शामिल हों।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद शेख अब्दुल रहमान ने कहा कि बीवी पीपीएफ, तीनों देशों के नागरिकों के बीच शांति, सद्भाव और सौहार्द बढ़ाने के लिए 2005 से कार्यरत है। पीपुल्स फोरम की मान्यता है कि बिना भारत और पाकिस्तान की सरकारों एवं जन प्रतिनिधियों के बीच बातचीत तथा बिना विधानसभा चुनाव कराए राज्य में सामान्य स्थिति को बहाल नहीं किया जा सकता। इसके लिए भारत पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ बातचीत जरूरी है। उन्होंने कहा कि फोरम धारा 370 और 35ए की बहाली चाहती है क्योंकि भारत के संविधान में इन प्रावधानों पर सहमति के बाद ही जम्मू कश्मीर का भारत में विलय हुआ था।
बीबी पीपीएफ की महामंत्री गोपा मुखर्जी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के जम्मू पहुंचने के बाद सभी प्रीपेड सिम का बंद हो जाना यह बताता है कि भारत सरकार उन सभी भारतीयों के साथ भेदभाव पूर्ण नीति अपना रही है, जो जम्मू कश्मीर आना जाना करते हैं।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारण बताकर प्री पेड सिम को बंद किया जाना तकनीकी तौर पर निराधार है। उन्होंने कहा कि हम कश्मीर में भी वैसे ही स्वतंत्र रूप से आना चाहते हैं जैसे देश के अन्य इलाकों में जाते हैं। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के पंचायतों के जनप्रतिनिधियों का 30 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल काफिला-ए- मोहब्बत के संस्थापक अध्यक्ष नज़ीर अहमद खान के नेतृत्व में कोलकाता आए थे, तभी हमने कश्मीर में प्रतिनिधि मंडल भेजने का निर्णय लिया था । उन्होंने कहा कि पीपुल्स फोरम चाहता है कि जम्मू-कश्मीर के अधिक से अधिक नागरिक समाज के प्रतिनिधि विभिन्न राज्यों में जाएं ताकि कश्मीर के बारे में भारत के नागरिकों के भ्रम और शंकाओं को दूर किया जा सके तथा जम्मू-कश्मीर के नागरिक यह समझ सकें कि भारतीय उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं।
गोपा मुखर्जी ने जम्मू -कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर से अपील की है कि वे जम्मू-कश्मीर में आने वाले पर्यटकों की लूट को रोकने के लिए सभी मार्गों का किराया सुनिश्चित करें तथा यात्रा सुरक्षित करने के लिए गाड़ियों की नियमित जांच कराएं
उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि मंडल जिस गाड़ी से जम्मू से श्रीनगर गया था, उसका टायर दो बार फटा तथा बारिश होने पर बारिश का पूरा पानी गाड़ी के अंदर भर गया। परिवहन विभाग की इस लापरवाही के कारण यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से अपील की है कि वे जाम रहित यातायात सुनिश्चित करने का जल्द से जल्द प्रबंध करें तथा रेल मंत्री से अपील की है कि जम्मू से श्रीनगर रेल मार्ग का निर्माण कार्य अविलंब पूरा किया जाए।
प्रेस क्लब में बीवी पीपीएफ के प्रतिनिधिमंडल और जम्मू कश्मीर के विभिन्न संगठनों के साथियों के साथ बैठक आयोजित की गई।
प्रतिनिधि मंडल में डॉ. सुरेश खैरनार, डॉ सुनीलम, गोपा मुखर्जी, शाहिद कमाल, डालिया समझदार, सज्जाद मीर , रीटा चक्रवर्ती , सुदीप दास, खिलाफत मंडल, बबीता मंडल, त्रियशा मंडल शामिल थे .
जम्मू कश्मीर के पूर्व सांसद शेख अब्दुल रहमान, अंतरराष्ट्रीय लोकतांत्रिक मंच के आई डी खजुरिया, यूनाइटेड पीस अलायंस (यूपीए) के अध्यक्ष मीर शाहिद सलीम, पीपुल्स यूनाइटेड फ्रंट के अध्यक्ष अमरीश जसरोटिया, लोक अधिकार मिशन के अध्यक्ष अमरचंद भगत, एड.अयाज़ मुगल, का. सुखदेव सिंह, प्रीतम सिंह, तीरथ सिंह आदि जम्मू बैठक में शामिल हुए।