बाप नंबरी, बेटा 10 नंबरी बोलकर आखिर क्या कहना चाहते हैं ओपी राजभर ?

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बाप नंबरी बेटा 10 नंबरी
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द न्यूज 15 
लखनऊ। सुभासपा नेता व पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर कब क्या बोल दें कुछ नहीं कहा जा सकता है। विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन कर अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने की मुहिम में जुटे राजभर क्या अभी भी अपने को भाजपा के साथ मानकर चल रहे हैं ? या फिर उन्हें शब्दों का ज्ञान नहीं है। एक इंटरव्यू के दौरान वह मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को बाप नंबरी और बेटा 10 नंबरी कह बैठे।
दरअसल एक निजी चैनल पर आयोजित कार्यक्रम में पत्रकार ने सुभासपा नेता ओम प्रकाश राजभर से सवाल पूछा कि आपके गठबंधन सहयोगी अखिलेश यादव के पिताजी रेप पर क्या बयान देते थे, आपको याद है। इस पर राजभर ने मुलायम सिंह यादव के बयान को दोहराते हुए कहा कि मैं उनके इस बयान का समर्थन नहीं करता हूं।  इसके बाद जब पत्रकार ने उनसे पुछा कि आप उस गठबंधन के सबसे बड़े हीरो हैं। तो इस पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अब वो सपा नहीं है। अब नई सपा है और इसके मालिक अखिलेश यादव हैं। अब पिताजी (मुलायम सिंह यादव) को मुख्यमंत्री नहीं बनना है। इसके बाद पत्रकार के टोके जाने पर उन्होंने कहा कि आपको याद है कि बाप नंबरी और बेटा दस नंबरी। फिर जब उनसे पूछा गया कि क्या इसका मतलब यह है कि वे दस गुना बयान देंगे तो उन्होंने कहा कि नहीं वो दस गुना कंट्रोल करेंगे।

दरअसल हमारे समाज में नम्बरी गलत अर्थ में बोला जाता है। यह शब्द ठगी के अर्थ में बोला जाता है। बाप नंबरी बेटा 10 नंबरी एक फिल्म बन चुकी है। इस फिल्म में कादर खान बाप बने हैं तो बेटा शक्ति कपूर हैं। ठगी में महारत हासिल होने का प्रमाण देते हुए कादर खान घर के बंटवारे में  शक्ति कपूर को कुछ नहीं देते हैं। जैसे घर-वर बोलकर घर अपने पास रख लेते हैं और वर शक्ति कपूर को दे देते हैं। ऐसे ही बर्तन-वर्तन बोलकर बर्तन अपने पास रख लेते हैं और वर्तन शक्ति कपूर को दे देते हैं। अब राजभर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बारे में बाप नम्बरी बेटा 10 नंबरी बोलकर क्या साबित करना चाहते हैं ?
दरअसल विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा के साथ ही शिवपाल सिंह यादव की प्रसपा, जयंत चौधरी की रालोद, संजय चौहान की जनवादी पार्टी, केशव मौर्य के महान दल, कृष्णा पटेल की अपना दल कमेरावादी, एनसीपी और टीएमसी के साथ भी गठबंधन किया है।

गौरतलब है कि ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा की पकड़ राजभर समुदायों के बीच काफी मजबूत है। प्रदेश के करीब 10 जिलों में ये निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। 2017 के चुनाव में ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा ने करीब 8 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से उन्हें चार सीटों पर जीत हासिल हुई। उन्होंने पिछला चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था और बाद में उन्हें योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री भी बनाया गया था। लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया था।

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