भारत को एक बार फिर से बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है। कतर में फांसी की सजा पाने वाले 8 पूर्व भारतीय नौसैनिक रिहा हो गए हैं। भारत सरकार ने सभी 8 भारतीयों की रिहाई पर खुशी जताई है।विदेश मंत्रालय ने बताया कि 8 में से 7 भारतीय वापस भारत लौट आए हैं। हम अपने नागरिकों की रिहाई और घर वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं। ये सभी 8 लोग जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे थे। उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। भारत के अनुरोध पर उनकी सजा को कतर के अमीर ने पहले ही कम कर दिया था और उम्रकैद में बदल दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को कतर के कोर्ट ने सजा सुनाई थी , उसमें रिटायर्ड कमांडर पूर्नेंदु तिवारी, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कमांडर बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर संजीव गुप्ता, और सेलर रागेश शामिल थे।
कतर के अमीर के आदेश पर भारतीयों की रिहाई हुई है। एक अपील के बाद सभी 8 लागों को मौत की सजा को बदल कर 5 से 25 साल तक की कैद की सजा दी गई थी। दूसरी अपील पर सुनवाई चल रही थी। इस बीच अमीर के आदेश पर रिहाई हो गई।
पीएम मोदी की मुलाकात ने बदला कतर का फैसला
बता के पीएम मोदी ने दिसंबर 2023 की शुरुआत में दुबई में कतर के अमीर से मुलाकात की थी। तब पीएम मोदी COPE28 की बैठक में भाग लेने दुबई गए थे। इस मुलाकात के चार सप्ताह के भीतर ही फाँसी की सजा पलट दी गई थी। जब इस केस में सुनवाई हो रही थी, तब कोर्ट में भारत के राजदूत भी मौजूद थे। उनकी मौजूदी ये बताती है कि मोदी सरकार इस मामले को लेकर कितनी गंभीर थी।
वही आपको जानकारी अनुसार बता दे की साल 2022 में ये मामला शुरू हुआ था ………30 अगस्त 2022 में आठ भारतीयों को अज्ञात कारणों से गिरफ्तार किया गया और एकान्त कारावास में रखा गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन्हें कतर की खुफिया एजेंसी ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था. फिर 1 अक्टूबर 2022 को दोहा में भारतीय राजदूत और मिशन के उप प्रमुख ने नौसेना के पूर्व दिग्गजों से मुलाकात की. जिसके बाद 3 अक्टूबर को पहली काउंसलर पहुंच प्रदान की गई. दहरा ग्लोबल के ceo ने भी अपने अधिकारियों की मदद करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने दो महीने एकान्त कारावास में बिताए और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
2023 में इनकी मुश्किलें फिर बढ़ गई थीं
1 मार्च 2023 :में इन आठ भारतीयों में से कई की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गईं. इसके बाद इन्हें जेल में डाल दिया गया.
25 मार्च 2023 : को कतर की अदालत में आठ लोगों के खिलाफ आरोप दायर किये गए.
29 मार्च : कतरी कानून का पालन करते हुए मुकदमा शुरू हुआ.
30 मई: दाहरा ग्लोबल ने दोहा में अपना परिचालन बंद कर दिया और इसके पूर्व कर्मचारी, जो ज्यादातर भारतीय थे, वे घर लौट आए.
4 अगस्त : गिरफ्तार लोगों को उनके सहकर्मियों के साथ एकान्त कारावास से जेल वार्ड में ले जाया गया, प्रत्येक सेल में दो आदमी थे.
26 अक्टूबर: कतर की एक अदालत ने सभी आठ भारतीयों को मौत की सजा सुनाई.
9 नवंबर: भारत ने कहा कि उसने आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को मौत की सजा पर कतर में अपील दायर की है.
23 नवंबर: अदालत ने मौत की सज़ा के ख़िलाफ़ भारत की अपील स्वीकार कर ली.
28 दिसंबर: भारत ने कहा कि आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को अब कम सजा का सामना करना पड़ेगा.
और अब 12 फरवरी 2024 में : भारत ने घोषणा की कि भारतीय नौसेना के आठ दिग्गजों को रिहा कर दिया गया है. अमीर के आदेश पर रिहाई हो गई. सात भारतीय देश लौट गए हैं. भारत ने क़तर के अमीर का शुक्रिया किया है.कांग्रेस ने इस फैसले पर खुशी जताई है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘सभी देशवासियों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी खुद को इस खुशी में शामिल करती है कि कतर में अदालत से फांसी की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी रिहा होकर घर वापस आ गए हैं.’