सेहत के दृष्टिकोण से स्टीविया का उपयोग अत्यंत लाभकारी

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सुभाषचंद्र कुमार

समस्तीपुर पूसा । प्रकृति ने हमें विभिन्न प्रकार के फल, फूल और पेड़-पौधे दिये हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर हैं. जो हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं. ये पौधे हमारी सेहत को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आज हम एक ऐसे पौधे की पत्तियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जो न केवल मधुमेह बल्कि कई अन्य बीमारियों का भी इलाज है. यह है स्टीविया का पौधा. जिसे खाने के बाद चीनी के स्वाद जैसा महसूस होता है. यह शुगर के पेशेंट के लिए लाभकारी भी है.

 

 

कई बीमारियों में है लाभदायक

 

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा केमेडिसिनल प्लांट डिपार्मेंट में कार्यत विशेषज्ञ दिनेश राय ने बताया कि डायबिटीज की बीमारी के शिकार व्यक्ति चीनी-मीठा इत्यादि का उपयोग नहीं करते हैं. चीनी-गुड़ से बनी सामग्री खाने के बाद शरीर में चीनी का लेवल बढ़ जाता है, जिससे मरीजों की परेशानी भी बढ़ जाती हैं. ऐसी परिस्थितियों में लोग स्टीविया के पौधे की पत्तियों की खीर बनाकर या चाय बनाकर पी सकते हैं. स्टीविया के विभिन्न अनुप्रयोग हैं जैसे उच्च रक्तचाप, गैस अम्लता और त्वचा रोगों का इलाज. इसके अतिरिक्त, यह वजन घटाने के लिए फायदेमंद है. इसका उपयोग चीनी मुक्त उत्पादों के उत्पादन में किया जाता है.

 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

 

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मेडिसिनल प्लांट डिपार्मेंट में कार्यरत विशेषज्ञ दिनेश राय ने लोकल 18 को बताया कि व्यक्ति की अनियमित दिनचर्या एवं खान-पान से विभिन्न प्रकार की बीमारी बहुत तेजी से बढ़ रही है. जिसमें मधुमेह प्रमुख बीमारी के रूप में उभरी है.

चिकित्सा विज्ञान के अनुसार आने वाले समय में आबादी का एक बड़ा हिस्सा इसकी चपेट में आ सकता है. इसलिए आवश्यक हो जाता है कि इसके लिए अभी से ही बचाव के उपाय खोज की जाय जो कार गर हो सके. इसके लिए विश्व के मधुमेह रोगियों के लिए शर्करा पूर्ति के लिए स्टीविया लाभदायक साबित हो चुका है.

 

जानें कैसा रहता है इस पत्ते का स्वाद

 

इस पत्तों का स्वाद चीनी के मुकाबले 200-300 गुणा ज्यादा मीठा होता है. जान्जांयुक्त या कैलोरीयुक्त होता है. इसका उपयोग औषधि निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तथा मधुमेह रोगी के लिए उपयुक्त भोज्य पदार्थों के निर्माण में किया जाता है. इसके अतिरिक्त इसका उपयोग शीतल पेय बनाने में, चॉकलेट, ब्यूगम कैडी एवं दतमजन उद्योग में किया जाता है. यह जीवाणुरोधी होता है तथा इसका उपयोग त्वचा की झुर्रियों को दूर करने तथा घावों को भरने में भी किया जाता है.

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