दिसंबर का महीना खत्म हो गया। आज से नए साल का आगाज़ हो चूका है। देश में हर महीने की पहली तारीख को कई बदलाव होते हैं। यह बदलाव सीधे आम आदमी की जेब पर असर डालते हैं। ऐसे में आपको इन बदलावों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। 1 जनवरी से कई बदलाव हो चूका है इनका सीधा संबंध आपकी जेब से है।
सिम कार्ड खरीदने और रखने के नियम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब सिम कार्ड खरीदने पर सिर्फ डिजिटल KYC ही होगी इससे पहले डॉक्यूमेंट्स का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाता था।
नए साल से नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी (NPCI) नई पॉलिसी लागू कर रहा है। इसके तहत एक या उससे ज्यादा साल से इनएक्टिविट यूपीआई आईडी को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए नया साल 2024 राहत लेकर आएगा? एलपीजी के रेट में अमूमन हर महीने की 1 तारीख को बदलाव होता है। इसी कड़ी में आज (1 जनवरी, 2024) एलपीजी सिलेंडर के नए रेट जारी होंगे. गौरतलब है कि चुनावी साल 2019 में पेट्रोलियम कंपनियों ने उपभोक्ताओं को नए साल का गिफ्ट देते हुए 14 किलो वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम 120.50 रुपये कम कर दिए है।
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने म्युचुअल फंड और डीमैट खाता में नॉमिनेशन की आखिरी तारीख बढ़ा दी है। पहले नॉमिनी बताने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर थी। अब 6 महीने का समय और दे दिया गया है। अब नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 30 जून, 2024 कर दी गई है।
अगर आपने अपने जीमेल अकाउंट को 1-2 साल से इस्तेमाल नहीं किया है तो आपका गूगल का जीमेल अकाउंट बंद हो सकता है। गूगल का ये नियम सिर्फ पर्सनल अकाउंट पर होगा ये नियम बिजनेस अकाउंट पर लागू नहीं होगा।
जनवरी 2024 में अगर आपका बैंक में जाकर कोई काम निपटाने का इरादा है, तो आपको बैंक की छुट्टियों की जानकारी लेकर ही अपनी प्लानिंग करनी चाहिए ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्योंकि बिना छुट्टियों की जानकारी लिए आप बैंक चले जाएं और उस दिन बैंक बंद हो। जनवरी में अलग-अलग मौकों पर कुल 16 दिन बैंक बंद रहेंगे। आप आरबीआई की वेबसाइट पर जाकर बैंक छुट्टियों की लिस्ट को चेक कर सकते हैं।
बात खाने पिने की सामान की करें तो 2023 में तुअर दाल 110 रुपए से बढ़कर 154 रुपए किलो पर पहुंच गई। वहीं इस साल चावल 37 रुपए से बढ़कर 43 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है।इसी तरह हर घर में रोजाना उपयोग होने वाले सामान जैसे दूध, शक्कर, टमाटर और प्याज जैसी चीजों के दाम भी इस साल बढ़े हैं। हालांकि बीते साल गैस सिलेंडर और सोयाबीन तेल सहित कई अन्य चीजों के दाम में गिरावट भी देखने को मिली है।भारत में महंगाई के कारणों की बात करें तो डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर होकर 83 के स्तर के पार पहुंच गया है। डॉलर महंगा होने से भारत का आयात और महंगा होता जा रहा है और इससे घरेलू बाजार में चीजों के दाम भी बढ़ रहे हैं। वहीं कोविड के बाद से सप्लाई चेन अभी तक पूरी तरह से पटरी पर नहीं आई है, जिसने महंगाई को बढ़ाया है। इसके अलावा रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास युद्ध के कारण भी क्रूड ऑयल और खाने-पीने के सामानों के दाम बढ़े हैं।