मुंबई| 18 दिन पहले न्यूजीलैंड के बाएं हाथ के स्पिनर एजाज पटेल जिम लेकर और अनिल कुंबले के बाद टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक पारी में दस विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए थे।
मुंबई, जहां उनका जन्म हुआ था, वहीं के वानखेड़े स्टेडियम में दूसरे टेस्ट में भारत की पहली पारी के दौरान पटेल ने 47.5 ओवरों में सभी दस विकेट झटक लिए थे।
अमेजन प्राइम वीडियो द्वारा आयोजित आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में पटेल ने कहा, “अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल करने के दौरान एक विशेष क्लब में शामिल होने के बारे में ज्यादा नहीं सोचा था। मैंने इसके बारे में तब सोचना शुरू किया, जब मुझे नौवां विकेट मिला। ईमानदारी से कहूं तो, उस समय तक मैंने वास्तव में 10 विकेट लेने के बारे में नहीं सोचा था।”
पटेल ने कहा, “एक बार यह उपलब्धि हासिल करने के बाद वास्तव में मुझे एहसास हुआ कि यह मुकाम पाने वाले बेहद कम लोग हैं। यह महसूस करना कि मैं उनमें से एक था, काफी अच्छा लगा। मुझे वास्तव में यह उम्मीद नहीं थी कि मैं दस विकेट लूंगा। लेकिन दस के साथ समाप्त करना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि थी।”
मुंबई से पहले, पटेल ने बल्ले से कानपुर में न्यूजीलैंड के लिए पहला टेस्ट ड्रॉ कराने में निर्णायक भूमिका निभाई थी। ऑलराउंडर रचिन रवींद्र के साथ पटेल ने 23 गेंदों का सामना किया था और इस तरह से भारतीय मूल की जोड़ी ने मेजबान टीम को जीत से वंचित कर दिया था। पटेल ने उस समय की स्थिति को ‘तनावपूर्ण’ बताया, लेकिन परिणाम के बारे में न सोचने से उन्हें मदद मिली थी।
उन्होंने कहा, “मैं जब मैदान पर गया तो शांत था और रचिन से मैंने पूछा कि गेंद कैसी हलचल कर रही है। इसके बाद उन्होंने कहा कि जितना संभव हो सके, सीधे खेलने की कोशिश करें। इसके बाद में परिणाम की चिंता किए बिना मैं हर गेंद को खेलता चला गया और हमने उस मैच को ड्रॉ करवा दिया।”
पटेल ने आगे बताया, “मैं नहीं सोच रहा था कि अगर मैं आउट हो गया, तो हम मैच हार जाएंगे या अगर मैं जारी रखता हूं, तो हम ड्रॉ करेंगे। यह उस समय में हर गेंद पर ध्यान से खेलने के बारे में था। काफी तनावपूर्ण स्थिति में मैंने अपने दिमाग से परिणाम को निकाल दिया था, जिससे मुझे इससे निपटने में मदद मिली। रचिन दूसरे छोर पर भी शानदार खेल रहे थे। अंत में हम दोनों ने मिलकर मैच को ड्रॉ करवा दिया।”
भारत के खिलाफ दो टेस्ट मैचों से पहले पटेल ने आखिरी बार जून में एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेला था। बाएं हाथ के स्पिनर को दौरे से पहले लाल गेंद से कुछ मैचों में खेलने की चिंता थी। लेकिन ऑकलैंड में अपने स्थानीय क्रिकेट क्लब में गेंदबाजी करने से उन्हें मदद मिली।
उन्होंने बताया, “मैं अपने स्थानीय क्रिकेट क्लब में जाता था और अपने आउटडोर नेट का इस्तेमाल करता था। वहां जाकर गेंदबाजी की। मैं बस एक स्टंप पर गेंदबाजी करना चाहता था और हर सत्र में, मैं 15-20 ओवर गेंदबाजी करने की सोचता था। मैंने ऐसा सप्ताह में लगभग तीन से चार बार किया। इससे वास्तव में मुझे मदद मिली। लेकिन मेरा मुख्य ध्यान यह सुनिश्चित करना था कि मेरा एक्शन अच्छा हो।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे पता था कि जब मैं प्रतिस्पर्धी माहौल में भारत आऊंगा, तो मुझे यहां की परिस्थिति को ध्यान में रखकर गेंदबाजी करने की जरूरत होगी, जिसे मैंने स्वीकार किया। इसके बाद भारतीय बल्लेबाजों को आउट करने और समझने में थोड़ा समय लग गया।”
पटेल जानते हैं कि अब जब भी वह टेस्ट में न्यूजीलैंड के लिए खेलने के लिए बाहर जाएंगे, तो मुंबई में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद रहेगी। लेकिन वह अपनी गेंदबाजी पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहे हैं, जिसने उसे अतीत में अच्छे परिणाम दिए हैं।
पटेल के मुताबिक, “खेल में मेरी प्रक्रिया बहुत सरल है। मैं एक समय में एक गेंद पर ध्यान केंद्रित करता हूं और परिणाम के बारे में ज्यादा सोचने की कोशिश नहीं करता। मैं बहुत सहज हूं कि अगर मैं अपनी बॉलिंग पर ध्यान देता हूं, तो परिणाम अपने आप अच्छा आएगा।”
काफी दिनों से क्वारंटीन में रहने के बाद पटेल अपने परिवार के साथ वापस आकर खुश हैं, जिन्होंने अपने गेंद से यह 10 विकेट लेने का कारनामा किया है। वे सभी बहुत उत्साहित और खुश हैं।
पटेल ने कहा कि सबसे बड़ी खुशी की बात अपनी बेटी को देखना और उसके साथ समय बिताना रही। उसके साथ समय बिताना अच्छा लगता है और पिछले डेढ़ महीने में, वह बहुत बदल गई है। वह अभी नौ महीने की है और हर बार जब मैं वापस आता हूं, तो वह थोड़ी अलग हो जाती है।