उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र से पहले सीएम योगी ने संदेश दिया है कि सत्र में सभी सदस्य भाग लेंगे। सीएम योगी ने कहा कि सरकार जनहित का काम कर रही है। वहीं अखिलेश के मार्च पर उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक ढंग से विरोध सही है। योगी ने अनुमति के हिसाब से पैदल मार्च करन चाहिए। जनता को दिक्कत न हो। समाजवादी पार्टी से यह उम्मीद करना वो किसी नियम को माने किसी शिष्टाचार को माने यह एक कपोल कल्पना ही कही जा सकती है। इससे पहले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी अखिलेश पर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का अब यूपी से कोई लेना-देना नहीं है। जनता ने उन्हें ४ चुनावों में नकार दिया है। उन्होंने गुंडों का मनोरंजन किया है, उनके मार्च से उनका यहां कोई फायदा नहीं होगा। उधर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा के विरोध का आम लोगों के फायदे से कोई लेना-देना नहीं है। अगर वे इस पर चर्चा करना चाहते हैं तो वे इसे विधानसभा में करने के लिए स्वतंत्र हैं। हमारी सरकार चर्चा के लिए तैयार है। सपा अब बेरोजगार है। उनके पास करने के लिए कुछ नहीं है। इस तरह का विरोध लोगों के लिए समस्या पैदा करेगा।
दरअसल सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में हिस्सा लेने के लिए सपा विधायक अखिलेश यादव की अगुआई में पैदल मार्च करते हुए विधानभवन जा रहे थे। थोड़ा आगे बढ़ने के बाद पुलिस ने बैरिकेट लगातार अखिलेश और अन्य सपा विधायकों को राजभवन से पहले रोक दिया। सपा विधायक हाथों में तख्ती लेकर विरोध जताते हुए आगे बढ़ रहे थे। सपा कार्यालय कुछ दूर आगे बढ़ने पर ही उन्हें रोक दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें पैदल मार्च करने से मना किया। पुलिस द्वारा आगे नहीं बढ़ने देने पर अखिलेश समेत सभी सपा विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गये। पुलिस उन्हें मनाने की कोशिश कर रही है।