Justice Given to Mother : दो बहनों ने बाप को सजा दिलाने के लिए किया छह साल संघर्ष, कराई कर रहीं उम्रकैद

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Justice Given to Mother : पुत्र की चाह में कर दी थी पत्नी की हत्या

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो जांबाज बेटियों ने अपनी मां की हत्या का न्याय दिलाने के लिए अपने ही बाप के खिलाफ छह साल तक संघर्ष किया। इन दोनों बेटियों ने मां के हत्यारे पिता के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार कातिल को सजा दिलवाकर ही दम लिया। दरअसल इन दोनों लड़कियों के पिता ने पुत्र पैदा न होने पर इनकी मां को जिंदा जला दिया था। मामले में दोनों बेटियां जश्मदीद गवाह थी। बुधवार को एडीजे-6 ने आरोपी पिता को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट का फैसला आने के बाद बेटियों का कहना है कि उनकी मां को इंसाफ मिला है।

छह साल से संघर्ष कर रही लतिका और तान्या की मां को जून 2016 में मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी थी। दोनों बच्चियों ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था और वो ही इस मामले में मुख्य गवाह थीं लतिका की उम्र उस वक्त महज १२ साल थी और तान्या की 14 साल, तब से वे दोनों अपनी मां को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रही थीं। उनके वकील संजय शर्मा ने बताया कि इस मामले में मनोज के परिवार के सभी सदस्यों समेत सात अन्य आरोपी हैं। मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है, जिस पर सुनवाई अगस्त माह में होगी।
संजय शर्मा ने बताया कि शादी के बाद लड़का पैदा न होने पर अनु की हत्या कर दी गई थी। ओमवती देवी ने 14 जून 2016 को नगर पुलिस को शिकायत देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ओमवती ने बताया था कि उसकी बेटी की शादी मनोज बंसल के साथ साल 2000 में हुई थी। इसके बाद अनु को दो बेटियां लतिका और तान्या हुईं। मनोज को बेटा चाहिए था। वह पांच बार लिंग जांच कराने के बाद गर्भपात करा चुका था। मनोज ने 13 जून 2016 को फोन करके मायके वालों को बुलाया। मायके वालों को अनु को साथले जाने को कहा। उन्होंने साथ ले जाने से इनकार किया तो उसने हत्या की दमकी दी। 14 जून की सुबह लतिका बंसल ने सूचना दी कि पिता और अन्य लोगों ने मां को जिंदा दिया है। मौके पर पहुंचकर देखा तो अनु बुरी तरह से जली हुई आंगन में पड़ी थी। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। दिल्ली में उपचार के दौरान 20 जून 2016 को उसकी मौत हो गई थी। लतिका बंसल ने अपनी नानी और मामा के साथ मिलकर हत्यारे पिता को सजा दिलाने का प्रण लिया। लतिका और उसकी छोटी बहन तान्या ने पिता के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। करीब छह साल तक संघर्ष के बाद उन्हें न्याय मिला और उनकी मां के हत्यारे को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

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