गद्दारों से देश भारी खतरे में

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भारत को सन 47 तक दुनिया का 58 वां
मुस्लिम देश बनाने के लिए हल्का ‘युद्ध’ जारी

सुरेंद्र किशोर
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आज के वोट लोलुप नेताओं से उन्हें
परोक्ष-प्रत्यक्ष समर्थन मिल रहा जो
भारत को एक और पाकिस्तान बनाने
की कोशिश में लगे हुए हैं।
कुछ इलाकों को बना भी दिया है।
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मुस्लिम आक्रांताओं ने बारी -बारी से दुनिया के 57 देशों पर हमला करके उन देशों को तलवार के बल पर या अन्य तरीकों से मस्लिम बहुल देश बना दिया।
मध्य काल में उन आक्रांताओं ने भारत पर भी हमला किया था।पर, यहां आज फिर भी एक अरब हिन्दू क्यों
बचे रह गये ?
उन्हें किसने बचाया ?
क्या जेहादियों ने उन पर दया करके उन्हें हिन्दू बने रहने दिया ?
क्यों राजस्थान के किसी जिला मुख्यालय का नाम मुस्लिम
नाम नहीं है ?उन जेहादियों के खिलाफ कुछ लोग उठ खड़े हुए ,तभी तो आज एक अरब हिन्दू अब भी हैं।पर मध्य युग की उनकी कमी कुछ गद्दार आज पूरी करने के प्रयास में लगे हैं।
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1947 में अविभाजित पाकिस्तान में हिन्दू करीब 20 प्रतिशत थे।
अब पाकिस्तान में करीब एक दशमलव 6 प्रतिशत (1998)और बांग्ला देश में करीब 8 प्रतिशत हिन्दू बचे हैं।
बाकी हिन्दू कहां गये ?
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ं भारत के 9 राज्य अब हिन्दू बहुल नहीं रहे।
1947 में ये राज्य भी हिन्दू बहुल थे।
ऐसा क्यों और कैसे हुआ ?
मौलाना रशीदी को हाल में यह कहते हुए मैंने टी.वी.चैनल पर सुना कि अब भारत में 40 करोड़ मुसलमान हो गये हैं।
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पाॅपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया ने खुलेआम यह घोषणा कर रखी है कि वह हथियारों के बल पर सन 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बना देगा।आज देश के विभिन्न हिस्सों में आए दिन आप उनके उन्मादी हिंसक दृृश्य टी.वी.चैनलों को देख सकते हैं।उनका मनोबल बढ़ा हुआ है।वोट लोलुप नेता उनका हौसला बढ़ा रहे हैं।
प्रतिबंधित जेहादी संगठन पी.एफ.आई.से जुड़े राजनीतिक संगठन एस.डी.पी.आई. के साथ मिलकर इस देश के कौन- कौन राजनीतिक दल चुनाव लड़े रहे हैं ?
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इस देश के कौन -कौन राजनीतिक दल पी.एफ.आई. के खिलाफ एक शब्द का भी कभी उच्चारण नहीं करते ?
