RSS Manthan : राजस्थान के झुंझनू में हुई बैठक में कट्टरपंथ पर मंथन तो हुआ पर इसका विरोध करने की उम्मीद मुस्लिम समाज से ही की गई
RSS Manthan : जब आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने सभी मंदिरों में शिवलिंग ढूंढने कर प्रवृत्ति को छोड़ने की बात कही थी तभी सियासत के जानकार लोग समझ गये थे कि आरएसएस अब मुस्लिमों के प्रति नरम रवैया अपनाने की रणनीति बना रहा है। आरएसएस चाह रहा है कि मुस्लिमों में बढ़ रहे कट्टरवाद के खिलाफ मुस्लिम लोग ही सामने आयें। उनका यह प्रयास काफी हद तक सफल भी हो रहा है। उदयपुर और अमरावती हत्यकांड के विरोध में काफी मुस्लिम लोग सामने आये भी हैं।
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राजस्थान झुंझनू में हुई आरएसएस की बैठक में भी मुस्लिम कट्टरवाद पर मंथन तो हुआ पर कार्यकर्ताओं को अपने गुस्से को दबाने के लिए कहा गया। Muslims are expected to oppose bigotry की उम्मीद जताई गई है। बैठक से यह बात निकलकर सामने आई कि Muslims are expected to oppose bigotry। दरअसल धारा 370, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अब आरएसएस लंबी पारी खेलने के लिए मुस्लिमों को भी साथ लेकर चलना चाहता है। यही वजह है कि भाजपा में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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तीन तलाक मामले में मुस्लिम महिलाओं का काफी वोट भाजपा को मिलने की वजह से भाजपा दोहरी नीति अपनाए हुए है। हिन्दू वोटबैंक को बांधने के लिए Hindutva Issue को आगे तो बढ़ा रही है पर यह भी प्रयास हो रहा है कि मुस्लिमों को टारगेट करने का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न उठे। जैसे नूपुर शर्मा के पैगम्बर मो. पर गलत टिप्पणी करने के मामले में खाड़ी देशों की नाराजगी झेलने को मिली है।
दरअसल आरएसएस यह भलीभांति जानता है कि अब केंद्र के साथ ही अधिकतर राज्यों में उनकी सरकार है तो आंदोलन सरकार के खिलाफ ही जाएंगे। वैसे भी मोहन भागवत कई बार मुस्लिमों को गले लगाने की बात कर चुके हैं। यह आरएसएस की मुस्लिमों पर नरम रणनीति ही है कि राजस्थान में हुई आरएसएस की बैठक में बढ़ते इस्लामी कट्टरपंथ पर मंथन तो किया गया पर भड़काऊ बात करने से बचा गया। कार्यकर्ताओं में गुस्से की बात तो कही गई पर उन्हें शांत रहने के लिए भी कहा गया। कट्टरपंथ कम करने के लिए Muslims are expected to oppose bigotry की बात कही गई।
RSS Strategy : इस बैठक में आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत उपस्थित रहे पर उन्होंने कट्टरवाद के खिलाफ ज्यादा नहीं बोला। बैठक में उदयपुर और अमरावती घटना पर चर्चा तो हुई पर कार्यकर्ताओं के गुस्से को दबाने को कहा गया। बैठक में मोहन भागवत, महासचिव दत्तात्रेय, होसबोले, पब्लिसिटी इंचार्ज सुनील आंबेकर जैसे नेताों ने हिस्सा लिया पर मीडिया के सामने आरएसएस के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर को भेजा गया।
सुनील आंबेकर ने मीडिया के सामने बड़े नपे तुले शब्दों में बात की। यह RSS Strategy ही है कि एक फिल्म के पोस्टर में काली देवी को सिगरेट पीते हुए दिखाने पर उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग करते समय सार्वजनिक भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि उदयपुर की नृशंस हत्या पूरी तरह से निंदनीय है। घटना की जितनी भी आलोचना की जाए वह काफी काफी नहीं होगी। हमारे देश में लोकतंत्र है। अगर कोई किसी भी बात पसंद नहीं करता है तो उसका जवाब देने के लिए एक लोकतांत्रिक तरीका है। सभ्य समाज ऐसी घटनाओं की हमेशा आलोचना करेगा। वैसे भी लंबे समय से आरएसएस की ओर से कोई भड़काऊ बयान जारी नहीं किया जा रहा है।
आंबेकर ने उदयपुर की घटना पर मुस्लिम समुदाय से घटना की निंदा की उम्मीद करना कहना RSS Strategy का हिस्सा है। उन्होंने कहा है कि कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने ऐसा किया भी है। आंबेकर का इस तरह के मामले के विरोध में आम तौर पर मुस्लिम समुदाय को भी आगे आना चाहिए और इस तरह की बातों का कड़ा विरोध करना चाहिए। ऐसी घटनाएं न समाज के हित में है और न ही देश के हित में।
RSS Manthan के तहत सुनील आंबेकर ने कहा कि महामारी के बाद आरएसएस का ध्यान अपने नियमित काम को पूरे जोश के साथ फिर से शुरू करने पर है। वर्तमान में आरएसएस की 56,824 शाखाएं हैं। उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता पर आरएसएस का काम सामाजिक भागीदारी के साथ अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है, जबकि कुटम्ब प्रबोधन के कार्यक्रम को नया जोर मिला है।
- चरण सिंह राजपूत