द न्यूज़ 15
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में ढाई दर्जन से ज्यादा मुसलमान प्रत्याशी हैं। पश्चिमी यूपी में सत्ता पक्ष को अपनी बढ़त बनाए रखने की चुनौती होगी तो विपक्षी दलों को इन्हें उखाड़ फेंकने की, लेकिन एक ही सीट पर दो मुस्लिम प्रत्याशी खड़े होने से खेल बिगड़ने का भी अंदेशा है। कैराना, थाना भवन, चरथावल, मीरापुर, सिवालखास, मेरठ शहर, बागपत, छपरौली, लोनी, धौलाना, बुलंदशहर, शिकारपुर, कोल ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस, सपा व बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं दो सीटें ऐसी हैं, जहां से तीन-तीन प्रत्याशी उतारे गए हैं। मेरठ दक्षिण से सपा ने आदिल चौधरी, बसपा ने दिलशाद अली और कांग्रेस ने नफीस जैदी को टिकट दिया है तो अलीगढ़ सीट से सपा-रालोद ने जफर आलम, बसपा ने रजिया खान व कांग्रेस ने सलमान इम्तियाज पर दांव लगाया है।
अब जनता अपना दांव 10 फरवरी को लगाएगी। यह वे सीटें हैं जहां से निकला संदेश पूरे यूपी के चुनाव की चाल तय करेगा। जहां से विभिन्न पार्टियों के दो मुस्लिम प्रत्याशी खड़े हैं। ऐसे में वोटों का बंटवारा रोकना कड़ी चुनौती होगी। पिछले चुनावों में भाजपा ने यहां की 90 फीसदी से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी।