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  • धनंजय सिंह ने जौनपुर की मल्हनी सीट से भरा पर्चा

    धनंजय सिंह ने जौनपुर की मल्हनी सीट से भरा पर्चा

    धनंजय सिंह ने कहा कि वे इनामी या फरार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एसटीएफ केस की जांच कर रही है और उन पर जो भी धाराएं हैं, वह जमानती हैं।

    द न्यूज 15 
    लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की मल्हनी सीट से जदयू प्रत्याशी पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान, कलेक्ट्रेट में काफी गहमागहमी देखने को मिली। बाहुबली धनंजय सिंह ने नामांकन के दौरान अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। धनंजय सिंह पर अजीत सिंह की हत्या का आरोप है। हलफनामे के मुताबिक, धनंजय सिंह के पास 5 करोड़ 31 लाख रु की अचल संपत्ति है। जदयू ने मल्हनी सीट से धनंजय सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की तो पूर्वांचल में एक बार राजनीति गरमाने लगी है। चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के मुताबिक, धनंजय सिंह की पत्नी के पास उनसे अधिक की अचल संपत्ति है। धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह के पास 7 करोड़ 80 लाख रुपए की अचल संपत्ति है।
    धनंजय सिंह के पास 8 लाख 25 हजार रु कैश के तौर पर हैं और उनकी पत्नी के पास 20 लाख रु कैश के रूप में हैं। बाहुबली धनंजय सिंह के पास 3 करोड़ 56 लाख 62 हजार 562 रुपए की चल संपत्ति है। जबकि, उनकी पत्नी के पास 6 करोड़ 71 लाख 46 हजार 420 रुपए की चल संपत्ति है। धनंजय सिंह के चार बैंक खातों में कुल जमा 10 लाख 11 हजार रु हैं। वहीं, उनकी पत्नी के 3 बैंक खातों में 3 करोड़ 87 लाख 16 हजार रु जमा हैं।
    धनंजय सिंह के खिलाफ कुल 39 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 7 मामले विचाराधीन हैं। पूर्व सांसद के पास एक फॉर्च्यूनर, टैंकर, बोलेरो और एक होंडा सिटी कार है। जबकि, उनकी पत्नी के पास एक निसान सनी नाम की गाड़ी है। नामांकन के बाद धनंजय सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर बात की। धनंजय सिंह ने कहा कि वे इनामी या फरार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एसटीएफ केस की जांच कर रही है और उन पर जो भी धाराएं हैं, वह जमानती हैं।
  • जनपद बिजनौर में सपा-रालोद गठबंधन का माहौल

    जनपद बिजनौर में सपा-रालोद गठबंधन का माहौल

    द न्यूज 15  
    बिजनौर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बिजनौर जिला बड़ा महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार जिले में सीधी टक्कर भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के बीच है। बिजनौर में जो समीकरण उभरकर सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार सपा-रालोद गठबंधन का मजबूत दिखाई दे रहा है।
    दरअसल बिजनौर ज़िले में 8 विधानसभा सीटें हैं।  दो सीट पर लोकदल के प्रत्याशी है और 6 पर सपा के प्रत्याशी है । सपा ने दो मुस्लिम, एक जाटव ( सुरक्षित सीट ) , एक जाट , एक सैनी और एक गुर्जर प्रत्याशी को मैदान में उतारा है । दो मुस्लिम प्रत्याशियों में एक OBC और एक सामान्य वर्ग से है । हमारे ज़िले में सभी सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशी के लिए लगभग 70-80 टिकट माँगने वाले थे । एक एक सीट पर 10-15 लोग ज़ोर आज़माइश में लगे थे । सपा के एक नेता ठाकुर मूलचंद चौहान के अलावा पूरे ज़िले में किसी एक टिकटार्थी ने भी बग़ावत नहीं की और सब पार्टी प्रत्याशी का चुनाव लड़ा रहे हैं ।

