शाहपुर सुक्खा के निवासी श्रेयांश राजपूत ने राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्मू के सामने गर्व से पुणे (महाराष्ट) के खड़गवासला में पासिंग आउट परेड में शामिल होकर अपनी NDA कोर्स नम्बर 145 की कठिन ट्रेनिंग सफलता पूर्वक पूरी की है, जिसने उन्हें देश की वायु- सेना के लिए तैयार किया है।
श्रेयांश राजपूत ने अपनी बचपन से ही भारतीय वायु सेना में जहाज उड़ाने का सपना देखा था और इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए उन्होंने खड़गवासला में कठिनाइयों का सामना करते हुए तीनों सेनाओं की सयुंक्त ट्रेंनिग में अद्भूत समर्पण और सहनशीलता ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचा दिया।
श्रेयांश की NDA में हासिल की गई आल इंडिया मेरिट में 282वाँ स्थान होना उनके परिश्रम की चमक थी। उनकी प्रेरणा के स्रोत के रूप में इस सम्मान ने उन्हें और भी मजबूती दी। उनके परिश्रम और समर्पण का यह स्तर दर्शाता है कि आज वह अपने सपने की दिशा में अग्रसर हैं और एयरफोर्स में फाइटर प्लेन उड़ाने की ओर बढ़ रहे हैं।
श्रेयांश की सफलता पर हमें यह गर्व है कि हमारे बिजनौर के छोटे से गांव का एक युवा इतनी ऊंचाइयों तक पहुंचा है। उनके माता-पिता, परिवार, और गाँव वालों के लिए यह एक गौरव का पल है, जिसमें हम सभी श्रेयांश के साथ हैं।
अब, श्रेयांश को एयरफोर्स की एक साल की स्पेशल ट्रेनिंग के लिए AFA दुंदिगल, तेलंगाना जाना होगा, जिसे पूरी कर वह फ्लाइंग ऑफिसर के पद कमीशंड हो जायेंगे,इस ट्रेनिग के माध्यम से उन्हें नई कौशल और ज्ञान की प्राप्ति होगी, जो उन्हें वायुसेना के एक अद्वितीय ऑफिसर बनने के लिए मदद करेगी ।
श्रेयांश से हुई बातचीत में उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिजनों, एशियन स्कूल (देहरादून) के शिक्षक/शिक्षिकाओं, NDA के ट्रेनर, मेजर, फ्लाइंग आफिसर और कठिन परिश्रम को दिया । श्रेयांश राजपूत ने बताया कि खड़गवासला में ट्रेनिंग के समय जरा सी गलती की भी गुंजाइश नहीं होती है, जरा भी चूक होने पर रात रात भर जागकर, दौड़कर और पानी मे खड़ा रहकर, कड़ी धूप में खड़ा रहकर आदि सजा भुगतनी होती है ।