Opportunity in Disaster : एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2020-21 में जुटाया गया 593.648 करोड़ का चंदा
Opportunity-in-Disaster : कोरोना काल के समय लोग जिन-जिन परेशानियों से गुजरे उनको देखकर दिमाग कौंध जाता है। यह वह दौर था कि लोगों को जिंदगी बचानी मुश्किल पड़ रही थी। कितने परिवार के परिवार खत्म हो गये। कितने के परिवारों में परिवार का पालन पोषण करना वाला ही चला गया। कितने आक्सीजन न मिलने से दम ताड़ गये। ऐसे में राजनीतिक Opportunity-in-Disaster दल नीति पर चल रहे थे। कितने दहशत से स्वर्ग सिधार गये। यह वह दौर था कि हर किसी को एक दूसरे की सांत्वना की जरूरत पड़ रही थी। लोग घरो में बंद हो गये थे।
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आर्थिक तंगी के चलते कितने लोग हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर पहुंचे। यह हाल तो जनता का था पर जनता का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले दलों ने Donation Raised During Corona Period। जब राजनीतिक दलों को जनसेवा करनी चाहिए थी ऐसे में राजनीतिक दल चंदा जुटाने में जुटे थे। लोगों के काम धंधा चौपट हो गये थे और राजनीतिक दलों ने कोरोना काल में सैकड़ों करोड़ चंदा जुटा लिया। एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक की ताजा रिपोर्ट देखने से तो ऐसा ही लग रहा है कि Donation Raised During Corona Period.
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दरअसल कोरोना महामारी और लॉकडाउन में देश की Recession on the Economy छा गई थी तब राजनीतिक दल चांदी काट रहे थे। लोग जहां एक दूसरे की मदद के लिए पैसे ट्रांसफर कर रहे थे वहीं कॉरपोरेट घराने राजनीतिक दलों को चंदा दे रहे थे। चंदा बटोरने में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा सबसे आगेे थी। ताजा रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में जब कोरोना अपने चरम पर था, ठीक उसी समय राजनीतिक दलों को 593.748 करो़ड़ का चंदा मिला। इस चंदे का 80 प्रतिशत सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा बटोर ले गई। कोरोना The threat of an Epidemic के बीच भाजपा को 477.584 करोड़ चंदा मिला। हालांकि गत वित्त वर्ष यानी 2019- 2020 की तुलना में यह 39.23 प्रतिशत कम है। 2019-2020 में भाजपा को 748.77 करोड़ रुपये का चंदा मिला था।
BJP got four Times the Donation : ज्ञात हो कि भाजपा के अलावा छह अन्य दलों के पास राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा है। इसमे कांग्रेस, बीएसपी, भाकपा, माकपा, एनसीपी और टीएमसी का नाम शामिल है। भाजपा को मिला चंदा शेष सभी दलों को मिले चंदे से 4 गुणा है। आश्चर्यजनक रूप से यह ट्रेंड गत कई सालों से बना हुआ है। संयोग से भाजपा को जितना अधिक चंदा मिल रहा है। शेष 6 राष्ट्रीय दलों का आधार उतने ही तेजी से खिसक रहा है।
राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का 80 प्रतिशत से अधिक यानी Rs 480.655 Crore has Come from Corporate। इसमें से 416.794 करोड़ अकेले भाजपा को मिला। BJP got four Times the Donation- करीब 1.100 से अधिक कॉरपोरेट और व्यावसायिक क्षेत्र से भाजपा को चंदा मिला। वहीं कांग्रेस को सिर्फ 146 कॉरपोरेट चंदा मिला, जिसकी कुल रकम 35.89 करोड़ रुपये है। इस वित्त वर्ष में कांग्रेस को कुल 74.524 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। यह गत वित्त वर्ष से 46.39 प्रतिशत कम है। 2019-20में कांग्रेस को 139.016 करोड़ रुपये का चंदा मिला था।
सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित आंकड़ों से पता चलता है कि 3,753 लोगों व प्रतिष्ठानों ने 20 हजार से ज्यादा का चंदा दिया जो कुल 593.748 करोड़ रुपये है। भाजपा को 2206 लोगों व प्रतिष्ठानों और कांग्रेस को 1077 लोगों व प्रतिष्ठानों को 20 हजार से अधिक चंदा दिया। एनसीपी, माकपा, भाकपा और टीएमसी को भी 20 हजार से अधिक का चंदा कई लोगों और संस्थानें से मिला लेकिन बहुजन समाज पार्टी को 20 हजार से अधिक का चंदा किसी ने नहीं दिया। 20 हजार से अधिक चंदा पाने के मामले में बसपा भले ही पिछड़ गई हो पर आय व खर्च का ब्यौरो देने में बसपा नंबर एक रही। मतलब सीधा है कि कोरोना काल में राजनीतिक दल Opportunity-in-Disaster तलाश रहे थे