नप के नये ईयो के समक्ष होगी अनेक चुनौतियां
नप के नये कार्यपालक पदाधिकारी के समक्ष होगी ये चुनौतियां
राजगीर। नगर परिषद राजगीर के नये कार्यपालक पदाधिकारी संतोष कुमार ने पदभार ग्रहण कर लिया है। संतोष कुमार ऐसे समय में पदभार ग्रहण किये हैं, जब नगर परिषद में उथल पुथल का माहौल है। दो कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। कुछ लोग अभी भी कार्रवाई की जद में हैं। वित्तीय अनियमितता में कनीय अभियंता को बर्खास्त कर दिया गया है। सीटी मैनेजर का स्थानांतरण हो गया है। यानि फिलहाल बिना सीटी मैनेजर और कनीय अभियंता का यह नगर परिषद है। नये कार्यपालक पदाधिकारी के समक्ष अनेकों चुनौतियां हैं, जिसका उन्हें सामना करना होगा। सबसे पहले लचर कार्यालयीय व्यवस्था को सुधारने और आंतरिक संसाधन को बढ़ाने की उनके सामने चुनौती होगी। मार्च महीना आखिरी पड़ाव की ओर है। अबतक अगले वर्ष के लिए बजट पारित नहीं हुआ है। नगर के विकास के लिए बजट बनाना और पास कराना उनकी पहली चुनौती है। दो साल से अवरुद्ध विकास कार्यों को पटरी पर लाना और गुणवत्ता पूर्ण धरातल पर उतारने के साथ नगर परिषद क्षेत्र के प्रमुख स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना उनकी बड़ी चुनौती होगी। जिन आरोपों को लेकर कनीय अभियंता कुमार आनंद को बर्खास्त किया गया है। उनसे जुड़े योजनाओं के संबंधित ठेकेदारों से अपव्यय की राशि को वसुल करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। उनके सामने स्वतंत्र रूप से बिना किसी के दबाव में काम करने की भी चुनौती होगी। फुटपाथ दुकानदारों के लिए वेंडिंग जोन बनाना, पहले से चिन्हित वेंडिंग जोन में फुटपाथ दुकानदारों को पहुंचाना भी कार्यपालक पदाधिकारी के लिए चुनौती से कम नहीं होगी। सरकार द्वारा सिंगल यूज पॉलिथीन पर बैन लगा दिया गया है। लेकिन राजगीर में फुटपाथ दुकानदार से लेकर मिठाई दुकानदार, दवा दुकानदार, किराना दुकानदार, फल – सब्जी, मीट – मछली एवं अन्य प्रकार के दुकानदारों द्वारा प्रतिबंधित पॉलीथिन का इस्तेमाल बेखौफ किया जा रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए ईयो को चुनौती के रूप में लेना होगा। शहर अतिक्रमणकारियों के आक्रमण से कराह रहा है। सड़क हो अथवा पइन – पोखर सभी जगह अतिक्रमणकारियों का बोलबाला है। अतिक्रमण मुक्त शहर बनाने में ईयो कितना सफल हो पाते हैं। यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। नगर परिषद क्षेत्र में राजकीय डिग्री कॉलेज के आसपास 25 एकड़ का गंगा सागर तालाब है। वह तालाब अब नक्शा के अलावे धरातल पर कहीं नहीं दिखता है। धरातल पर गंगा सागर तालाब को दिखाने के लिए भी उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसके अलावा शहर में प्रतिबंधित पॉलिथीन के थोक बिक्रेताओं से भी उन्हें निपटने की चुनौती होगी। नगर परिषद के सभी प्रकार के भवनों की गणना नहीं होने के कारण होल्डिंग टैक्स का निर्धारण अबतक नहीं हुआ है। इस कारण नगर परिषद को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है। नगर परिषद क्षेत्र के आवासीय और गैर आवासीय, सरकारी और गैर सरकारी भवनों का सर्वेक्षण कर होल्डिंग टैक्स कायम करना तथा राजस्व की वसुली करना भी चुनौती से कम नहीं होगी। नगर परिषद राजगीर के आधी से अधिक आबादी को गंगाजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। नगर की आधी से अधिक आबादी सीवरेज योजना के लाभ से वंचित हैं। नगर के सभी घरों को सीवरेज कनेक्शन से जोड़ना और हर घर गंगाजल की आपूर्ति करना नये कार्यपालक पदाधिकारी के लिए बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा शहर की यातायात व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करना, सड़क को अतिक्रमण मुक्त रखना भी उन्हें प्राथमिकता में शामिल करना होगा। शहर की लोकभूमि को अतिक्रमण मुक्त करना भी उनके सामने चुनौती होगी।