एसके के नाम से यह लेख सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहा है।
स्वतंत्रता के बाद पहला ऐसा सशक्त विपक्ष मिला है जिसने केंद्र में एक भी घोटाला नहीं
होने दिया है। ऐसे विपक्ष को 2029 तक छोड़ना नहीं। भारत में ऐसा विपक्ष कभी नहीं आया।
हमारे देश का आज का विपक्ष, राहुल गांधी के क्रांतिकारी मार्गदर्शन में बहुत ही सशक्त और सकारात्मक सोच के साथ कार्य कर रहा है। आपने शायद ध्यान नहीं दिया, पिछले 70 वर्षों में पहली बार ऐसा विपक्ष आया है, जिसने अपने कार्यों द्वारा बीजेपी पर लगातार ये दबाव बनाया है कि सरकार हर वो काम करे, जिसे करने का वादा उसने अपने घोषणा-पत्र में किया था।
जैसे भाजपा ने कहा- ‘राफेल लाएँगे’
विपक्ष ने शोर मचाया
‘कब लाओगे ?
कैसे लाओगे?
ला के दिखाओ…’
और इतना शोर मचाया कि
अंततः सरकार को राफेल लाना ही पड़ा।
भाजपा ने कहा- ‘CAA लाएँगे.’
विपक्ष ने शोर मचाया
‘कब लाओगे?
कैसे लाओगे?
ला के दिखाओ…’
और इतना शोर मचाया कि
अंततः सरकार को CAA लाना पड़ा।
भाजपा ने कहा- ‘370 हटाएँगे’
विपक्ष ने शोर मचाया
‘कब हटाओगे?
कैसे हटाओगे?
हटा के दिखाओ….’
और इतना शोर मचाया कि
अंततः सरकार को 370 हटाना पड़ा।
भाजपा ने कहा- ‘राम मंदिर बनवाएँगे’
विपक्ष ने शोर मचाया
‘कब बनवाओगे?
कैसे बनवाओगे?
बनवा के दिखाओ…. ‘
और इतना शोर मचाया कि
बीजेपी को राम मंदिर बनवाना ही पड़ा।
ऐसे और भी अनेकानेक काम हैं जो अगर विपक्ष ने शोर नहीं मचाया होता, तो शायद इतनी जल्दी पूरे नहीं होते। इतना सक्षम और दबाव बनाने वाला विपक्ष 70 साल के इतिहास में कभी नहीं देखा गया। मोदी जी की सरकार को इन सभी कार्यों का कोई श्रेय नहीं लेना चाहिए। सभी कार्यों का असल कारण विपक्ष द्वारा ‘कब अपने वायदे पूरे करोगे’ का नारा लगाया जाना रहा है। भाजपा अगर विपक्ष में होती, तो वो केवल नौटंकी करती रह जाती, सरकार पर दबाव बनाने में वे हमेशा विफल रहे हैं। देशहित के सभी कार्य शीघ्र पूर्ण हो जाएँ, इसलिये हमें आज के विपक्ष को आगे आने वाले समय में बहुत वर्षों तक विपक्ष में ही रखना होगा। ऐसा विपक्ष इस देश को सौभाग्य और ईश्वर के आशीर्वाद से ही मिला है। अब विपक्ष का अगला नारा है। POK को कब वापस लोगे और जनसँख्या नियंत्रण कानून कब तक आयेगा। हमें बहुत सालों तक राहुल गांधीजी के कुशल नेतृत्व वाला ऐसा ही सशक्त विपक्ष चाहिए।