रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में लोकसभा चुनाव की राजनीति गरमा गई है। सोनिया गांधी ने रायबरेली से चुनावी मैदान में न उतरने का फैसला लिया है। सोनिया गांधी अब राज्यसभा के जरिए अपनी राजनीति करेंगी। उन्होंने राजस्थान से राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन भी कर दिया है। सोनिया गांधी की रायबरेली से उम्मीदवारी छोड़ने के बाद दावा किया जा रहा है कि प्रियंका गांधी यहां से कांग्रेस उम्मीदवार हो सकती हैं। राहुल गांधी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा के रायबरेली पहुंचने पर इस मसले पर कोई बड़ी घोषणा हो सकती है। माना जा रहा है कि रायबरेली में गांधी परिवार की विरासत को संभालने की जिम्मेदारी प्रियंका पर आ सकती है। रायबरेली की जनता को लिखे गए भावुक पत्र में भी सोनिया गांधी ने बड़ा संकेत दिया है। वहीं, मिशन 80 को लेकर चल रही भारतीय जनता पार्टी रायबरेली में कांग्रेस को वाकओवर देने के मूड में नहीं है।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता को लिखे गए भावुक पत्र में मार्मिक अपील की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि मुझे पता है कि आप हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे, जैसे अब तक संभालते आए हैं। साथ ही, उन्होंने लिखा कि मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है, वह रायबरेली आकर आप लोगों से मिलकर ही पूरा होता है। यह नेह- नाता बहुत पुराना है। ससुराल से यह सौभाग्य की तरह यह मुझे मिला है। सोनिया गांधी के इस पत्र को विरासत की लड़ाई में परिवार को आगे बढ़ाने की है। दरअसल, रायबरेली को लेकर यह भी दावा किया जा रहा है कि यहां कांग्रेस का संगठन काफी कमजोर हो चुका है। ऐसे में सोनिया गांधी भावुक तरीके से परिवार को लोगों से जोड़ने की कोशिश करती दिख रही हैं।
कौन होगा भाजपा उम्मीदवार?
प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी के बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से उम्मीदवार के नाम पर चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, गांधी परिवार के गढ़ पर पिछले चुनाव से भाजपा ने सेंधमारी शुरू कर दी है। 2014 में अमेठी सीट कब्जाने वाली कांग्रेस को वर्ष 2019 में करारा झटका लगा। अमेठी से तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने हराकर इतिहास रच दिया था। अब गांधी परिवार के एक और गढ़ रायबरेली को लेकर चर्चा का बाजार गरमा गया है। माना जा रहा है कि रायबरेली से अगर प्रियंका गांधी उम्मीदवार बनीं तो भाजपा किसी स्मृति ईरानी जैसे चेहरे को उनके सामने चुनावी मैदान में उतर सकती है।
क्या स्मृति होंगी उम्मीदवार?
स्मृति ईरानी को लेकर भी चर्चा तेज है। सवाल किया जा रहा है कि क्या अमेठी छोड़कर स्मृति ईरानी रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं? दरअसल, पिछले दिनों अमेठी के साथ- साथ रायबरेली में भी स्मृति ईरानी काफी सक्रिय रही हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में राहुल गांधी की हार के बाद इस बार भी माना जा रहा है कि वे केरल के वायनाड सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। ऐसे में भाजपा अमेठी से स्मृति को हटाकर रायबरेली से उतार सकती है। प्रियंका गांधी को रायबरेली से पहले ही चुनौती मिल चुकी है।
कांग्रेस से भाजपा में आने के बाद अदिति सिंह ने बड़ी चुनौती दी थी। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान अदिति ने पाला बदला था। रायबरेली सीट से पहली बार वे कमल खिलाने में कामयाब रही थीं। इस दौरान उन्होंने रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी को लड़ने की चुनौती थी। अब लोकसभा चुनाव में प्रियंका के रायबरेली से उतरने की स्थिति में भाजपा अदिति को उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतार सकती है।