Special on World Malaria Day : जागरूकता जांच और समय से इलाज से रोका जा सकता है मलेरिया

0
100
Spread the love

ऋषि तिवारी
ग्रेटर नोएडा। जागरूकता, जांच और समय पर इलाज से मलेरिया की रोकथाम संभव है, यह कहना है फोर्टिस हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डायरेक्टर इंटरनल मेडिसिन डॉ. दिनेश कुमार त्यागी का, वो बताते है कि वास्तव में मलेरिया से लगभग 16 प्रकार के काम्प्लीकेशन हो सकते हैं। इसलिए मलेरिया कभी हल्के में नहीं लेना है।

मादा एनोफ़ेलीज़ मच्छरों से फैलता है मलेरिया
डॉ. दिनेश कहते है कि मलेरिया एक वाहक जनित रोग है, जो प्रोटोजोआ परजीवी द्वारा फैलता है। यह बीमारी मादा एनोफ़ेलीज़ मच्छरों के काटने से होती है। जो अक्सर गंदे पानी में गर्मी और बरसात के मौसम में पैदा होते हैं, इसके काटने से कई बार मरीज को बहुत तेज बुखार आता है और उसे बहुत ठंड लगती है, साथ ही सिर में दर्द, जोड़ों में दर्द भी हो सकता है, लेकिन कुछ मामलों में जरूरी नहीं है कि तेज बुखार हो और ठंड लगे कई बार मरीज को हल्का बुखार होकर भी मलेरिया हो सकता है। कई बार लोग पीलिया के लक्षणों के साथ आ सकते हैं कई बार मिर्गी जैसे लक्षण भी मरीजों में पाए जाते हैं। इसे हम सेरेब्रल मलेरिया कहते हैं। इसके अलावा कई बार मरीजों को सांस और गुर्दे की समस्याएं भी होती हैं।

इसमें एक और खास तरह की वैरायटी होती है प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम,जो हमारे यहाँ दादरी क्षेत्र में देखने को मिलता है। यह जानलेवा हो सकता है, इसके होने से कई बार मरीज की 24 घंटे में मौत भी हो सकती है। इसके अलावा आमतौर पर जो मलेरिया के जो मामले देखते को मिलते हैं प्लाज्मोडियम वायरस के प्रोटोजोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है।

सही जांच और समय से इलाज जरूरी
डॉ. दिनेश कहते हैं कि मलेरिया का पता लगाने के लिए सबसे पहले हम ब्लड टेस्ट करते हैं, इसमें हम मलेरिया पैरासाइट डेमोंस्ट्रेट करते हैं या कार्ट्रेज से मरीज के शरीर से मलेरिया पैरासाइट डिटेक्ट करते हैं। उसके बाद मलेरिया की दवाइयां दी जाती है साथ लक्षण के आधार पर इलाज किया जाता है। सही जांच और समय से इलाज करके हम बहुत से मरीजों की जान बचा सकते हैं।

बचाव है बेहतर तरीका
1-खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगा कर रखें,जिससे मच्छर घर के अंदर न आने पाए
2-सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
3-फुल आस्तीन वाले कपड़े पहनें।
4-मच्छर भगाने और उन्हें मारने की दवाओं का उपयोग करें।
5-घर के आस-पास पानी जमा न होने दें, जमे हुए पानी में दवाओं का छिड़काव करें जिससे मच्छर न पनपें।

जागरुकता है जरूरी
फोर्टिस हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा के सीईओ डॉ. प्रवीण कुमार बताते है कि हमारे हॉस्पिटल में मलेरिया की समुचित जांच के साथ ही विश्व स्तरीय इलाज की व्यवस्था है। हमारी कोशिश रहती है कि इलाज के साथ ही मलेरिया को लेकर अधिक से अधिक लोगों जागरूक भी किया जाए, जिससे इस बीमारी को समाप्त किया जा सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here