    चुनाव का अंदाज़ा आप इस बात से लगाया जा सकता है कि नजीबाबाद सीट पर तसलीम अहमद ( सपा प्रत्याशी ) को दलित, जाट अपने गांवों में बुलाकर सभाएं करवा रहे हैं, वहाँ पर बनिये तसलीम अहमद को अपने यहाँ बुलाकर चंदा दे रहे हैं । धामपुर सीट पर सैनी समाज के लोग नईम उल हसन ( सपा प्रत्याशी ) की मीटिंग अपने गांवों में करवा रहे हैं । नूरपुर में रामअवतार सैनी और चाँदपुर में स्वामी ओमवेश के साथ मुसलमान ऐसे जुड़ रहे हैं जैसे शायद किसी मुस्लिम प्रत्याशी के साथ भी नहीं जुड़ते ।
    बिजनौर और बढ़ापुर में बसपा की रुचि वीरा और मुहम्मद ग़ाज़ी जैसे चेहरे भी मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने में सफ़ल नहीं हो पा रहे हैं । बाक़ी नगीना और नहटौर तो रिज़र्व सीट हैं, यहाँ के मुसलमान तो खुद गठबंधन के प्रत्याशी से बोल रहे हैं कि आप दूसरे समाज पर महनत करो, हमें तो केवल इतना बता दो कि हमारे समाज का कौन सा गाँव या मुहल्ला आपसे नाराज़ है, हम उसे मना लेंगे । बिजनौर में जिस तरह का चुनाव चल रहा है, अगर आठों सीट भी गठबंधन जीत जाए तो कोई हैरत की बात नहीं होगी।
  • जाट और मुसलमान हुए एक, हराकर रहेंगे भाजपा को : मुजफ्फरनगर

    जाट और मुसलमान हुए एक, हराकर रहेंगे भाजपा को : मुजफ्फरनगर

    द न्यूज़ 15
    मुजफ्फरनगर। UP विधानसभा चुनाव के चलते CM योगी आदित्यनाथ ने “80 बनाम 20″ का नारा दिया था। उनके इस नारे पर एक 40 वर्षीय किराना व्यापारी मोहम्मद शमीन कहते हैं कि मेरठ में ”60-40” की लड़ाई है। उनका दवा है कि मेरठ के सभी मुसलमान, जो शहर की आबादी का लगभग 40% हैं, समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन को वोट देंगे। भाजपा के पास यहां कोई मौका नहीं है।
    मेरठ में बीजेपी ने अपने युवा नेता कमल दत्त शर्मा को मौका दिया है, जिनका मुकाबला सपा के मौजूदा विधायक रफीक अंसारी से है। मेरठ जिले में सात विधानसभा क्षेत्र हैं। मेरठ, मेरठ छावनी, मेरठ दक्षिण, सिवलखास, सरधना, हस्तिनापुर और किठौर में पहले चरण के मतदान में 10 फरवरी को वोटिंग हुई थी। यूपी चुनाव के पहले चरण में कुल मिलाकर 60.1 फीसदी मतदान हुआ।
    पश्चिमी यूपी में पुरानी वफादारी के खिलाफ नए राजनीतिक गठजोड़ देखने को मिल रहे हैं। अखिलेश के नेतृत्व वाली सपा ने जाटों का समर्थन पाने के लिए जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली रालोद के साथ गठबंधन किया है, जो अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से नाराज हैं। इस बीच, बीजेपी घर-घर जाकर प्रचार कर रही है। सपा पर अपने शासन के दौरान ‘गुंडाराज’ का आरोप लगा रही है। भगवा पार्टी जाटों तक पहुंच रही है और गठबंधन में दरार पैदा करने का प्रयास कर रही है।
    इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मतदाता बंटे हुए हैं। घंटा घर के पास क्रॉकरी की दुकान चलाने वाले पीएल आहूजा कहते हैं, ”मेरठ में बीजेपी उम्मीदवार शर्मा की जीत होगी। शर्मा की छवि साफ-सुथरी है। साथ ही अब गुंडागर्दी भी नियंत्रण में है और गरीबों को महीने में दो बार मुफ्त राशन मिलता है।” आपको बता दें कि इस चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जो मुस्लिम वोटों को विभाजित कर सकते हैं।
    मोहम्मद अंसारी, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान खेल का सामान बेचने वाली अपनी छोटी सी दुकान बंद करनी पड़ी थी और अब दिहाड़ी के रूप में काम करते हैं, कहते हैं कि ‘साइकिल’ इस शहर में सवारी करेगा। कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैं अब बेरोजगार हूं। क्या यह काफी नहीं है?”
    मुजफ्फरनगर के चरथवल विधानसभा क्षेत्र के नारा गांव के वीर चंद त्यागी कहते हैं, ”भीतर इलाकों में जाटों का मूड बीजेपी के मुकाबले सपा-रालोद के पक्ष में 60:40 है। शहरी इलाकों में यह 50:50 है।” उन्होंने कहा, ‘बीजेपी के खिलाफ अभी भी कुछ गुस्सा है लेकिन हमारा वोट भगवा पार्टी को जाएगा। हमारी लड़कियां वर्तमान शासन के तहत स्वतंत्र रूप से घूमने के लिए स्वतंत्र हैं। वे हिंदुओं के बारे में बात करते हैं। इसके अलावा हमें गन्ने का बकाया समय पर मिल गया है।’
    सीएसडीएस के सह-निदेशक संजय कुमार कहते हैं, ”इस बीच, विपक्षी दल जाटों को लुभाने और क्षेत्र के दो प्रमुख घटकों- जाटों और मुसलमानों को एक साथ लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन नहीं है कि जाट और मुसलमान अपने मतभेदों को दूर कर सकते हैं, लेकिन इस बार उनका एक साझा दुश्मन है। उन्होंने महसूस करना शुरू कर दिया है कि अगर उन्हें बीजेपी को हराना है तो उन्हें एकजुट होना चाहिए।”

