चरण सिंह राजपूत
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा लेकर खुद पार्टी की भी कमान संभाल ली है। ऐसे में बड़ा प्रश्न यह उभर कर सामने आ रहा है कि अब नीतीश कुमार का कदम क्या होगा ? आइये आपको बताते हैं कि अब नीतीश कुमार क्या करने वाले हैं वह इंडिया गठबंधन का चेहरा बने रहेंगे या फिर एनडीए में चले जाएंगे ? ललन सिंह के साथ ही अब वह लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की हवा कैसे निकालने वाले हैं ?
ललन सिंह के भले ही लालू प्रसाद यादव से सटने की वजह से उनसे इस्तीफा लेने की बात सामने आ रही हो पर मामला इससे भी बढ़कर बताया जा रहा है। दरअसल ललन सिंह ने लालू प्रसाद से वादा कर लिया था कि जदयू का राजद में विलय कराकर वह तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनवा देंगे। दरअसल बीजेपी के खिलाफ आग उगल रहे थे। जैसे बसपा ने दानिश अली को कांग्रेस से सटने पर पार्टी से निकाला है। ठीक ऐसे ही लालू प्रसाद से सटने का खामियाजा ललन सिंह को चुकाना पड़ा है।
दरअसल नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को लामबंद कर इंडिया गठबंधन नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्री के दावेदार बनना चाह रहे थे। यही वजह रही कि उन्होंने विपक्ष के दलों को लामबंद किया। नीतीश कुमार न केवल कांग्रेस के नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिले बल्कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र में शरद यादव और उद्धव ठाकरे से मिले। ऐसे ही तमिलनाडु में एम.के. स्टालिन, झारखंड में हेमंत सोरेन से मिले।
विपक्ष की एकजुटता की पहली मीटिंग पटना में रखी। इन सबके बावजूद जब बेंगलुरु, मुंबई के बाद दिल्ली अशोका होटल में इंडिया गठबंधन की मीटिंग में टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित कर दिया। मतलब नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी की हवा निकाल दी। दरअसल यह खेल ममता बनर्जी ने अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर खेला। इन दोनों नेताओं न केवल नीतीश कुमार बल्कि राहुल गांधी की दावेदारी को भी पीछे धकेल दिया।
नीतीश कुमार के साथ खेल बिहार में भी हो रहा था। जानकारी यह मिल रही थी कि ललन सिंह लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर नीतीश कुमार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे। खबरें तो यहां तक आ रही थी कि ललन सिंह ने लालू प्रसाद यादव से वादा कर लिया था कि राजद में जदयू का विलय कराकर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनवा देंगे। नीतीश कुमार ने ऐसे ही ललन सिंह का इस्तीफा नहीं लिया है, ललन सिंह एक ओर जहां लालू प्रसाद से सट रहे थे वहीं बीजेपी के खिलाफ आग उगल रहे थे। नीतीश कुमार ललन सिंह से तो नाराज हैं ही साथ ही लालू प्रसाद यादव पर भी खार खाए हुए हैं।
उधर जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने भारत न्याय यात्रा की शुरुआत में इंडिया गठबंधन के नेताओं को न बुलाने पर नाराजगी जताकर कांग्रेस के खिलाफ भड़ास निकालने के संकेत दे दिये थे। यदि ऐसा नहीं है तो फिर जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं। ऐसे में नीतीश कुमार ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से इस्तीफा क्यों ले लिया है। नीतीश कुमार कह रहे हैं कि ललन सिंह चुनाव के लिए समय निकालने के लिए काफी समय से अध्यक्ष पद छोड़ने जा रहे थे। तो फिर अब इस्तीफा क्यों लिया गया। दरअसल ललन सिंह राजद से मुंगेर से लोकसभा चुनाव लड़ने की फ़िराक में हैं।
लालू प्रसाद की रणनीति की हवा निकालते हुए ललन सिंह से इस्तीफा ले लिया। अब नीतीश कुमार एनडीए की ओर रुख कर सकते हैं। यदि ललन सिंह लालू प्रसाद से सट रहे थे तो अब नीतीश कुमार के पास एनडीए में जाने का बहाना भी है। इधर अशोका होटल में इंडिया गठबंधन में अपनी उपेक्षा तो दूसरी ओर लालू प्रसाद के पत्ते न खोलने से नीतीश कुमार परेशान थे। नीतीश कुमार के इंडिया को भारत रखने के प्रस्ताव पर विपक्षी दल चौंक गये थे।
जदयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने यह तो कहा है कि एनडीए में जाने के क़यास मत लगाइए पर उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता।
उधर राम मंदिर को लेकर उन्होंने कहा कि हमें अगर निमंत्रण मिलता है तो हम नि:संकोच जाएंगे. उद्घाटन के मौके पर हमको आमंत्रित किया जाएगा तो हम उसमें शामिल होंगे। केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के विचारों के संयोजक हैं और इंडिया गठबंधन के ‘विचारों के प्रधानमंत्री’ हैं. नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे या नहीं यह अभी तय नहीं किया गया है।