भगोड़े विजय माल्या के वकील ने उसका केस लड़ने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ईसी अग्रवाल ने काह कि माल्या का कुछ पता नहीं है और कोई संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उसका केस लड़ना संभव नहीं है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ से वकील ईसी अग्रवाल ने कहा कि मैं इस मामले से डिस्चार्ज होना चाहता हूं। मुझे इस व्यक्ति से कोई निर्देश नहीं मिल रहा है।
बेंच भारतीय स्टेट बैंक के साथ मौद्रिक विवाद के संबंध में माल्या द्वारा दायर दो विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार कर रही थी। पीठ ने वकील को मामले में डिस्चार्ज करने के लिए प्रक्रिया का पालन करने की अनुमति दी और उसे अदालत की रजिस्ट्री को माल्या के ई-मेल आईडी और वर्तमान आवासीय पते के बारे में सूचित करने के लिए कहा। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में विजय माल्या को आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में कोर्ट की अवमानना करने के आरोप में चार महीने कैद की सजा सुनाई थी।
अदालत ने सरकारी अधिकारियों को भारत में विजय माल्या की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया। उस मामले में भी माल्या के वकील को डिस्चार्ज करने की अनुमति दी गई थी। अदालत ने एक एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था क्योंकि माल्या पेश नहीं हुए थे। वहीं भारत सरकार के कहने पर ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहे माल्या को अवमानना मामले में सजा काटने के लिए भारत मे पेश होना बाकी है।
शीर्ष अदालत ने पांच साल पहले माल्या को कोर्ट की अवमानना का माना था दोषी
ज्ञात हो कि जिस केस में शीर्ष अदालत में माल्या को लेकर सुनवाई चल रही है। यह मामला साल २०१७ का है। सुप्रीम कोर्ट ने ५ साल पहले ९ मई २०१७ को विजय माल्या को कोर्ट के आदेश की अवमानना का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी। विजय माल्या ने अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा उन बैंकों और संबंधित प्राधिकरणों को नहीं दिया था, जिनसे उसने करोड़ों अरबों का कर्ज लिया था।