  • जीत के लिए नई प्लानिंग, अमित शाह अब पूर्वांचल में डालेंगें डेरा

    जीत के लिए नई प्लानिंग, अमित शाह अब पूर्वांचल में डालेंगें डेरा

    द न्यूज़ 15
    नई दिल्ली। UP विधानसभा चुनाव के चलते पूर्वांचल से लखनऊ की राह आसान करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह 12 फरवरी से गोरखपुर क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर डेरा डालेंगे। शुक्रवार को छठे चरण के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी।
    गोरखपुर क्षेत्र की हर विधानसभा सीट पर गृह मंत्री अमित शाह विचार करेंगें , जिसे लेकर भाजपा कार्यक्रमों की रूपरेखा को अंतिम रूप देने में जुटी है। बड़े नेताओं को उन सीटों पर खासतौर पर भेजा जाएगा जहां कांटे की टक्कर होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसी कड़ी में सहजनवा विधानसभा क्षेत्र में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा की तिथि भी तय की जा रही है।
    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस क्षेत्र में ताबड़तोड़ प्रचार करेंगे तो वही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के साथ ही छठें चरण के लिए पार्टी के अन्य स्टार प्रचारक भी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए शहर से लेकर देहातों तक पहुंचेंगे। किस नेता को कौन सी विधानसभा सीट पर भेजा जाना है इसको लेकर विधानसभा स्तर पर सुझाव भी लिया जा रहा है। पार्टी नेताओं का कार्यक्रम शीघ्र तय हो जाएगा।
    विधानसभा चुनाव के पांचवें, छठें और सातवें चरण में पूर्वांचल की सीटों पर मतदान होना है। इनमें कई जगहों पर भाजपा की स्थिति मजबूत मानी जाती है तो कई जगहों पर विरोधी दल गठबंधन के साथ तगड़ी चुनौती दे रहे हैं। पार्टी रणनीति के मुताबिक जैसे-जैसे चरणवार चुनाव सम्पन्न होते जाएंगे ठीक वैसे-वैसे पार्टी नेताओं को बाकी बचे क्षेत्रों में भेजा जाएगा। अब चुनाव को लेकर भाजपा ने हर सीटों पर फीडबैक लेकर रणनीति बनानी शुरू की है। नामांकन खत्म होने के बाद पार्टी के दिग्गज नेता पार्टी के प्रचार के लिए पहुंचेंगे।
    पूर्वांचल की 165 सीटों को अपने पक्ष में करने के लिए विरोधी दल भी पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। इन सीटों पर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए भाजपा बीते दिनों जन विश्वास यात्रा भी निकाल चुकी है।
    उधर गोरखपुर क्षेत्र में 62 विधानसभा सीटें हैं। पार्टी ने इस बार 55 प्लस का लक्ष्य तय किया हैं। पार्टी के दिग्गज नेता केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को लेकर लोगों तक पहुंचेंगे। इसके साथ ही लोक कल्याण संकल्प पत्र में भाजपा के वादे की जानकारी भी उन्हें देंगे।

