जब एक अनजान शख्स ने 1 करोड़ का जुर्माना भर UAE की जेल से छुड़ा लिया भारतीय कैदी 

0
341
भारतीय कैदी 
Spread the love

बेक्स कृष्णन के लिए युसूफ अली फ़रिश्ता साबित हुए, क्योंकि युसूफ का बेक्स कृष्णन से कोई नाता नहीं था। वह बस इंसानियत के चलते यह सब कर रहे थे।

द न्यूज 15 
नई दिल्ली। दुनिया में अच्छे लोगों की कमी नहीं है, तभी तो एक अनजान शख्स ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हत्या के दोषी भारतीय शख्स को जेल से छुड़ा लिया। सजायाफ्ता मुजरिम को छुड़ाने के लिए उसे 1 करोड़ की भारी-भरकम रकम जुर्माने के रूप में चुकानी पड़ी। इस शख्स का नाम एम.ए. युसूफ अली है और उन्होंने यूएई की जेल में बंद केरल के बेक्स कृष्णन को रिहा कराया है।
दरअसल, साल 2012 में 45 वर्षीय बेक्स कृष्णन ने लापरवाही में बच्चों के एक समूह को टक्कर मार दी थी। इस घटना में उन्हें एक सूडानी लड़के की हत्या का दोषी पाया गया था और यूएई की कोर्ट ने उन्हें सजा-ए-मौत यानी फांसी की सजा सुनाई थी। पहले तो केरल के रहने वाले बेक्स कृष्णन के परिजनों व दोस्तों ने उन्हें रिहा कराने की बहुत कोशिश की लेकिन वे असफल रहे। वहीं घटना के बाद बच्चे का परिवार भी सूडान लौट गया, जिसके चलते वह पीड़ित परिवार से भी बात नहीं कर सके थे। इसी बीच बेक्स के परिजनों ने लुलु समूह के अध्यक्ष युसूफ अली से मुलाकात की और मामले की जानकारी दी। युसूफ अली एक अप्रवासी भारतीय नागरिक है और बड़े कारोबारी हैं। वे बेक्स के परिजनों की सहायता करने के इच्छुक दिखे। कुछ दिनों तक युसूफ अली अपने संपर्कों के माध्यम से पीड़ित परिवार से बात करते रहे और यूएई प्रशासन से भी मिले। इसके बाद युसूफ अली ने जनवरी 2021 को एक बयान जारी करते हुए कहा कि सूडान का पीड़ित परिवार बेक्स कृष्णन को माफी देने के लिए तैयार है।
युसूफ अली ने पीड़ित परिवार को इस बात के लिए राजी कर लिया था कि अगर बेक्स कृष्णन का परिवार रिहाई के लिए अदालत में पांच लाख दिरहम यानी एक करोड़ रुपये अदा करेंगे तो वह रिहा हो जाएंगे। इसके बाद युसूफ अली ने बेक्स कृष्णन की रिहाई के लिए अदालत में मुआवजा दिया और बेक्स कृष्णन को रिहा कर दिया गया। कृष्णन और उनके परिजनों के लिए युसूफ अली फ़रिश्ता साबित हुए, क्योंकि युसूफ का बेक्स कृष्णन से कोई नाता नहीं था। वह बस इंसानियत के चलते यह सब कर रहे थे।
यूएई की जेल से रिहा होने के बाद कृष्णन ने अपने बयान में कहा कि, ‘यह मेरा पुनर्जन्म है, क्योंकि मैंने जीवन जीने की उम्मीद छोड़ दी थी। अब मैं अपने परिवार और युसूफ अली से मिलना चाहता हूं। वहीं लुलु समूह के चेयरमैन ने युसूफ अली ने कहा कि सब ईश्वर की मर्जी है और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दूरदर्शी प्रशासकों की उदारता का नतीजा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here