(14 की उम्र में शुरू किया लेखन, कई रचनाओं का प्रादेशिक भाषा में अनुवाद)
द न्यूज 15
चंडीगढ़। भिवानी जिले के युवा साहित्यकारों में सत्यवान ‘सौरभ’ का नाम खास है। किसान परिवार और अभाव में पले-बढ़े सत्यवान ‘सौरभ’ वर्तमान विषयों पर या किसी भी घटना या तथ्य पर लघु कथा, कहानी, कविता लिखने की महारत रखते हैं। आर्थिक तंगी में भी संघर्षों को पीठ न दिखाने वाले सत्यवान ‘सौरभ’ की कई पुस्तकें भी छप चुकी हैं। कई बड़े-बड़े सम्मानों से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। खंड के सबसे बड़े गाँव बड़वा के रहने वाले सत्यवान ‘सौरभ’ हरियाणा पशुपालन विभाग में वेटरनरी इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। परन्तु ये राजनितिक विज्ञान में प्रथम श्रेणी से मास्टर है और साथ-साथ रिसर्च के छात्र भी हैं।
14 वर्ष की उम्र से लेखन में सक्रिय सत्यवान ‘सौरभ’ के पिता किसान एवं माता कौशल्या देवी गृहणी हैं। 31 वर्षीय सत्यवान ‘सौरभ’ आज लेखन के क्षेत्र में सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर एक जाना-पहचाना नाम हैं। निर्धनता और अभाव में ट्यूशन पढ़ाकर निजी विद्यालयों में किसी तरह शिक्षण कार्य करके पहले पशुपालन में डिप्लोमा और फिर स्नातक की परीक्षा गणित एवं राजनितिक विषय से पास की। परिवार में पत्नी प्रियंका ‘सौरभ’ के साथ वे नौकरी एवं शिक्षण के साथ स्वतंत्र लेखन का कार्य करते रहते हैं।
हज़ारों दैनिक, मासिक, पाक्षिक अखबारों में जहां उनके सम्पादकीय लेख छपते रहते हैं वहीं उनकी कविताएं एवं दोहे देश की अनेक नामी पत्र-पत्रिकाओं में भी छप चुके हैं। यूट्यूब चैनलों और इंटरनेट मीडिया में उनके लिखे दोहों की व्यापक चर्चा है। दोहों पर हरियाणा साहित्य अकादमी से स्वीकृत उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘तितली है खमोश’ आ चुकी है, जो ऐमज़ॉन और फ्लिपकार्ट पर काफी पॉपुलर है। मंचों से रचनापाठ व आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से सौरभ रचनापाठ करते हैं जबकि कुछ रचनाओं का उड़िया अंग्रेजी, पंजाबी,नेपाली,मराठी आदि भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है।
ये हैं प्रकाशित पुस्तकें : सत्यवान ‘सौरभ’ की प्रकाशित पुस्तकों में यादें (काव्य संग्रह ) जो इन्होने मात्र सौलह वर्ष की उम्र में कक्षा ग्यारह में पढ़ते हुए लिखा और प्रकाशित करवाया, कुदरत की पीर (निबंध संग्रह) इश्यूज एंड पैन्स (अंग्रेजी निबंध संग्रह) और तितली है खामोश (दोहा संग्रह) के साथ-साथ अनेक सांझे संकलनों में उनकी रचनाएँ छपी है, इंटरनेट पर अनेक साहित्यिक कोशों में इनकी रचनायें शामिल हैं। वैसे तो सत्यवान ‘सौरभ’ को अब तक मिले सम्मानों की फेहरिस्त काफी लंबी है, लेकिन इनमें प्रमुख रूप से अंतरराष्ट्रीय भाषा सम्मान, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, भिवानी द्वारा युवा साहित्यकार सम्मान, आईoपीoएसo मनुमुक्त मानव श्रेष्ठ युवा लेखिनी सम्मान प्रमुख हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सहित कई प्रसिद्ध संस्थाओं द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