  • सीएम योगी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे चंद्रशेखर पर दर्ज हैं 17 केस 

    सीएम योगी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे चंद्रशेखर पर दर्ज हैं 17 केस 

    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चंद्रशेखर और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी लेकिन कई दौर की बातचीत के बाद भी सहमति नहीं बन पाई थी।

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली। आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने गोरखपुर विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। चंद्रशेखर यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। चंद्रशेखर ने जो शपथ पत्र दिया है, उसमें उन्होंने अपनी संपत्ति और मुकदमों का ब्योरा भी दिया है। चंद्रशेखर के खिलाफ अलग-अलग जिलों में 17 केस दर्ज हैं।
    सहारनपुर जिले के छुटमलपुर के पास स्थित घड़कोली गांव के रहने वाले चंद्रशेखर ने हेमवतीनंदन बहुगुणा, गढ़वाल विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की है। चंद्रशेखर ने 2015 में दलित छात्रों का एक संगठन बनाया जिसका नाम भीम आर्मी रखा। वह आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। शपथ पत्र के मुताबिक, चंद्रशेखर, उनकी पत्नी और परिवार के नाम पर कुल 44 लाख रु के करीब की चल-अचल संपत्ति है। इनमें 26.14 लाख रुपये की चल और 17 लाख रुपये की अचल संपत्ति है। सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर शहर सीट से चुनाव लड़ रहे चंद्रशेखर के पास 18 हजार रु कैश के तौर पर हैं जबकि उनकी पत्नी के पास 12 हजार रु कैश हैं।
  • कांग्रेस की अंदरूनी राजनीती पर क्या असर डालेंगें विधानसभा चुनाव; जीते तो हाईकमान को मिलेगा बल, हारे तो मुखर होगा G-23

    कांग्रेस की अंदरूनी राजनीती पर क्या असर डालेंगें विधानसभा चुनाव; जीते तो हाईकमान को मिलेगा बल, हारे तो मुखर होगा G-23

    द न्यूज़ 15
    नई दिल्ली। कांग्रेस के लिए काफी अहम हैं इस बार के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव। इन चुनाव से ही कांग्रेस का भविष्य तय होगा, वहीं चुनाव परिणाम का असर अंदरूनी राजनीति पर भी असर डालेगा। पंजाब और उत्तराखंड के साथ पार्टी किसी एक और राज्य में सरकार बनाने में सफल रहती है, तो संगठन के अंदर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की स्थिति मजबूत होगी। वहीं, प्रदर्शन खराब रहा तो पार्टी के अंदर असंतुष्ट नेताओं को नेतृत्व पर सवाल उठाने का एक और मौका मिल जाएगा।
    यह चुनाव पार्टी के लिए इसलिए भी अहमियत रखते है, क्योंकि उत्तर प्रदेश को छोड़कर बाकी चार राज्यों में कांग्रेस की स्थिति बेहतर है। पंजाब में पार्टी की सरकार है और उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में वापसी के लिए जद्दोजहद कर रही है। ऐसे में पार्टी पंजाब और उत्तराखंड में वापसी करने में नाकाम रहती है, तो भविष्य में उसकी मुश्किलें बढ़ सकती है। क्योंकि, उत्तराखंड में अमूमन हर पांच साल बाद सरकार बदलती रही है। यदि पार्टी हारती है, तो भविष्य की राह कठिन और संगठन कमजोर होगा। विधानसभा चुनाव ऐसे वक्त हो रहे हैं, जब पार्टी में संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इन चुनाव के परिणाम पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव पर अभी असर डाल सकते हैं।
    पार्टी संगठन चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री के मुताबिक, सितंबर तक पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। लिहाजा, पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहता है, तो संगठन चुनाव में कोई मुश्किल नहीं होगी। वहीं, प्रदर्शन खराब रहता है, तो पार्टी में असंतुष्ट आवाजे और तेज होंगी।

