मिथिलांचल के लिए साबित हो रहा वरदान साबित हो रही पश्चिमी कोसी नहर परियोजना

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बिहार का 6 दशक पुराना है सपना  

दीपक कुमार तिवारी

 पटना । बिहार के मधुबनी और दरभंगा के किसानों के लिए खुशखबरी है। पश्चिमी कोसी नहर परियोजना से अब इन जिलों में सिंचाई की सुविधा बेहतर प्रदान कर रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत नेपाल के भीमनगर में कोशी नदी पर बने बैराज से एक नहर निकाली गई है, जिसे पश्चिमी कोसी मुख्य नहर कहते हैं। इसके साथ ही, वाटर डिस्ट्रीब्यूशन के लिए नहरों का जाल बिछाने और पुरानी व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम भी चल रहा है। इस परियोजना का मकसद मधुबनी और दरभंगा के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना है।पश्चिमी कोसी मुख्य नहर, नेपाल के भीमनगर में कोसी नदी पर बने बैराज के दाहिने हिस्से से निकलती है। नहरों के जाल बिछ जाने से किसानों की फसल अच्छी होगी और उनकी आमदनी में भी इजाफा होगा। इसके अलावा बाढ़ की मुसीबत से भी मुक्ति मिलेगी।पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का मूल उद्देश्य मधुबनी और दरभंगा जिले में सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित कराना है। इस योजना अंतर्गत कोशी नदी में नेपाल के भीमनगर मे निर्मित बराज के दाएं भाग से पश्चिमी कोसी मुख्य नहर का निर्माण किया गया हैं। इससे तहत अलग-अलग तरीके से वाटर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के निर्माण कार्य और रेस्टोरेशन का काम कराया जा रहा हैं।
योजना की मूल प्रशासनिक स्वीकृति वर्ष 1962 में 13.49 करोड़ रुपए के लिए प्रदान की गई थी। नेपाल से नहर निर्माण के विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर सहमति मिलने के बाद वर्ष 1971 से योजना का कार्य प्रारंभ हुआ। बीच के वर्षों में लंबी अवधि तक अलग-अलग वजहों से काम नहीं हो सका। वर्ष 1996-97 से वर्ष 2012-13 तक योजना का क्रियान्वयन कराया गया।
भू-अर्जन मुआवजा भुगतान में आई जटिलता और अन्य कारणों से यह योजना अपने निर्धारित समय पर पूर्ण नहीं हो सकी। वर्ष 2020 में योजना को नए सिरे से अवशेष कार्यों के साथ पुनर्स्थापन के प्रावधान के साथ 2372.528 करोड़ रुपए का पंचम पुनरीक्षित प्राक्कलन की स्वीकृति प्रदान किया गया। नेपाल की ओर से मुख्य नहर से 8500 घनसेक पानी छोड़ा जा सकता है, जबकि भारत की ओर से 6470 घनसेक वाटर डिस्चार्ज किया जा सकता है।
योजना में चौर क्षेत्र, जलजमाव क्षेत्र, नदी-नाले और अन्य भूमि जो कृषि योग्य नहीं है को छोड़कर कृषि योग्य कमांड क्षेत्र 203300 हेक्टेयर है। जिसमें दरभंगा जिले का कमांड क्षेत्र 15556 हेक्टेयर है। मधुबनी जिले का कमांड क्षेत्र 187744 हेक्टेयर है। दरभंगा जिले के दक्षिणी भाग के जल जमाव से मुक्त हो जाने पर योजना का कमांड क्षेत्र विस्तारीकरण किए जाने का प्रवधान है।
योजना में उग्रनाथ शाखा नहर, विदेश्वर स्थान उप शाखा नहर और काकरघाटी शाखा नहर के विस्तारीकरण का प्रावधान है। जिसमें दरभंगा जिले के अतिरिक्त कृषि योग्य भूमि को भविष्य में योजना के कमांड क्षेत्र में शामिल किया जा सकेगा। विस्तारण के बाद लगभग 30 हजार हेक्टेयर कमांड क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी।
योजना के बाकी बचे कार्य और रेस्टोरेशन के काम के लिए प्रमुख रूप से 28 दिसबंर 2020 को 735.0125 करोड़ रुपए का एकरारनामा किया गया है जिसके तहत कार्य की प्रगति लगभग 94 प्रतिशत है।2024 के हिसाब से देखें तो खरीफ के मौसम में जलस्राव (Water Seepage) 6100 घनसेक रहा। खरीफ फसल के दौरान 107189 हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसकी वर्तमान उपलब्धि 77134.50 हेक्टेयर रही।

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