गर्भवती व नवजात शिशु की सेहत की निगरानी में होगी आसानी
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मिलेगी सहायता
चिकित्सकीय परामर्श में मिलेगी सुविधा, चिकित्सक को मिल सकेगी महिला व बच्चे की बीमारी की आनलाइन जानकारी
नोएडा, 19 दिसम्बर 2021। सरकार समस्त योजनाओं को पेपरलेस कर डिजिटलीकरण की तरफ बढ़ रही है। इसी कड़ी में मातृ एवं नवजात ट्रैकिंग एप्लीकेशन (मंत्र) लांच किया गया है। इस एप पर ऑनलाइन डाटा फीडिंग हो जाने से प्रसूता के स्वास्थ्य की निगरानी तो होगी ही साथ ही अस्वस्थ, कमजोर शिशुओं की जानकारी आसानी से प्राप्त कर उनका समय से इलाज किया जा सकेगा। इससे आने वाले समय में कुपोषण में कमी के साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी लायी जा सकेगी। यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डा. भारत भूषण ने दी।
डा. भारत भूषण ने बताया- इस एप के संचालन से जुड़ी हर जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला स्तर पर प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। अब इसे ब्लाक स्तर पर दिया जाना है। उन्होंने बताया – अब सभी स्वास्थ्य केंद्रों और उप केंद्रों पर स्टाफ नर्स और एएनएम के द्वारा प्रसव के बाद डाटा को इस एप के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे शासन द्वारा मिलने वाले लाभ का भुगतान और सही समय में सही उपचार भी प्रदान किया जा सकेगा। उन्होंने बताया – संस्थागत प्रसव का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने में काफी दिक्कत आती थी, लेकिन मंत्र एप के माध्यम से प्रसव का ऑनलाइन डाटा फीडिंग, रियल टाइम मानिटरिंग, समय रहते महिलाओं के उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की जांच के साथ समय पर सही उपचार किया जा सकेगा। उन्होंने बताया – एप पर फीडिंग के साथ-साथ शुरुआत में कुछ समय तक पहले की तरह रजिस्टर भी पर डाटा एंट्री की जाएगी। जब सभी कर्मचारी पूरी तरह प्रशिक्षित हो जाएंगे तब रजिस्टर पर डाटा एंट्री बंद कर दी जाएगी। उन्होंने बताया प्रशिक्षण लेने वाली स्टाफ नर्स, नर्स मेंटर एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी ग्रामीण इलाके की एएनएम को एप के माध्यम से अपलोड करने की जानकारी देंगे।
एसीएमओ ने बताया – जब एक गर्भवती प्रसव के लिए सामुदायिक या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आएगी तो उस दौरान मौजूद नर्स मेंटर या स्टाफ नर्स उसकी भर्ती की स्थिति, दिया गया उपचार और रेफर प्रक्रिया की पूरी जानकारी एप पर अपलोड करेगी। इसके साथ ही नवजात के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी एप पर अपलोड की जाएगी। संस्थागत प्रसव की गुणवत्ता में सुधार के लिए इसकी ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। प्रसव उपरांत नवजात में होने वाली जटिलताओं को एप पर अपलोड के बाद उसको उच्च केंद्र पर भेजा जायेगा, जहां पर उसको उचित इलाज दिया जायेगा।
शासन से मिलने वाले लाभ का भुगतान भी होगा आसान
डा. भारत भूषण – अक्सर महिलाएं खासतौर पर ग्रामीण महिलाएं अपनी और बच्चे की बीमारी के संबंध में चिकित्सक को सही जानकारी नहीं दे पाती हैं। जब इस एप पर सभी जानकारी फीड रहेंगी तो चिकित्सा केन्द्र पर मौजूद चिकित्सकों को इसके माध्यम से सभी जानकारी मिल जाएगी। इससे उपचार में सुविधा मिलेगी। इसके अलावा शासन स्तर पर सभी जिलों का पूरा डाटा रहेगा। वहीं एप के माध्यम से शासन द्वारा दिये जाने वाले लाभ का भुगतान भी आसान हो जाएगा।