  • किसान नेताओं की भाजपा को हराने और सजा देने की अपील

    किसान नेताओं की भाजपा को हराने और सजा देने की अपील

    योगी सरकार वापस आई तो 3 कृषि कानून फिर से किसानों पर थोपे जाएंगे : डा. सुनीलम 
    उत्तर प्रदेश के 57 किसान संगठन भाजपा को गांव गांव जाकर सजा देने की कर रहे हैं अपील 

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली/लखनऊ। समाजवादी पार्टी एवं राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन के समर्थन में आज राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव ओंकार सिंह, संविधान बचाओ, देश बचाओं अभियान के संयोजक अरूण श्रीवास्तव एवं किसान नेता, पूर्व विधायक (सपा) डॉ सुनीलम गठबंधन के सभी प्रत्याशियों के पक्ष में  इटावा और करहल विधानसभा  के विभिन्न गाँव मे जनसम्पर्क किया ।
    इटावा में सर्वेश शाक्य के समर्थन में  प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा को हराने और सजा देने की अपील की है, जिसका व्यापक असर अब तक 30 विधानसभा क्षेत्रों में दौरा करने पर देखने मे  आया है। डॉ सुनीलम ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के साथ जुड़े संगठनों के कार्यकर्ता गांव-गांव में पर्चे बांटकर एवं नुक्कड़ सभाएं कर किसानों को यह बतला रहे कि यदि योगी सरकार वापस आई तो 3 कृषि कानून फिर से वापस आ जाएंगे, जिन्हें रद्द कराने के लिए किसानों ने 380 दिन तक आंदोलन चलाया था तथा 317 किसानों ने शहादत दी थी।
    उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सभी कृषि उत्पादों की एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी को लेकर आंदोलन की योजना तैयार की जा रही है। डॉ सुनीलम ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचले जाने की घटना एवं गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त एवं गिरफ्तार नहीं किए जाने के कारण आक्रोशित है तथा वोट के माध्यम से भाजपा को सबक सिखाएंगे। डॉ सुनीलम ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 57 किसान संगठन भा ज पा को सजा देने की अपील गांव गांव जाकर कर रहे हैं। डॉ सुनीलम ने कहा कि सपा रालोद गठबंधन के नेता अखिलेश और जयंत चौधरी  ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है तथा किसानों को एम एस पी पर खरीद , निशुल्क सिचाई की व्यवस्था और 15 दिन में
    गन्ना किसानों को भुगतान  करनर ,शहीद परिवारों को 25 लाख  रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है ।
    दूसरी तरफ भा ज पा ने किसानों को कुचला है । इसलिए जरूरी है किसान विरोधियों को हराया जाए ,सजा दी जाए। संविधान बचाओ, देश बचाओ अभियान के संयोजक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि  बहुजन समाज पार्टी गठबंधन को हराने के लिए वोट काटने की नीति पर काम कर रही है। उनकी नेता का कहना है कि वे गठबंधन की सरकार नहीं बनने देने के लिए किसी को भी समर्थन देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बीएसपी को वोट देने का लाभ भाजपा को मिलेगा और गठबंधन को नुकसान होगा।
    राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव ओंकार सिंह ने कहा कि देश में आजादी आंदोलन की नींव खतरे में है। देश की गंगा -जमुनी तहजीब को भाजपा खत्म करने पर आमादा है जबकि गठबंधन विकास ,रोजगार, सिंचाई, बिजली , सामाजिक सुरक्षा ,महिला सुरक्षा की बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह, डॉ राम मनोहर लोहिया, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की विरासत को बचाने और बढ़ाने के लिए गठबंधन की जीत सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रेस वार्ता में नीरज यादव ,सर्वोदय जागरण मंच ,आदिवासी समाजसेवी नमन दीक्षित मौजूद थे।

