मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए राकेश टिकैत ने किसानों से प्रदर्शन करने की अपील की है।
द न्यूज 15
नई दिल्ली। किसानों के हक की मांग कर आंदोलन करने वाले राकेश टिकैत एक बार फिर संक्रिय हो गए हैं। उन्होंने सरकार के खिलाफ हुंकार भरने की तैयार कर ली है। टिकैत ने अपने समर्थकों से एकजुट होने के लिए कहा है। टिकैत ने 21 मार्च को विश्वासघात दिवस मनाने का ऐलान किया है। साथ ही लोगों से अपील की है कि सभी जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करें।
ट्विटर पर राकेश टिकैत की अपील: राकेश टिकैत ने ट्विटर पर लिखा कि “मोदी सरकार द्वारा किसानों के साथ की गई वादाखिलाफी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज 21 मार्च को सुबह 11:00 बजे से जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर विश्वासघात दिवस मनाने के लिए सभी किसान साथी एकजुट हों।” राकेश टिकैत के इस ट्वीट पर लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लोगों की प्रतिक्रियाएं: खीमानंद तिवारी नाम के यूजर ने लिखा कि “टिकैत बाबू, आपकी हैसियत केवल एक राजनैतिक मुखौटा भर है। आपके आन्दोलन से साबित हुआ कि आप भारत विरोधी षडयंत्रो में लगे हो,असली किसान आपके चेहरे को पहचान गये हैं।” ओपी खोरवाल नाम के यूजर ने लिखा कि “देश के किसानो के साथ आप लोगों ने अच्छा नहीं किया है क्योंकि आप लोग यूपी चुनाव के समय चुप क्यों रहे हो, चुनाव के दौरान एक भी रैली क्यों नहीं की?”
चंद्रजीत नाम के यूजर ने लिखा कि “कोई हमें कुचल देगा और तुम सौदा करके चुप हो जाओगे।” संदीप गोयल नाम के यूजर ने लिखा कि “अब कोई नही सुनने वाला आपकी। आपकी सच्चाई सबके सामने आ गयी है।” राघवेंद्र चौधरी नाम के यूजर ने लिखा कि “फिर चालू हो गई दुकान आपकी?”
=भारतवासी नाम के यूजर ने लिखा कि “यूपी चुनाव में चुप बैठने के लिए कितना पैसा खाया आपने? वो पैसे खत्म हो गये?” राघवेंद्र सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि “किसान बेचारा धूप में मेहनत करता है और ये फर्जी किसान नेता हवाई जहाज से यात्रा करते हैं।” जॉन नाम के यूजर ने लिखा कि “किसानों को अपना काम भी करने दोगे या फिर आंदोलन ही करते रहें।”
विजय शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि “चुनाव खत्म हो गया है जरा संभल कर धरना प्रदर्शन करना।” कृष कुमावत नाम के यूजर ने लिखा कि “लगता है कैमरों की फ्लैश लाइट के आदि हो गए हो लेकिन अब कोई नहीं पूछने वाला।” पंकज सचान नाम के यूजर ने लिखा कि “टिकैत जी आप किसान हित मे कार्य करते हैं। आप के संघर्ष से किसानों लाभ भी हुआ पर आप जो राजनीतिक पार्टियों की तरफदारी करते हो, वह ना आप के हित मैं है और ना ही किसानों के।”