द न्यूज 15
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव-2022 में भाजपा की प्रचंड जीत के बीच समाजवादी पार्टी और गठबंधन में शामिल नेताओं की ओर से ईवीएम को लेकर कई बार सवाल खड़े किए गए। मतगणना से ठीक पहले खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेन्स कर आरोप लगाए। हालांकि अभी तक ईवीएम से छेड़छाड़ या गड़बड़ी का कोई पुख्ता सबूत कहीं से सामने नहीं आया है। मंगलवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर पोस्टल बैलेट के वोटों का हवाला देते हुए इशारों में सवाल उठाया। इसके साथ ही अखिलेश ने अपने ढंग से पोस्टल बैलेट में सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के बड़े पैमाने पर वोट मिलने का दावा भी किया।
अखिलेश ने एक ट्वीट में लिखा- ‘पोस्टल बैलेट में सपा-गठबंधन को मिले 51.5% वोट व उनके हिसाब से 304 सीटों पर हुई सपा-गठबंधन की जीत चुनाव का सच बयान कर रही है। पोस्टल बैलेट डालने वाले हर उस सच्चे सरकारी कर्मी, शिक्षक और मतदाता का धन्यवाद जिसने पूरी ईमानदारी से हमें वोट दिया। सत्ताधारी याद रखें, छल से बल नहीं मिलता!’
ओमप्रकाश राजभर का दावा-बीजेपी और बीएसपी के बीच थी मिलीभगत : उधर, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने एक बार फिर कहा है कि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच मिलीभगत थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पूर्वांचल की 122 सीटों पर भाजपा ने बसपा के टिकट तय किए। सपा गठबंधन के साथ इस चुनाव में 6 सीटें जीतने वाले सुभासपा प्रमुख ने कहा कि उनके पास सबूत भी है। उन्होंने कांग्रेस पर भी भाजपा की मदद का आरोप जड़ा है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में राजभर ने कहा, ”पूर्वांचल में 122 सीटें ऐसी हैं जिनपर बीजेपी दफ्तर में बैठकर प्रत्याशी तय किए गए और सिंबल बसपा ऑफिस में दिए गए। मैं इसके लिए सबूत दे सकता हूं। जो पार्टियां 4 बार सत्ता में रहीं, चाहे वह बसपा हो या कांग्रेस, बीजेपी का समर्थन किया। उनके वोट कहां गए?”