खालिस्तानी Vote bank पर भारतीय विदेश मंत्री और कनाडा सरकार में तनातनी !

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खालिस्तानि Vote bank पर भारतीय विदेश मंत्री और कनाडा सरकार में तनातनी !
खालिस्तानि Vote bank पर भारतीय विदेश मंत्री और कनाडा सरकार में तनातनी !
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उत्तरी अमेरिकी देश कनाड़ा आज कल कट्टरपंथी खालिस्तानियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह बनता जा रहा हैं,वहा खलिस्तानियों को आये दिन सड़को पर रैली करते देखा जाता हैं,और साथ ही वहा रह रहे भारतीयों पर हमला होना भी आम बात हो गयी हैं,देर-सवेर इसी तरह की खबर आती रहती हैं,हाल के बीते दिनों में जब भारतीय विदेश मंत्री से इस सम्बन्ध में किसी प्रेस वार्ता में पूछा गया तो उन्होंने कनाडाई सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की “कनाडा सरकार को सिर्फ वोट बैंक की पड़ी हैं !

कनाडा बना खालिस्तानियों का गढ़ !

भारत से सबसे ज़्यादा पंजाबी और हरियाणा के लोग कनाडा में जाते हैं एक बेहतर ज़िन्दगी और ज़्यादा बेहतर अवसरो के लिए,पर अब लगता हैं की कनाड़ा धीरे-धीरे एक कटरपंथी खालिस्तानियों का देश बनता जा रहा हैं,जँहा दिन पर दिन खालिस्तानी आतंकवाद अपने पैर जमाता जा रहा हैं,बीते 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी पर कनाड़ा के Brampton में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की एक जाँखी निकाली जिसमे उन्हें,उनके सरदार सुरक्षा गॉर्डओ द्वारा उनकी मृत्यु का दृश्य दिखया गया था,

कनाडा बना खालिस्तानियों का गढ़ !
कनाडा बना खालिस्तानियों का गढ़ !

आपको बता दे की उनके सुरक्षा गॉर्ड भी खालिस्तानी समर्थक थे,वही दूसरी घटना की बात करे तो पिछले साल खालिस्तान समर्थकों के ऑर्गनाइजेशन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने कई देशों में खालिस्तान के समर्थन में जनमत संग्रह कराया था। कनाडा में 18 सितंबर ये जनमत संग्रह कराया गया था। इसमें पूछा गया था – क्या आप भारत से अलग खालिस्तान देश चाहते हैं?

जब ‘वारिस-पंजाब’ दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह फरार था तो उसी दौरान कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय दूतावास में तिरंगा उतार दिया था और उसकी जगह पर खालिस्तानी झंडा लगा दिया था। कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की ऐसी हरकत पर भारत ने कड़े शब्दों में निंदा की थी और भारत में कनाडा के राजदूत को तलब भी किया था।

कनाडा सरकार को क्यों हैं खालिस्तानीयो की चिंता !

आपको बता दे की पिछले महीने विदेश मंत्री S Jai.Shankar ने एक प्रेस वार्ता में कहा था की “कनाडा में खालिस्तानियों की हरकतें इसलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि वो वोट बैंक की सियासत का हिस्सा हैं” इसके बाद आपको बता दे की बीते मंगलवार को कनाडा की फॉरेन मिनिस्टर मेलेनी जोली ने बयान जारी कर कहा – “हम वियना कन्वेंशन का हिस्सा हैं। लिहाजा, भारत के डिप्लोमैट्स की सिक्योरिटी के मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय ने भी ऐसा ही बयांन जारी किया।आपको बता दे की ऑस्ट्रेलिया में भी खालिस्तानी समर्थक लोग खुले में भारत के झंडे को जलाते हैं,,इसी साल के फरवरी में खालिस्तानी समर्थकों ने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय दूतावास पर हमला किया था,जिसको लेकर भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिआई सरकार को चेताया था!

कनाडा सरकार को क्यों हैं खालिस्तानीयो की चिंता !
कनाडा सरकार को क्यों हैं खालिस्तानीयो की चिंता !

जानकारी के अनुसार जस्टिन ट्रूडो की सरकार को NDP(New democratic party) का समर्थन प्राप्त है। इस पार्टी में ज़्यादातर खालिस्तानी समर्थक हैं। समर्थन मिले के कारण जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानीयों पर कुछ बोलने से बचते दिख रहे हैं और न ही खालिस्तानी करतपंथियों के खिलाफ कोई एक्शन ले रहे हैं।
दुनिया में सबसे ज्यादा खालिस्तान के लिए फंड कनाडा और ब्रिटेन से आता हैं।बीते महीने जून में खालिस्तानी आतंकी ‘हरदीप सिंह निज्जर’ की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी थी। हरदीप आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का चीफ था।

हरदीप आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का चीफ था।
हरदीप आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का चीफ था।

कनाडा में भारत के मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तानी समर्थक बौखला हुए थे। खालिस्तानी कटरपंथियो ने कनाडा के टोरंटो में जगह-जगह ‘Kill India’ नाम से पोस्टर लगा दिए थे। इस पोस्टर में जहां 8 जुलाई को ‘फ्रीडम रैली’ की जानकारी दी गई थी, वहीं निज्जर की हत्या के लिए दूतावास अधिकारियों को जिम्मेदार बताया गया हैं।

क्या कहना हैं जस्टिन ट्रूडो का !

जस्टिन ट्रूडो ने खिल कर दिया जवाब
जस्टिन ट्रूडो ने खिल कर दिया जवाब

इन सभी विवादों के बाद अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो का बयांन सामने आया हैं,जहाँ वे भारत के आरोपों से बचाव करते दिख रहे हैं, उन्होंने ओटावा में मीडिया से बातचीत के दौरान जवाब में कहा- “हमने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है और आगे भी ऐसा ही करेंगे”।आगे वो कहते हैं की भारत सरकार का ये आरोप ये गलत हैं की कनाडा सरकार आतंकवाद के खिलाफ नरम कदम उठा रहीं हैं,कनाडाई प्रधानमंत्री के मुताबिक, उनकी सरकार आतंकवाद को लेकर गंभीर है और यह सोचना गलत है कि खालिस्तान समर्थकों को लेकर उसका रवैया लचीला हैं।

आगे इंटरव्यू देते वक़्त वो कहते हैं की कनाडा एक बहुत ही विविधताओं वाला देश है और यहां फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन यानी अभिव्यक्ति की आजादी भी है। लेकिन, ये भी साफ है कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वही भारत भी उन सभी देशो को चेता चूका हैं जहाँ-जहाँ खालिस्तानी कटरपंथियो ने भारतीय दूतावासो पर या भारतीयों पर हमला हुआ था !

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