द न्यूज़ 15
नई दिल्ली। कांग्रेस के लिए काफी अहम हैं इस बार के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव। इन चुनाव से ही कांग्रेस का भविष्य तय होगा, वहीं चुनाव परिणाम का असर अंदरूनी राजनीति पर भी असर डालेगा। पंजाब और उत्तराखंड के साथ पार्टी किसी एक और राज्य में सरकार बनाने में सफल रहती है, तो संगठन के अंदर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की स्थिति मजबूत होगी। वहीं, प्रदर्शन खराब रहा तो पार्टी के अंदर असंतुष्ट नेताओं को नेतृत्व पर सवाल उठाने का एक और मौका मिल जाएगा।
यह चुनाव पार्टी के लिए इसलिए भी अहमियत रखते है, क्योंकि उत्तर प्रदेश को छोड़कर बाकी चार राज्यों में कांग्रेस की स्थिति बेहतर है। पंजाब में पार्टी की सरकार है और उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में वापसी के लिए जद्दोजहद कर रही है। ऐसे में पार्टी पंजाब और उत्तराखंड में वापसी करने में नाकाम रहती है, तो भविष्य में उसकी मुश्किलें बढ़ सकती है। क्योंकि, उत्तराखंड में अमूमन हर पांच साल बाद सरकार बदलती रही है। यदि पार्टी हारती है, तो भविष्य की राह कठिन और संगठन कमजोर होगा। विधानसभा चुनाव ऐसे वक्त हो रहे हैं, जब पार्टी में संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इन चुनाव के परिणाम पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव पर अभी असर डाल सकते हैं।
पार्टी संगठन चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री के मुताबिक, सितंबर तक पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। लिहाजा, पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहता है, तो संगठन चुनाव में कोई मुश्किल नहीं होगी। वहीं, प्रदर्शन खराब रहता है, तो पार्टी में असंतुष्ट आवाजे और तेज होंगी।