आखिर क्यों नहीं करते ?उन दलों की पहचान कीजिए और उनसे अब तो सावधान हो जाइए।
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सिमी पर 2001 में प्रतिबंध लगा।
सिमी का आदर्श था–ओसामा बिन लादेन।
उसका नारा था-‘‘इस्लाम का गाजी कुफ्र्र शिकन,
मेरा शेर ओसामा बिन लादेन।’’
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लगता है कि अब वैसे जेहादी तत्वों ने औरंगजेब को अपना आदर्श हीरो बना लिया है।
यह संयोग नहीं है कि अलीगढ़ में 1977 में जेहादी संगठन सिमी की स्थापना हुई थी।
सिमी ने प्रतिबंध के खिलाफ जब सुप्रीम कोर्ट में अपील की तो उसके वकील थे कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद।यह अकारण नहीं है कि मणिशंकर अय्््यर और सलमान खुर्शीद ने कुछ ही महीने पहले कहा कि जो कुछ बांग्ला देश में हो रहा है,वह भारत में भी हो सकता है।
प्रतिबंध के बाद सिमी के लोगों ने इंडियन मुजाहिद्दीन बना लिया।
बाद में देश के ऐसे कई संगठनों ने मिलकर पी.एफ.आई बनाया।
पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी पी.एफ.आई.की महिला शाखा के समारोह में शामिल होने के लिए 23 सितंबर, 2017 में कोझीकोड गए थे।
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कुछ वोट लोलुप नेताओें की गद्दारी से आज भारत और बहुसंख्यक समाज बहुत ही खतरनाक दौर से गुजर रहा है।
इस देश में जिन इलाकों में ,मुख्यतः जिन -जिन गैर भाजपा शासित राज्यों में मुसलमान बहुमत में आते जा रहे हैं,वहां से हिन्दू या अन्य समुदाय भागने को विवश हो रहे हैं।उन पीड़ितों के बारे में न तो वहां की सरकारें कुछ कर रही हंै और न ही मीडिया भयवश रिपोर्टिंग कर रहा है।
आज की अपनी गद्््दारी पर परदा डालने के लिए कुछ नेता मध्य युग के ऐसे राजा को भी झूठे इतिहास पुस्तक के आधार पर गद्दार बता रहे हैं जिसके शरीर पर 80 घाव लगे थे।
देश के मशहूर पत्रकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी कहते हैं कि
‘‘हमले के लिए बाबर को भारत बुलाने वाला दौलत खान लोदी था,राणा सांगा नहीं।
राणा सांगा हमारे वीर योद्धा थे।
औरंगजेब के पाप को छिपाने के लिए हमारे वीर योद्धाओं को नेता अपमानित कर रहे हैं।
औरंगजेब का महिमा मंडन करने वाले अबू आजमी के साथ अखिलेश यादव खड़े रहे और अब वह राणा सांगा का अपमान करने वाले रामजीलाल सुमन के साथ खडे़ हैं।’’
2001 में जब सिमी पर प्रतिबंध लगा तो कुछ नेता क्या बोले –.
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सरकार ने सिमी पर जो प्रतिबंध लगाया है,वह मेरी दृष्टि में जायज नहीं है।
—शाही इमाम ,फतेहपुरी मस्जिद
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‘‘गुजरात दंगों के बाद दंगों की प्रतिक्रिया में इंडियन मुजाहिद्दीन का गठन हुआ।’’
—डा.शकील अहमद,
कांग्रेस महा सचिव–21 जुलाई 2013
(जबकि सच्चाई यह है कि सिमी पर प्रतिबंध लग जाने के बाद सिमी ने लोगों ने आई.एम.बनाया।)
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सिमी पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए था।
–मुलायम सिंह यादव
7 अगस्त 2008
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मन मोहन सिंह सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सिमी के लोग जेहाद का प्रचार कर रहे हैं और कश्मीर में आतंकवादियों की पूरी मदद कर रहे हैं।
….टाइम्स आॅफ इंडिया …..21 अगस्त 2008 —
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राम विलास पासवान ने सिमी पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की।
—12 अगस्त 2008
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कश्मीर के अलगाववादी नेता
सैयद अली शाह जिलानी ने कहा कि
सिमी पर प्रतिबंध नागरिक अधिकार पर हमला है।
–29 सितंबर 2001
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सिमी से प्रतिबंध हटाए जाने के ट्रिब्यूनल के निर्णय पर भाजपा ने केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए इसका ठीकरा गृह मंत्री शिवराज पाटिल पर फोड़ा है।
—6 अगस्त 2008
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हालांकि मनमोहन सरकार को फिर से प्रतिबंध लगाना पड़ा।
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रेल मंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि सिमी पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए।
यदि लगता है तो शिव सेना और दुर्गा वाहिनी पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए।
—–टाइम्स आॅफ इंडिया–7 अगस्त 2008
