राम विलास
राजगीर।आवारा पशुओं के आतंक से शहरवासी परेशान हैं।पर्यटक शहर राजगीर के बाजारों में इन दिनों आवारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। शहर के चौक- चौराहों, गलियों, बाजारों में ये आवारा पशु पूरे दिन घूमते रहते हैं। इसके चलते बाजारों में खरीदारी करने आए ग्राहक, स्कूली बच्चे व वाहन चालक काफी परेशान रहते हैं।
शहर के फुटपाथ दुकानदार भी आवारा पशुओं से काफी दुखी और परेशान हैं। दूसरी तरफ प्रशासनिक पदाधिकारियों को इस जनसमस्या से कोई लेना देना नहीं है। यही कारण है कि यत्र तत्र सर्वत्र सड़कों व अन्य जगहों पर आवारा पशुओं का हमेशा जमावडा लगा रहता है। पर्यटक शहर के पटेल चौक, बस स्टैंड, गिरियक रोड चौराहा हो या मेन बाजार कुंड क्षेत्र, रेलवे स्टेशन क्षेत्र में तो आवारा पशुओं की संख्या इस कदर बढ़ी है कि जहां देखें वहीं गाय, बछड़े, सांड इत्यादि पशु इधर-उधर मुंह मारते नजर आते हैं।
एक ओर जहां ये आवारा पशु आवागमन में परेशानी पैदा करते हैं वहीं दूसरी ओर हादसों को न्यौता भी दे रहे हैं। दुपहिया वाहन चालक एवं बाजारों में विशेषकर बच्चे इन पशुओं का शिकार हो रहे हैं। अवारा पशुओं के हमले से शहर के कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है। शहर में आवारा घूम रहे पशुओं को लेकर स्थानीय नगर परिषद द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में अवारा पशुओं का झुंड सड़क हादसों का कारण बन रहा है।
शहर के हनुमान चौक, पटेल चौक, धर्मशाला रोड, अस्पताल, बस स्टैंड रोड के अलावा विभिन्न वार्डों, कालोनियों की गलियों आदि जगहों पर ये पशु बड़ी संख्या में देखे जा सकते हैं। रेलवे रोड, सब्जी मंडी, ब्लॉक रोड में पड़ी गंदगी में अवारा पशु भोजन की तलाश करते देखे जा सकते हैं। शहर में आवारा पशुओं के जमावड़ा और विचरण से स्कूली बच्चों, यात्रियों, खरीददारी करने वालों, कर्मचारियों के लिए भारी परेशानी बना है। आवारा पशुओं विशेषकर सांडों के कारण पर्यटक शहर में आये दिन सड़क दुर्घटनाओं की खबर सामने आती रहती है।
वरीय वार्ड पार्षद डाॅ अनिल कुमार, महेन्द्र यादव, निर्मल द्विवेदी, अजय कुमार गुप्ता, सब्जी दुकानदार रौशन, राजेश, समाजसेवी उपेन्द्र कुमार विभूति, सुरेन्द्र प्रसाद, डॉ प्रमोद कुमार, विजय कुमार उपाध्याय एवं अन्य ने प्रशासन व नगर परिषद से मांग की है कि वह शहर में घूम रहे इन आवारा पशुओं को पकडऩे का अभियान चलाया जाय, ताकि लोगों को परेशान न हो और उन्हें जान माल की हानि न हो।
उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन केवल कागजों में ही आवारा पशुओं को पकडऩे का अभियान चलाती है। पूरे शहर में जहां- तहां ये आवारा पशु कूडे के ढेर, गलियों व सड़कों पर बेखौफ घूमते देखे जा सकते हैं। फल और सब्जी दुकानदार तो इन अवारा पशुओं से तंग तबाह तो हैं ही कई बार तो यह लोगों पर भी हमला कर देते हैं। बावजूद अधिकारी इसकी अनदेखी कर रहे हैं। उनलोगों ने मांग की है कि नगर परिषद प्रशासन जल्द ही आवारा पशुओं को पकडने के लिए कार्रवाई करें और उससे मुक्ति दिलाये।
पैक्स अध्यक्ष अरुण कुमार एवं अन्य बताते हैं कि नगर परिषद प्रशासन द्वारा आवारा पशुओं को पकडऩे का अभियान नहीं चलाया जा रहा है। ऐसे में लोगों को अवारा पशुओं से छुटकारा कब मिलेगा यह कहा नहीं जा सकता है। यह सिर्फ एक जगह की समस्या न बनकर पूरे पर्यटक शहर की समस्या बन चुकी है।
आवारा पशुओं के कारण अब शहरवासी भी परेशान है। सभी चौक चौराहों और सब्जी बाजार में अवारा पशुओं का झुंड सड़कों पर देखा जा सकता है। अनेकों बार तो ये पशु अचानक वाहनों के सामने आ जाते हैं, जिससे वाहन चालक अपना संतुलन गड़बड़ा जाता है। और वह दुर्घटना का शिकार हो जाता है।