सम्पादक श्री सम्मान से विभूषित हुए कई पत्र-पत्रिकाओं के अतुलनीय सम्पादक श्री पारस कुंज  

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नेपाली शहादत-भूमि भागलपुर सिटी बिहार । खगड़िया बिहार के स्थानीय हरदासचक खगड़िया अवस्थित जेपी वर्मा भवन परिसर में, डॉक्टर रामबली परवाना के पावन स्मृति पर्व पर लेखन प्रकाशन आयोजन एवं सम्मान के लिए कृतसंकल्पित संस्था अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच खगड़िया द्वारा आयोजित तृतीय राष्ट्रीय काव्य कुंभ सह सम्मान समारोह में – युवा संगम,_ अंगमेल, कथा, सतर्क, वामन के डेंग, अंगदीप, केसरवानी और शब्दयात्रा जैसी कई महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं के बहुप्रशंसित सम्पादक वरिष्ठ पत्रकार कवि लघुकथाकार तथा शब्दयात्रा गोपाल सिंह नेपाली आन्दोलन के राष्ट्रीय प्रणेता श्री पारस कुंज को, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादन क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए

पुण्यश्लोक डॉ रामबली परवाना की सुपुत्री तथा साहित्य सृजन मंच की प्रतिष्ठित महासचिव श्रीमति कविता परवाना के हाथों सम्मान पत्र सहित अंगवस्त्र, पुष्पहार, प्रतीक चिन्ह, परिचय पट्टिका, बैजादि प्रदान कर उन्हें ‘सम्पादक श्री सम्मान’ से विभूषित किया गया ।

इस राष्ट्रीय काव्य कुंभ सम्मान समारोह में, श्री पारस कुंज भागलपुर सिटी बिहार के अलावा नई दिल्ली, कोलकाता, प्रतापगढ़, आजमगढ़, वाराणसी, ग्रेटर नोएडा, पटना, भागलपुर, सूर्यगढ़ा, मुजफ्फरपुर, राजगीर नालंदा, जहानाबाद, दरभंगा, वैशाली, समस्तीपुर, सहरसा, अररिया, बेगूसराय, चकरी सिवाना, बौंसी, शम्भूगंज बाँका,‌ अजगैबीनाथ धाम, पूर्णिया, मधेपुरा, कटिहार, जमशेदपुर, बलसारा देवघर, गोड्डा, हजारीबाग आदि जगहों के करीब १३३ साहित्यकारों को ‘बिहार गौरव सम्मान’, ‘सम्पादक श्री सम्मान’,‌ ‘पाण्डुलिपि सम्मान’, ‘कोसी रजत सम्मान’, ‘कोसी स्वर्ण सम्मान’, ‘खगड़िया गौरव सम्मान’, ‘सरस्वती परवाना स्मृति सम्मान’ जैसे सम्मानित अलंकरणौं से विभूषित किया गया ।

जिनमें कुछ प्रमुख नाम हैं – सर्वश्री डॉ मेहता नागेन्द्र सिंह,‌ डॉ बिन्देश्वर प्रसाद गुप्त, प्रोफेसर डॉ सुधा सिन्हा, उषा किरण, विनीता सिंह, सुषमा सिन्हा, आचार्य अर्चना चौधरी अर्पण, रीतु प्रज्ञा, बरखा भारती, डॉ स्वराक्षी स्वरा, स्मिता शिप्रा, डॉ उर्मिला साव कामना, रमेश कँवर, चन्द्र प्रकाश जगप्रिय, राजेन्द्र राज, डॉ बिनोद कुमार हंसौड़ा, रवीन्द्र कुमार रतन, सरयुग पंडित सौम्य, नरेन्द्र कुमार सिंह, पंकज कुमार पाण्डेय, कालजयी घनश्याम, कपिल देव कृपाला, डॉ कमल किशोर चौधरी, डॉ प्रदीप प्रभात, गिरिशचन्द्र ओझा इन्द्र, अभय कुमार भारती, पंडित चंद्रशेखर, डॉ दिनेशचन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’, डॉ ब्रह्मदेव कुमार, डॉ मिथिलेश कुमार त्रिपाठी, बाबा बैजनाथ झा, सत्येंद्र कुमार पाठक, डॉ अभिषेक कुमार, डॉ भवानंद, प्रवीण कुमार प्रणव, ऋषि तिवारी, कृष्ण कुमार क्रान्ति, सत्येन भास्कर, संतोष कुमार, सुमन रविकुमार आदि हैं ।

विभिन्न सत्रों में विभक्त इस काव्य कुंभ सम्मान समारोह में, उपस्थित विद्वान साहित्यकारों के हाथों – भारत विश्व गुरु की ओर हाथों में भक्ति की डोर, अमृतकाल की आधुनिक गजलैं, कविता चली गाँव की ओर, साधना के स्वर, पैरहन दिल सी रहा‌ हूँ, प्रसून हैं कनेर के, सूरज दादा लगे भड़कने, इश्क सुफियाना, इतराती बलखाती गजलें आदि पुस्तकों का‌ लोकार्पण किया गया ।

आयोजन में सम्मानित प्रायः सभी रचनाकारों ने अपनी कविता गीत गजल और मुक्तकों को सुनाकर खगड़िया की धरती को काव्यमय कर दिया ।

इस काव्य कुंभ सम्मान समारोह को मंच के शिखर संरक्षक अवधेश्वर प्रसाद सिंह, अध्यक्ष साधना भगत, महासचिव कविता परवाना, सचिव आनंद भूषण श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष संगीता चौरसिया, स्वागत सचिव नंदकिशोर सिंह सहित अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच खगड़िया के संस्थापक-संयोजक शिवकुमार सुमन के अद्भुत योगदान ने एक ऐतिहासिक महत्व प्रदान किया ।

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