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फजीहत से बचने को मरे हुए कैदी को बीमार बता हथकड़ी लगाकर अस्पताल लेकर पहुंच गई जेल पुलिस! 

फजीहत से बचने लिए
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हाजीपुरः ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही कैदी मर चुका था,  उसका कोई इलाज नहीं किया गया 

द न्यूज 15 
पटना। बिहार में जो न हो जाए वो कम है। पुलिस की कारस्तानी को लेकर तो सरकार अक्सर शर्मसार होती रहती है। फिलहाल अपनी गर्दन बचाने के लिए बिहार पुलिस ने एक मरे हुए कैदी को हथकड़ी में जकड़कर अस्पताल पहुंचा दिया। जेल में हुई कैदी की मौत के मामले पर पर्दा डालने के लिए जेल अधिकारियों ने शव को हथकड़ियों में जकड़कर अस्पताल भेज दिया, वहां मुर्दे को बीमार बता अस्पताल में नाटक करते रहे।
लालगंज के राजकिशोर नाम का बुजुर्ग 4 दिन पहले जेल पहुंचा था। कैदी बीमार था और जेल में ही उसकी मौत हो गई। हाजीपुर जेल के जवान बीते दिन दोपहर तकरीबन 3 बजे उसको लेकर अस्पताल पहुंचे। जेल प्रशासन ने जिले के आला अफसरों को भी खबर कर दी कि कैदी बीमार है और उसे इलाज के लिए वो जिले के सरकारी अस्पताल ले जा रहे हैं।
परिजनों को भी कैदी की मौत की खबर चिट्ठी लिखकर दी गई। जेल प्रशासन ने परिजनों से कहा कि बीमार कैदी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिजन अस्पताल पहुंचे तो उन्हें राजकिशोर का शव मिला। जेल के अफसरों ने उनसे भी कहा कि बुजुर्ग बीमार था और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हुई है, लेकिन अस्पताल ने सारी कलई खोल दी।
ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही कैदी मर चुका था। उन्होंने उसका कोई इलाज नहीं किया। उनका कहना था कि राजकिशोर को लाने वाले जवान कह रहे थे कि वो ज्यादा बीमार है। उसका तत्काल इलाज शुरू कर दें। लेकिन जब उसकी जांच की गई तो वो ब्रॉट डेड था। डॉक्टरों का कहना है कि जेल प्रशासन लीपापोती कर रहा था। कैदी की जेल में ही मौत हो गई थी लेकिन उसे हथकड़ी लगाकर इस तरह से अस्पताल में लाया गया मानो कहीं वो भाग न जाए।
उधर, हाजीपुर प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जेल प्रशासन से जवाब तलब किया गया है कि उन्होंने मृत कैदी को हथकड़ी क्यों लगाई। एक अधिकारी ने बताया कि जो भी सच है उसका पता लगाकर दोषियों को सजा दी जाएगी। मानवाधिकार संगठनों ने भी घटना का संज्ञान लेकर जिला प्रशासन से सवाल जवाब शुरू कर दिए हैं। उनका कहना है कि मामले की जांच कराकर जेल के अफसरों को दंड दिया जाए।