  • अखिलेश के समर्थन में आईं  ममता बनर्जी पर अपर्णा यादव ने किया पलटवार

    अखिलेश के समर्थन में आईं ममता बनर्जी पर अपर्णा यादव ने किया पलटवार

    द न्यूज़ 15
    कानपूर। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के समर्थन में वोट मांगने आईं पश्चिम बंगाल CM ममता बनर्जी पर अपर्णा यादव ने गुस्सा दिखते हुए पलटवार किया है। अपर्णा यादव ने कहा कि यूपी में गुंडे-बदमाश रहते हैं, यह कहने वाली बंगाल की CM ममता बनर्जी इसी प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए आईं हैं, यह यूपी को बदनाम करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि बंगाल में खेला किया था, लेकिन यूपी में झेला होगा और इनको वहीं झेल दिया जाएगा।
    अपर्णा यादव ने कहा कि भाजपा के शासन काल में महिलाएं सुरक्षित रहीं। मंगलवार को ही पार्टी ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है। इसमें गरीबों के लिए योजनाओं की भरमार है। कहाकि यूपी में अब तक गरीब बेटियों की शादी में 35 हजार का अनुदान मिलता था, इसे अब बढ़ाकर 1 लाख किया जाएगा। इसके साथ हौसला योजना की राशि भी बढ़ाई जा रही है। बुजुर्गों के लिए सार्वजनिक परिवहन में नि:शुल्क सेवा रहेगी। यह बहुत बड़ा काम है। विकास के लिए हर तरफ काम किया गया है।
    उन्होंने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि योगी सरकार में महिलाओं ने खुद को सबसे अधिक सुरक्षित महसूस किया है। चाहे उन्हें खेत खलिहान या जंगल में लकड़ी लेने जना हो, या फिर शहरों कस्बों में कामकाज के लिए जाना हो। हर तरफ महिलाएं खुद को सुरक्षित मान रहीं हैं। उन्होंने कहाकि भोगनीपुर सीट से राकेश सचान के साथ ही जिले की सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को प्रचंड बहुमत से जिताएं। कहा, भाजपा का सुशासन आपको हर कदम पर सुरक्षा, विकास और तरक्की का अहसास कराएगा। इस दौरान जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह चौहान, पूर्व अध्यक्ष राहुल देव अग्निहोत्री, अनीता सचान आदि रहीं।

  • अब शादाब फातिमा समेत शिवपाल की पार्टी के कई नेताओं ने की बगावत, बढ़ाएंगे अखिलेश की मुश्किलें 

    अब शादाब फातिमा समेत शिवपाल की पार्टी के कई नेताओं ने की बगावत, बढ़ाएंगे अखिलेश की मुश्किलें 

    इस बार के विधानसभा चुनाव में शिवपाल यादव की पार्टी के उम्मीदवार सपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ रहे हैं। शिवपाल यादव ने भी जसवंतनगर विधानसभा से सपा के टिकट पर नामांकन दाखिल किया।

    द न्यूज 15 
    लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (PSPL) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन से प्रसपा के कई नेताओं का टिकट कट गया है। टिकट कटने वाले नेताओं ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिए हैं। बगावती तेवर अपनाने वालों में शिवपाल की करीबी और अखिलेश सरकार में मंत्री रहीं शादाब फातिमा का नाम भी शामिल है।
    दरअसल शादाब फातिमा जहूराबाद सीट से टिकट चाहती थीं लेकिन यह सीट सुभासपा के खाते में चली गई। अब यहां से सुभासपा नेता ओम प्रकाश राजभर चुनाव लड़ेंगे। राजभर को टिकट मिलने के बाद वो निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं। इसी तरह प्रसपा के कई नेता भी निर्दलीय मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि शादाब फातिमा ने साल 2012 में जहूराबाद से चुनाव लड़ा था और उन्होंने ओम प्रकाश राजभर को चुनाव हराया था। इसके बाद वो अखिलेश कैबिनेट में मंत्री भी रहीं लेकिन 2016 में अखिलेश और शिवपाल के बीच उपजे मतभेद के कारण फातिमा का टिकट काट दिया गया था।  इस बार के विधानसभा चुनाव में शिवपाल यादव की पार्टी के उम्मीदवार सपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ रहे हैं। दरअसल पहले प्रसपा का चुनाव चिन्ह चाबी था, जिसे कुछ महीने पहले ही जब्त कर लिया गया था। इसलिए उनकी पार्टी ने साइकिल चुनाव चिन्ह पर ही उतरने का फैसला किया है। बीते दिनों शिवपाल यादव ने भी जसवंतनगर विधानसभा से सपा के टिकट पर नामांकन दाखिल किया।
    बता दें कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने जिन जिन दलों के साथ गठबंधन किया है उनमें ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा, जयंत चौधरी की रालोद, संजय चौहान की जनवादी पार्टी, केशव मौर्य के महान दल, कृष्णा पटेल की अपना दल कमेरावादी, एनसीपी और टीएमसी भी शामिल है। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं। 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होगा। दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी, तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होगा। चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी, पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी, छठे चरण का मतदान 3 मार्च और सातवें चरण का मतदान 7 मार्च का होगा। 10 मार्च को मतगणना होगी।

