लिखित प्रतिलिपि को विचार पूर्वक हृदय से ग्रहण करने का नाम अध्ययन है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने पढ़ने का उद्देश्य स्थित कर लेना चाहिए, इसके लिए मुख्य बात यह है कि पढ़ना नियम पूर्वक हो अर्थात इसके लिए प्रति दिन (हर रोज)नित्य का समय उपयुक्त है।
पवन कुमार
अध्ययन वह क्रिया है जिसे अपने जीवन में प्रतिदिन नित्य अमल में लाने से एक आम व्यक्ति भी खास बन जाता।अध्ययन से लगाव रखने वाला व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण होता है। वह सबको सदैव प्रसन्न चित्र अनुभव कराता है, अध्ययन के प्रति मनुष्य की अभिरुचि सदैव उसे उत्थान (तरक्की)की ओर ले जाती हैं, अध्ययन की महिमा अनंत है,इसका कोई अंत नहीं है । किसी भी देश के नागरिक चाहे वह किसी भी क्षेत्र से हों,जितना ही ज्यादा महत्व अध्ययन को देंगे वह देश उतना ही प्रगतिशील होगा। व्यक्ति का व्यक्तिगत उत्थान भी संभवत होगा,अध्ययन क्रिया आम तौर पर राजनीति,विज्ञान, इतिहास और समाजशास्त्र, नृहविज्ञान, भूगोल, भाषा विज्ञान, साहित्य और सांस्कृतिक अध्ययन जैसे विषयों पर आधारित होते। अध्ययन के कई लाभ है जैसे छात्र, छात्राएं अनुभव प्राप्त करते हैं।इस तरह के अध्ययनों से छात्रों को अनुभवों के अवसर मिलते हैं,जो महत्वपूर्ण सोच विज्ञान के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण, प्रकृति की सराहना और वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ाते हैं।
आप सभी जानते हैं डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जिन्हें विश्व ख्याति प्राप्त है, और जिन्हें हमारे देश के संविधान का निर्माता भी कहा जाता है,9 भाषाओं के पूर्ण ज्ञाता थे,बाबा साहब (हर रोज),नित्य,प्रतिदिन 20 घंटे अध्ययन करते थे। हमारे देश के महान वैज्ञानिक पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम जो 13 भाषाओं के ज्ञाता थे,जिन्होंने अनगिनत सफल प्रयोग किए, सोचिए कितना अध्ययन करते होंगे। ऐसे ही जितने भी महापुरुष ,शिक्षा विद ,वैज्ञानिक,अर्थशास्त्री,इतिहासकार,समाज सुधारक,साहित्यकार,लेखक हुए हैं,क्या बिना अध्ययन क्रिया अपनाए संभव है?
पढ़ने में और अध्ययन में क्या अंतर है? पढ़ने में तो कुछ लिखी लिखाई बातों को समझाना होता है, जबकि अध्ययन का अर्थ है किसी विषय को गहराई से पढ़ना समझना है और किसी शोध आदि के लिए लिखी हुई बातों को विचार पूर्वक पूर्ण रूप से ग्रहण करने का नाम अध्ययन है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने पढ़ने का उद्देश्य स्थित कर लेना चाहिए इसके लिए सबसे पहले मुख्य बात यह है कि पढ़ना नियमपूर्वक हो अर्थात इसके लिए नित्य का समय उपयुक्त होता है।किसी महापुरुष ने कहा है कि अच्छा लेखक वही होता है जो अच्छा पाठक होता है।अध्ययनों से पता चलता है कि जो छात्र अपनी कोर्स की किताबों का नित्य अध्ययन करते हैं,अथवा जो छात्र अध्ययन आदतें अपनाते हैं उन्हें अधिक सफलता मिलती है।
लेख और अध्ययन एक शोध अध्ययन सामग्री सफल करने और विश्लेषण करने की प्रक्रिया है,एक शोध लेख अध्ययन के निष्कर्षों की लिखित प्रस्तुति है। अध्ययन प्रिय व्यक्ति स्वयं को सदैव प्रशन्नचित्त अनुभव करता है। अध्ययन की सबसे अच्छी विधि -यदि आप आगामी परीक्षा के लिए अभ्यास कर रहे हैं तो एक्टिव रिकॉल से बेहतर कोई अध्ययन विधि नहीं है। एक्टिव रिकॉल वह अध्ययन तकनीकी है जिसमें रटन तकनीकी को न अपना कर आप अपने मस्तिष्क की उस जानकारी को सकारात्मक ऊर्जा के साथ पुनः प्राप्त अथवा उस जानकारी को वापस दोहराने के लिए उत्तेजित करते हैं जो आपने अभी सीखी है, एक्टिव रिकॉर्ड एक प्रभावी अध्ययन पद्धति है जो आपके दिमागी डेटा से जानकारी प्राप्त करती है, सक्रिय स्मरण के दौरान आप अपने दिमाग की उस जानकारी को वापस करते हैं जिस विषय पर आप अध्ययन कर रहे हैं। सक्रिय रिकॉल का उपयोग करके आप अनिवार्य खुद को दर्जनों बार परख रहे हैं ।यदि आप इन अभ्यास परीक्षणों के दौरान पुनरावृत्ति के अध्ययन से लंबे समय तक आयोजित करते हैं तो आप बिना रटन तकनीकी के किसी भी परीक्षा में उत्तीर्ण होने में सक्षम होंगे।