जम्मू-कश्मीर पुलिस की प्रदेश जांच एजेंसी (एसआईए) ने कश्मीर के दक्षिण और मध्य जिलों में कई जगहों पर रात भर छापेमारी कर दस लोगों को गिरफ्तार किया
द न्यूज 15
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पुलिस की प्रदेश जांच एजेंसी (एसआईए) ने प्रतिबंधित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम करने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्हें ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) भी कहा जाता है। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह पूरी कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस की नव गठित एजेंसी एसआईए द्वारा की गई है।
बता दें कि, एसआईए का गठन हाल ही में किया गया था। साथ ही इसे आतंकवाद और अलगाववाद से जुड़े अपराधों की जांच करने का अधिकार दिया गया है। अधिकारियों ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एसआईए ने कश्मीर के दक्षिण और मध्य जिलों में विभिन्न स्थानों पर रात भर छापे मारे और इस दौरान दस लोगों को गिरफ्तार किया गया।
जैश कमांडरों से ले रहे थे निर्देश: अधिकारियों ने इस मामले पर कहा कि एसआईए द्वारा जांच के दौरान 10 ऐसे लोगों की पहचान की गई है, जो कि प्रतिबंधित आतंकी समूह के लिए स्वतंत्र रूप से या स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे थे। हालांकि, दोनों को एक-दूसरे की गतिविधियों की जानकारी नहीं थी और वह सीधे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कमांडरों से निर्देश ले रहे थे।
इन कामों को दे रहे थे अंजाम: एक अधिकारी ने बताया कि, इन लोगों का मॉड्यूल कुछ इस तरह काम कर रहा था कि अगर किसी भी गुट का कोई सदस्य पकड़ा भी जाए तो नेटवर्क का खुलासा न हो। अधिकारी के मुताबिक, इस मॉड्यूल पर काफी दिनों से निगरानी रखी जा रही थी। साथ ही जिन लोगों को पकड़ा गया है वह दक्षिण-मध्य कश्मीर इलाके में हथियार पहुंचाने, युवाओं को अपने साथ जोड़ने और पैसों की व्यवस्था करने का काम कर रहे थे।
यह चीजें की गई जब्त: अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किये गए लोगों के पास से मोबाइल फोन, बैंकों के कुछ कागजात, सिम कार्ड और एक डमी पिस्टल भी बरामद की गई है। साथ ही अधिकारियों ने कहा कि गिरफ्तार लोगों में एक ऐसा व्यक्ति भी शामिल है, जिसके घर पर 4 अप्रैल, 2020 को चार आतंकवादी मारे गए थे।
मॉड्यूल में कुछ छात्र भी शामिल: अधिकारियों के मुताबिक, इन ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) का मुख्य उद्देश्य दक्षिण और मध्य कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करना था। यह लोग स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्रों की भर्ती कर रहे थे, क्योंकि उनमें से कुछ खुद छात्र हैं। साथ ही इनके पास कुछ डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए फॉरेंसिक लैब में भेजा जा रहा है।
बता दें कि, एसआईए का गठन हाल ही में किया गया था। साथ ही इसे आतंकवाद और अलगाववाद से जुड़े अपराधों की जांच करने का अधिकार दिया गया है। अधिकारियों ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एसआईए ने कश्मीर के दक्षिण और मध्य जिलों में विभिन्न स्थानों पर रात भर छापे मारे और इस दौरान दस लोगों को गिरफ्तार किया गया।
जैश कमांडरों से ले रहे थे निर्देश: अधिकारियों ने इस मामले पर कहा कि एसआईए द्वारा जांच के दौरान 10 ऐसे लोगों की पहचान की गई है, जो कि प्रतिबंधित आतंकी समूह के लिए स्वतंत्र रूप से या स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे थे। हालांकि, दोनों को एक-दूसरे की गतिविधियों की जानकारी नहीं थी और वह सीधे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कमांडरों से निर्देश ले रहे थे।
इन कामों को दे रहे थे अंजाम: एक अधिकारी ने बताया कि, इन लोगों का मॉड्यूल कुछ इस तरह काम कर रहा था कि अगर किसी भी गुट का कोई सदस्य पकड़ा भी जाए तो नेटवर्क का खुलासा न हो। अधिकारी के मुताबिक, इस मॉड्यूल पर काफी दिनों से निगरानी रखी जा रही थी। साथ ही जिन लोगों को पकड़ा गया है वह दक्षिण-मध्य कश्मीर इलाके में हथियार पहुंचाने, युवाओं को अपने साथ जोड़ने और पैसों की व्यवस्था करने का काम कर रहे थे।
यह चीजें की गई जब्त: अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किये गए लोगों के पास से मोबाइल फोन, बैंकों के कुछ कागजात, सिम कार्ड और एक डमी पिस्टल भी बरामद की गई है। साथ ही अधिकारियों ने कहा कि गिरफ्तार लोगों में एक ऐसा व्यक्ति भी शामिल है, जिसके घर पर 4 अप्रैल, 2020 को चार आतंकवादी मारे गए थे।
मॉड्यूल में कुछ छात्र भी शामिल: अधिकारियों के मुताबिक, इन ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) का मुख्य उद्देश्य दक्षिण और मध्य कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करना था। यह लोग स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्रों की भर्ती कर रहे थे, क्योंकि उनमें से कुछ खुद छात्र हैं। साथ ही इनके पास कुछ डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए फॉरेंसिक लैब में भेजा जा रहा है।