चंडीगढ़। भिवानी जिले के युवा साहित्यकारों में सत्यवान ‘सौरभ’ का नाम खास है। किसान परिवार और अभाव में पले-बढ़े सत्यवान ‘सौरभ’ वर्तमान विषयों पर या किसी भी घटना या तथ्य पर लघु कथा, कहानी, कविता लिखने की महारत रखते हैं। आर्थिक तंगी में भी संघर्षों को पीठ न दिखाने वाले सत्यवान ‘सौरभ’ की कई पुस्तकें भी छप चुकी हैं। कई बड़े-बड़े सम्मानों से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। खंड के सबसे बड़े गाँव बड़वा के रहने वाले सत्यवान ‘सौरभ’ हरियाणा पशुपालन विभाग में वेटरनरी इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। परन्तु ये राजनितिक विज्ञान में प्रथम श्रेणी से मास्टर है और साथ-साथ रिसर्च के छात्र भी हैं।
14 वर्ष की उम्र से लेखन में सक्रिय सत्यवान ‘सौरभ’ के पिता किसान एवं माता कौशल्या देवी गृहणी हैं। 31 वर्षीय सत्यवान ‘सौरभ’ आज लेखन के क्षेत्र में सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर एक जाना-पहचाना नाम हैं। निर्धनता और अभाव में ट्यूशन पढ़ाकर निजी विद्यालयों में किसी तरह शिक्षण कार्य करके पहले पशुपालन में डिप्लोमा और फिर स्नातक की परीक्षा गणित एवं राजनितिक विषय से पास की। परिवार में पत्नी प्रियंका ‘सौरभ’ के साथ वे नौकरी एवं शिक्षण के साथ स्वतंत्र लेखन का कार्य करते रहते हैं।
हज़ारों दैनिक, मासिक, पाक्षिक अखबारों में जहां उनके सम्पादकीय लेख छपते रहते हैं वहीं उनकी कविताएं एवं दोहे देश की अनेक नामी पत्र-पत्रिकाओं में भी छप चुके हैं। यूट्यूब चैनलों और इंटरनेट मीडिया में उनके लिखे दोहों की व्यापक चर्चा है। दोहों पर हरियाणा साहित्य अकादमी से स्वीकृत उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘तितली है खमोश’ आ चुकी है, जो ऐमज़ॉन और फ्लिपकार्ट पर काफी पॉपुलर है। मंचों से रचनापाठ व आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से सौरभ रचनापाठ करते हैं जबकि कुछ रचनाओं का उड़िया अंग्रेजी, पंजाबी,नेपाली,मराठी आदि भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है।
ये हैं प्रकाशित पुस्तकें : सत्यवान ‘सौरभ’ की प्रकाशित पुस्तकों में यादें (काव्य संग्रह ) जो इन्होने मात्र सौलह वर्ष की उम्र में कक्षा ग्यारह में पढ़ते हुए लिखा और प्रकाशित करवाया, कुदरत की पीर (निबंध संग्रह) इश्यूज एंड पैन्स (अंग्रेजी निबंध संग्रह) और तितली है खामोश (दोहा संग्रह) के साथ-साथ अनेक सांझे संकलनों में उनकी रचनाएँ छपी है, इंटरनेट पर अनेक साहित्यिक कोशों में इनकी रचनायें शामिल हैं। वैसे तो सत्यवान ‘सौरभ’ को अब तक मिले सम्मानों की फेहरिस्त काफी लंबी है, लेकिन इनमें प्रमुख रूप से अंतरराष्ट्रीय भाषा सम्मान, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, भिवानी द्वारा युवा साहित्यकार सम्मान, आईoपीoएसo मनुमुक्त मानव श्रेष्ठ युवा लेखिनी सम्मान प्रमुख हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड सहित कई प्रसिद्ध संस्थाओं द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।