पटना। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भी सदन में माहौल हंगामेदार बनी रही। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले से ही विपक्ष के नेता स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहे थे। स्मार्ट मीटर और आरक्षण के मुद्दे पर हंगामा के बीच विधानसभा में राजद ने सीटिंग व्यवस्था का भी विरोध किया। विरोध के दौरान राजद के नेता भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सीट के पास पहुंच गए। भाई वीरेंद्र के मुख्यमंत्री की सीट के पास पहुंचने का सत्ता पक्ष के नेताओं ने भारी विरोध किया और अनुशासनहीनता का आरोप लगा कर विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई की मांग की।
इधर मामले में भाई वीरेंद्र ने कहा कि वे मुख्यमंत्री की सीट पर बैठे नहीं थे बल्कि वहां जा कर वह प्रतीकात्मक विरोध कर रहे थे और सरकार को संदेश देने की कोशिश कर रहे थे कि विधानसभा संचालन नियमावली के तहत होता है इसलिए इसकी अनदेखी न की जाये। राजद नेताओं ने कहा कि राजद के टिकट पर विधायक बने और अभी वे सत्ता पक्ष के साथ जा कर बैठ रहे हैं तो अध्यक्ष उनके ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। अब मामले में राजद नेता तेजस्वी यादव ने भाई वीरेंद्र का बचाव किया है और उन्होंने कहा कि विरोध करना सबका अधिकार होता है।
भाई वीरेंद्र ने कोई अनुशासनहीनता नहीं की बल्कि उन्होंने विरोध दर्ज करवाया है। हमारे तीन विधायक के बैठने की व्यवस्था सत्ता पक्ष के साथ की गई है जबकि हमने विधानसभा अध्यक्ष को बैठने की व्यवस्था के लिए लिख कर दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि पक्ष विपक्ष सभी के विधायकों के बैठने के लिए सीट आवंटित की जाती है फिर भी कोई अपने सीट के अलावे इधर उधर कैसे बैठ सकते है। हमने सरकार का आंख खोलने के लिए सिर्फ सचेत किया है कि सदन कायदे से ही चलेगा।
मामले में हमने विधानसभा अध्यक्ष से भी मुलाकात की और उनसे कहा कि आप सदन के गार्जियन हैं, हमें आपके ऊपर भरोसा है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायकों ने बैठने के लिए पत्र दिया था तो हमने सीट आवंटित कर दी। बैठने की व्यवस्था के लिए पार्टी तय करती है कि कौन कहां बैठेगा, हमने तीनों की सदस्यता रद्द करने के लिए भी पत्र दिया है फिर भी उनके ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। और जब तक कार्रवाई नहीं की जा रही है तब तक उन्हें अपनी पार्टी के विधायकों के साथ बैठना चाहिए।