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यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग से मिलकर यह मांग की कि सिमी समर्थक दलों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
—-19 अगस्त 2008
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सिमी के अहमदाबाद के जोनल सेके्रट्री साजिद मंसूरी ने 2001 में मीडिया से बातचीत में कहा था कि ‘जब हम सत्ता में आएंगे तो सभी मंदिरों को नष्ट कर देंगे और वहां मस्जिद बना देंगे।’
मंसूरी का बयान 30 सितंबर 2001 के अखबार में छपा था।
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2012 में पश्चिम बंगाल के डी.जी.पी.एन.मुखर्जी ने कहा था कि सिमी के जरिए आई.एस.आई.ने माओवादियों से तालमेल बना रखा है।
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स्थापना के समय सिमी जमात ए इस्लामी हिंद से जुड़ा संगठन था।
पर जब 1986 में सिमी ने ‘इस्लाम के जरिए भारत की मुक्ति’ का नारा दिया तो जमात ए इस्लामी हिंद ने उससे अपना संबंध तोड़ लिया।
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केंद्र सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध लगाने के लिए जो मापदंड अपनाए,वे अपने आप में पर्याप्त नहीं हैं।
—- इम्तियाज अहमद,
प्रोफेसर जे.एन.यू
30 सितंबर 2001
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मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए सिमी पर प्रतिबंध लगाने का स्वागत किया,पर बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाने के लिए केंद्र सरकार को फटकार लगाई।
—पायनियर–29 सितंबर 2001
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सिमी के संविधान में भारत को मजहबी आधार पर बांटने की बात स्पष्ट रूप से दर्ज है।
—–सी.बी.आई.के पूर्व निदेशक जोगिंदर सिंह
–22 सितंबर 2008 ,राष्ट्रीय सहारा
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लोकतांत्रिक तरीके से इस्लामिक शासन संभव नहीं है।उसके लिए एकमात्र रास्ता जेहाद है।
——-सिमी सदस्य अबुल बशर–
28 सितंबर 2008–राष्ट्रीय सहारा
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‘‘जेहाद के नाम पर बिहार में भड़काया जाने लगा है एक वर्ग को।’’
—-बिहार पुलिस की खुफिया शाखा की रपट
22 सितंबर 2001
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पटना की एन.आई.ए.अदालत ने गांधी मैदान बम विस्फोट ( अक्तूबर, 2013) के 9 आरोपितों को दोषी ठहराया।
एन.आई.ए.के विशेष अभियोजक ललन प्रसाद सिन्हा ने कहा है कि दोषी ठहराए गए ‘सिमी’ से जुड़े रहे हैं।
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इससे पहले जयपुर की अदालत ने देशद्रोह के आरोप में सिमी के 12 सदस्यों को गत मार्च में आजीवन कारावास की सजा दी ।
इससे पहले भी इस देश की अदालतें सिमी के लोगों को समय -समय पर सजाएं देती रही हैं।
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सिमी के एक सदस्य अबुल बशर का इकबालिया बयान राष्ट्रीय सहारा के 28 सितंबर, 2008 के अंक में छपा है।
इस बयान की पृष्ठभूमि में हमारे देश के कतिपय नेताओं व बुद्धिजीवियों की टिप्पणियों को देखिए।
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इकाबालिया बयान में बशर ने
अन्य बातों के अलावा यह भी कहा है कि
‘‘…..मैं इस विचार से सहमत हूं कि लोकतांत्रिक तरीके से ( भारत में )इस्लामिक शासन संभव नहीं है,उसके लिए एकमात्र रास्ता जेहाद है।’’
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और अंत में
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याद रहे कि जयचंद ने मुहम्मद गोरी से मिलकर पृथ्वीराज चैहान के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ा था।जयचंद निजी कारणों से सिर्फ चुपचाप बैठ गया था।यह बात भी छिपाई गई है कि गोरी के लोगों ने बाद में जयचंद को भी मार डाला था।
पर,आज के जेहादी-समर्थक नेता तो राष्ट्र द्रोहियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।जहां -तहां जीत भी रहे हैं।बदले में उनकी जेहादी गतिविधियों के खिलाफ एक शब्द का भी उच्चारण नहीं कर रहे हैं।उल्टे सिर्फ उनसे यानी भाजपा-आरएसएस से लड़ रहे हैं जिनसे जेहादी लड़ रहे हैं।यानी, लग रहा है कि अपना देश मध्य युग की अपेक्षा आज अधिक खतरनाक दौर में प्रवेश कर गया है।
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सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वाॅल से

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