शालिग्राम शिलाओं का 51 आचार्यों ने किया पूजन, रामलला की मूर्ति के लिए राम मंदिर को की गई समर्पित

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राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। जनवरी 2024 में गर्भगृह में रामलला की स्थापना होनी है। रामलला की मूर्ति के लिए नेपाल की काली गंडकी नदी से दो दिव्य शालिग्राम शिला अयोध्या धाम लाई गई हैं। दोनों शिलाओं को पूजन के बाद मंदिर को सौंप दिया गया

अयोध्या। नेपाल की काली गंडकी नदी से लाई गई दो विशाल शिलाएं रामलला की मूर्ति के लिए समर्पित की गईं। ये दो विशाल शिलाखंड बुधवार को शाम ही नेपाल से रामसेवकपुरम पहुंचा दिेय गये थे। गुरुवार को इन्हें विधि विधान पूर्वक नेपाल स्थित प्राचीन मिथिला की राजधानी जनकपुर की जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास और नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री विमलेंद्र निधि ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय को समर्पण पत्र के माध्यम से भेंट किये। इससे पूर्व शिला का 51 वैदिक आचार्यांे ने विधि विधान से पूजन किया। शिला समर्पण समारोह संक्षिप्त सभा के रूप में भी प्रस्तुत हुआ और वक्ताओं ने इस अवसर को नेपाल और अयोध्या के प्राचीन संबंधों को नया तेवर एवं कलेवर प्रदान करने वाला बताया। जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास ने दूल्हा-दुल्हन सरकार की जय का जयकारा लगाकर अयोध्या और नेपाल के त्रेता युग के संबंधों को पुनजीर्वित किया।
नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री ने बताया कि वह जनकपुर से जुड़ी श्रीराम की विरासत के अनुरूप रामलला के लिए धनुष भेंट करना चाहते थे, किन्तु राम जन्भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ दो वर्ष तक चले संवाद के बाद यह तय हुआ कि नेपाल की गंडकी नदी से रामलला की मूर्ति पवित्र शिला अर्पित की जाए और यह शिला समर्पित करते हुए हमें अपार हर्ष हो रहा है। चंपतराय ने शिला समर्पित करने के लिए जनकपुर मंदिर, नेपाल सरकार और वहां के लोगों के प्रति आभार ज्ञापित किया। शिला समर्पित करते हुए हमें अपार हर्ष हो रहा है। चंपत राय ने शिला समर्पित करने के लिए जनकपुर मंदिर, नेपाल सरकार और वहां के लोगों के प्रति आभार ज्ञापित किया।
शिला का स्वागत करने के लिए इस दौरान बड़ी संख्या में साधु संत एवं अयोध्यावासी एकत्रित रहे। इनमें जगदगुरु परमहंस आचार्य, गुरुद्वारा ब्रह्मा कुंड के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत सिंह, विधायक रामचंद्र यादव, राम मंदिर समर्थक मुस्लिम नेता बबलू खान, जिला भाजपा अध्यक्ष संजीव सिंह, महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्र, कासेवकपुरम के प्रभारी शिवदास सिंह आदि प्रमुख रहे। इस बीच नेपाल से रामलला की मूर्ति के लिए आई शिला को शिरोधार्य करने की होड़ मची रही। कोई उसके आगे नतमस्तक हो रहा था, कोई उस पर टीका लगा रहा था तो कोई शिलाओं के साथ सेल्फी ले रहा था।

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