  • अखिलेश यादव के समर्थन में जनता से बोली ममता बनर्जी, “योगी आएगा तो आपको खा जाएगा”

    अखिलेश यादव के समर्थन में जनता से बोली ममता बनर्जी, “योगी आएगा तो आपको खा जाएगा”

    द न्यूज़ 15
    लखनऊ। UP विधानसभा चुनाव से पहले मंगलवार को अखिलेश के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा के लिए वोट की अपील करते हुए पश्चिम बंगाल की CM और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि यूपी में ‘योगी आएगा तो आपको खा जाएगा’। ममता बनर्जी ने अल्पसंख्यकों से भी एकजुट होकर सपा के लिए वोट करने की अपील की।
    ममता बनर्जी ने कहा, उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और अगर यहां से भाजपा गई तो पूरे देश से चली जाएगी इसलिए भाजपा को उप्र में हराना जरूरी है। यूपी की लड़ाई इज्जत की लड़ाई है, यूपी में यदि अखिलेश जीत जाएंगे, वेस्ट यूपी के लोगो से अपील करते हुए कहा कि आप दिशा दिखा दीजिए, तो पूरा यूपी आपको फॉलो करेगा।”
    ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी सरकार उनकी नकल करती है। उन्होंने कहा, ”नकल करो अच्छा चीज नकल करो। मर्डर मत करो, नोटबंदी मत करो, एनआरसी मत करो, बंटवारा मत करो। फिर योगी जी आ जाएगा तो आपको पूरा खा जाएगा। राजनीति के रूप में अर्थनीति के रूप में। हर जगह। इसको कुछ आता नहीं है। इसलिए वह जा रहा है। जो जाता है उसे जाने दीजिए।” ममता बनर्जी ने कहा कि यूपी में वोट बंटवारे से बचना है। टीएमसी प्रमुख ने दलितों, जाट, मुस्लिम, हिंदू सभी से एकजुट होकर सपा को वोट देने की अपील की। उन्होंने कांग्रेस और AIMIM की ओर इशारा करते हुए कहा कि अपना वोट बेकार ना जाने दें।
    ममता ने कहा, ”हमारा जितना मॉइनॉरिटी भाई-बहन है, आप सभी से कहूंगी कि एकजुट होकर किसी और को नहीं, सपा को वोट दीजिए। हमारा जितना और भी जातिया हैं, चाहे ब्राह्मण हो, मुस्लिम हो, हिंदू हो, सिख हो, ईसाई हो, दलित हो, ठाकुर हो, आदिवासी, सभी जातियों से कहूंगी कि हर-हर महादेव कहकर कहूंगी कि आप लोग बड़े दिल से आगे बढ़ें।”
    बीजेपी के संकल्प पत्र पर तंज कसते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ”हमें नहीं मालूम भाजपा ने आज ‘मेनीफेस्टो’ जारी किया है या ‘मनीफेस्टो’ जारी किया, कोरोना में इतने लोग मारे गए, हाथरस में जो हुआ उसके लिए पहले भाजपा माफी मांगे, फिर वोट मांगे।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सबसे ज्यादा पैसा उत्तर प्रदेश को दिया, फिर भी राज्य में कोई विकास नहीं हुआ |